15-01-2012, 12:23 PM | #1 |
Diligent Member
|
दोहावली
मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे ,मैं तो तेरे पास में
ना तीरथ में ना मूरत में , ना एकांत निवास में ना मंदिर में ना मस्जिद में ,ना काशी कैलास में मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे ,मैं तो तेरे पास में ना मैं जप में ना मैं तप में ,ना मैं ब्रत उपबास में मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे ,मैं तो तेरे पास में ना मैं किरिया करम में रहता नहीं जोग सन्यास में मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे ,मैं तो तेरे पास में खोजी हो तो तुरत पा जाये पल भर की तलाश में कहे कबीर सुनो भाई साधो , मैं तो हूँ बिस्वास में =========================== यह एक बूढे तोते की आवाज़ है , यदि कर्कश लगे तो क्षमा करना ! =========================== निवेदक : व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" सहयोग : श्रीमती कृष्णा भोला श्रीवास्तव |
Bookmarks |
|
|