14-03-2014, 08:26 AM | #1 |
Diligent Member
|
दो होली कुण्डलिनियाँ- आकाश महेशपुरी
॰॰॰ 1- होली के हुड़दंग मेँ, मस्ती का यह ढंग। जी चाहे हर रंग को, रख लूँ अपने संग। रख लूँ अपने संग, अंग से इसे लगा लूँ। पी लूँ थोड़ा भंग, संग तेरे मैँ गा लूँ।। 2- होली यह तेरे बिना, देती दर्द अपार। रंगोँ की बौछार मेँ, सूखा है त्योहार। सूखा है त्योहार, यार मैँ भी मुरझाया। ना तूँ मेरे यार, नहीँ संदेशा आया।। कुण्डलिनियाँ- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
14-03-2014, 01:17 PM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: दो होली कुण्डलिनियाँ- आकाश महेशपुरी
होली के शुभ अवसर पर आपकी कविताओं का अभिनन्दन करते हुये अपार हर्ष हो रहा है, मित्र. धन्यवाद.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
16-03-2014, 10:01 AM | #3 |
Diligent Member
|
Re: दो होली कुण्डलिनियाँ- आकाश महेशपुरी
|
Bookmarks |
|
|