23-01-2013, 08:36 PM | #1 |
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मेरा गम - संजीव
प्यार के लिए , और वो बोले खुदा कभी किसी एक का नही हुआ "संजीव" |
23-01-2013, 10:51 PM | #2 |
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Re: मेरा गम - संजीव
आगाज़ तो बेहद इम्प्रेसिव है, माशाअल्लाह। लेकिन आगे भी तो आने दीजिए, जनाबे-आला। इस थ्रेड का मकसद तभी समझ में आएगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
24-01-2013, 04:58 AM | #3 |
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Re: मेरा गम - संजीव
सही जा रहे हो ..........
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-01-2013, 08:46 AM | #4 |
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Re: मेरा गम - संजीव
आगे की लाइन्स कहाँ हैं बंधू।
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
24-01-2013, 03:08 PM | #5 |
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Re: मेरा गम - संजीव
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24-01-2013, 09:17 PM | #6 |
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दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
एहसान नही जिंदगी तेरा मुझ पर,
मैने हर सांस की कीमत दी है यहां "संजीव" |
24-01-2013, 10:07 PM | #7 |
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Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
बहुत बढ़िया संजीवजी। यह तो बानगी थी, कुछ और भी पेश करें, तभी पता चलेगा कि सूत्र कहां तक जाएगा।
अगर काव्यात्मक भाषा में कहूं, तो - लिफाफा सौंप कर खो गया कहीं कासिद कोरे कागज़ को पढने में मशगूल हैं हम।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
25-01-2013, 09:02 AM | #8 |
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Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
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25-01-2013, 09:49 AM | #9 |
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मेरा गम शेयरी- संजीव
उडाओ न मजाक मेरा ऐसे दोस्तो,
कही मोहब्बत तुमे भी मुझसा पागल न करदे "संजीव" |
14-02-2013, 12:05 AM | #10 |
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Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
यूँ न देख मेरे कब्र की तरफ,
तेरे आँखों में अश्क मुझसे देखे नहीं जाते.... |
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