07-05-2012, 12:04 PM | #7721 |
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गडकरी व जेटली ने पढ़ाया अनुशासन का पाठ, सोलंकी ने दिल्ली में की शिकायत जयपुर। गुलाबचन्द कटारिया की यात्रा के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी में जयपुर से दिल्ली तक घमासान मच गया है। जयपुर में जहां प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने तीखे तेवर दिखाते हुए करीब तीन दर्जन विधायकों और विभिन्न जिला पदाधिकारियों के इस्तीफे दिलाकर अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया है, वहीं सकते में आए पार्टी आलाकमान ने भी राजे के रवैये के प्रति नाराजगी जताई है। पता चला है कि अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित कई नेता वसुंधरा राजे के तेवरों को लेकर सख्त नाराज बताए जाते हैं। गडकरी ने वसुंधरा राजे से दो टूक शब्दों में अड़ियल रवैया छोड़ते हुए पार्टी हित में काम करने को कहा है। इसके बाद वसुंधरा ने तेवर ढीले करते हुए जो कुछ भी हुआ, उसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताते हुए मिल बैठकर सुलझा लेने की बात कही। इसके साथ ही रविववार सुबह से राजे के निवास पर उनके समर्थन में पहुंचे विधायकों व विभिन्न जिला पदाधिकारी भी रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार इस तमाम घटनाक्रम को लेकर उपाध्यक्ष किरन माहेश्वरी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की संभावना है। प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने भी माहेश्वरी के बर्ताव की शिकायत की है। प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित प्रदेश प्रभारी सोलंकी ने शनिवार के घटनाक्रम के बारे में देर रात ही अध्यक्ष गडकरी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वाराज को जानकारी दी। दोनों नेताओं ने वसुंधरा राजे के रवैये को पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। प्रदेशाध्यक्ष ने तो यहां तक कहा बताया कि राजे संगठन से किनारा कर समानांतर संगठन चला कर दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार शनिवार को कोर ग्रुप की बैठक में कटारिया की यात्रा पर संघ समर्थकों के एकजुट हो जाने से वसुंधरा राजे खुद को अकेली महसूस कर रही थी। संघ समर्थक चाहते थे कि कटारिया की यात्रा पार्टी बैनर पर नए कार्यक्रम के साथ आयोजित की जाए जबकि राजे इसके सख्त खिलाफ थी। राजे चाहती थी कि यात्रा किसी भी हालत में रद्द की जाए। उनका तर्क था कि कार्यकर्ता ऐसा नहीं चाहते। सूत्रों के अनुसार बैठक में मौजूद ज्यादातर नेताओं का कहना था कि कार्यकर्ता नाराज नहीं हैं बल्कि कुछ लोग नाराज हैं, उन्हें समझाया जाएगा। इसके बाद राजे खुद को अकेली पाकर गुस्से में बैठक छोड़कर बाहर आ गई। वसुंधरा राजे ने पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत बीती देर रात से ही विधायकों को जयपुर पहुंचने के निर्देश दे दिए थे। रविवार सुबह तक राजे के सरकारी निवास पर 50 से ज्यादा पार्टी विधायक जमा हो गए। इन विधायकों ने राजे के समर्थन में अपने इस्तीफे उन्हें सौंप दिए। जयपुर शहर के एक विधायक ने कहा कि दिल्ली से फोन आने के बाद शाम को सारा नाटक खत्म हो गया। विधायक के अनुसार, मैंने भी इस्तीफा दिया पर पता नहीं क्या हुआ? वसुंधरा राजे के समर्थन मे इस्तीफा देने वाले विधायकों के बारे में प्रदेश संगठन ने जानकारी नहीं होने की बात कही है। संगठन के एक प्रमुख पदाधिकारी के अनुसार न तो प्रदेश संगठन को और न ही आलाकमान स्तर पर किसी का इस्तीफा मिला है। जानकारों का कहना है कि मीडिया के समक्ष इस्तीफे की पेशकश करने पर वसुंधरा राजे पर कार्यवाही का खतरा मंडरा रहा है। बताया जाता है कि प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने आलाकमान से राजे को तलब किए जाने की मांग की है। सोलंकी रविवार को दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार, इससे पहले भी कई प्रदेशों में इस तरह के बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं के खिलाफ कार्यवाही हुई है और उन्हें पद से हाथ धोना पड़ा है। इन्होंने दिए इस्तीफे वसुंधरा राजे के एक नजदीकी के अनुसार संगठन पर दबाव बनाने के मकसद से विधायक कालीचरण सराफ, दिगंबर सिंह, ज्ञानदेव आहूजा, रोहिताश्व शर्मा, रामहेत यादव, ओम बिड़ला, प्रभुलाल सैनी, राजपाल सिंह शेखावत, भवानी सिंह राजावत, अशोक परनामी, मोहनलाल गुप्ता, बाबूलाल बैरवा, डॉ. जसवंत यादव, कृष्णेन्द्र कौर, अब्दुल सगीर, बहादुर सिंह, कल्याण सिंह, रविन्द्र सिंह, अर्जुन लाल गर्ग, सुखराम मेड़तिया, बंशीधर खंडेलवाल, सुखराम कोली, राधेश्याम गंगानगर सहित कई अन्य विधायकों ने अपने इस्तीफे वसुंधरा राजे को सौंपे हैं। इन विधायकों को बीती रात ही तत्काल जयपुर पहुंचने का संदेश भिजवाया गया था।
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07-05-2012, 12:06 PM | #7722 |
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कटारिया का बगावत से इंकार, यात्रा का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण बताया
जयपुर। प्रदेश भाजपा की अंदरूनी कलह पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया के जनजागरण यात्रा के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। कटारिया ने हालांकि किसी भी तरह की बगावत से इंकार किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी इस मुददे पर मौन हैं। कटारिया ने शनिवार की घटना और लोक जागरण यात्रा का विरोध करने के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हंू और इस नाते मैं पार्टी को कमजोर नहीं होने दूंगा। यही कारण है कि मैंने पार्टी की एकता के लिए अपनी प्रस्तावित लोक जागरण यात्रा निरस्त कर दी है। कटारिया ने समाचार एजेंसी से कहा कि मैंने तो मेवाड़ क्षेत्र में पार्टी की मजबूती के लिए 28 दिन की यात्रा निकालने की बात की थी लेकिन हैरानी हुई कि पार्टी के लोगों ने ही इसका विरोध किया। मैं पार्टी की भलाई और मजबूती के लिए काम कर रहा हूं और जब तक जान है करता रहूंगा। रथयात्रा निरस्त होने से कार्यकर्ता मासूस उदयपुर से खबर है कि कटारिया की मेवाड़ में प्रस्तावित जनजागरण यात्रा निरस्त होने से कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है। कटारिया समर्थकों में निराशा का माहौल है तथा सभी तैयारियां बंद कर दी गई हैं। यात्रा के तैयार रथ को वापस बिखेरा जा रहा है। दूसरी ओर, पार्टी की राष्टñीय महासचिव किरण माहेश्वरी गुट के लोगों में कटारिया की यात्रा निरस्त होने से खुशी का माहौल है। कहा जा रहा है कि रथयात्रा के विरोध में राजसमंद की विधायक किरण माहेश्वरी, नाथद्वारा के विधायक कल्याण सिंह चौहान तथा हरिसिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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07-05-2012, 12:07 PM | #7723 |
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मुस्लिमों को 4.5 फीसदी आरक्षण वाजिब : खुर्शीद
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा-‘इक्वल अपॉरचुनिटी कमीशन’ से खत्म होगा आरक्षण का झगड़ा जयपुर। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात एवं कानून व न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने मुसलमानों को पिछड़े वर्ग में दिए गए 4.5 फीसदी आरक्षण को वाजिब ठहराया है। उन्होंने कहा कि इससे मुसलमानों के लिए नौकरियों के अवसर दुगने होंगे। उन्होंने कहा कि अभी मुसलमानों को जितना मिल रहा है उसका फायदा लीजिए आगे और देखा जाएगा। खुर्शीद रविवार को यहां बिरला आडिटोरियम में आल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी के नवें वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन पहले सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। ‘मुस्लिमों को शिक्षा, सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में आ रही समस्याओं, चुनौतियों व समाधान’ विषय पर आयोजित इस सत्र में उन्होंने देश की आरक्षण समस्या को विस्तार से रेखांकित करते हुए कहा कि मुसलमानों को आबादी के हिसाब से 4.22 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए था, जबकि 4.5 फीसदी आरक्षण केन्द्र ने दिया है। उन्होंने रंगनाथ मिश्र एवं सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह सौदे वाली नहीं बल्कि इंसाफ की लड़ाई है। उन्होंने अल्पसंख्यकों को दिए गए 4.5 फीसदी आरक्षण के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण व्यवस्था 50 प्रतिशत तक तय कर रखी है, इसलिए इससे ज्यादा आरक्षण देना संभव नहीं था। उन्होंने प्राइवेट सैक्टर में रिजर्वेशन की चर्चा करते हुए कहा कि यह देखना होगा कि इससे कहीं निवेश तो प्रभावित नहीं होगा। खुर्शीद ने कहा कि हमारा फायदा कौम को एकजुट रखने में है। कौम के बीच दीवार खड़ी होने से किसी को फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन मौलानाओं ने नहीं बुद्धिजीवियों ने करवाया था। अब तक यह धारणा थी कि मौलानाओं की वजह से देश का विभाजन हुआ जबकि असली वजह बुद्धिजीवी थे। उन्होंने सच्चर कमेटी की ओर से सुझाए गए ‘इक्वल अपॉरचुनिटी कमीशन’ की बहस पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर इस कमीशन पर अमल हो गया तो आरक्षण का झगड़ा ही खत्म हो जाएगा और सभी लोगों को समान अवसर मिलने में मदद मिलेगी। खुर्शीद ने ‘मैकेनिज्म आॅफ डिलीवरी’ की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया में आर्थिक मंदी के बावजूद केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण भारत पर इसका असर नहीं पड़ा। उन्होंने इस संदर्भ में भारत की जीडीपी एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश में अभी बहुत काम होना है, जिसके लिए जीडीपी दर को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार केन्द्र पर दबाव बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को डिमाण्ड बेस बनाने की कोशिश चल रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 12वीं योजना में मल्टी सेकरोटोल कम्युनिटी डवलपमेंट सेंटर बनाने पर भी विचार चल रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने मुसलमानों का आव्हान किया कि वे अपनी आवाज बुलंद कर अपना हक मांगे। उन्होंने इस बात की जरूरत बताई कि हम कौमी जिंदगी में शिरकत का क्या मॉडल बनाना चाहते हैं, इस पर विचार किया जाए। राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष माहिर आजाद ने दक्षिण राज्यों की तरह राजस्थान में भी शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने जयपुर में मुस्लिम हॉस्टल के लिए दस बीघा जमीन टोकन मनी पर देने का आग्रह किया। इसके अलावा दस्तकारों को रीको में आरक्षण देने एवं जिला मुख्यालयों पर दस्तकार नगर बनाने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुस्लिम विद्यार्थी को स्कॉलरशिप मिलनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आॅनलाइन स्कॉलरशिप व्यवस्था से गांवों में बिजली न आने पर विद्यार्थियों को कैसे इसका लाभ मिलेगा? आजाद ने राज्य सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के लिए घोषित 10 आईआईटी का काम शीघ्र शुरू करने और उर्दू की डिग्रियों पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की। अध्यक्षीय भाषण में कांफ्रेंस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस फखरूद्दीन ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि तालीमी हालात एवं आर्थिक स्तर सुधारने के लिए बच्चों एवं युवाओं के लिए अनुकूल माहौल बनाना होगा। जमाते इस्लामी हिंद के राष्टñीय सचिव सलीम इंजीनियर ने कहा कि हमें आत्म विश्वास बढ़ाना होगा और मेहनत के साथ तालीमी क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने पिछले कुछ समय में कई क्षेत्रों में तरक्की की है। आज मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर आतंकित किया जा रहा है। आज किसी भी मुस्लिम को अपने डॉक्टर या इंजीनियर बेटे के सकुशल घर लौटने का भरोसा नहीं है कि कब उसे आतंकवादी ठहराकर जेल में बंद कर दिया जाए। नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज के सदस्य डॉ. शकीलुज्जमा ने 4.5 फीसदी आरक्षण के बारे में केन्द्रीय कानून मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह आरक्षण केन्द्रीय नौकरियों में सभी अल्पसंख्यकों पर लागू होगा जबकि अभी तक मुसलमान ओबीसी के तहत 27 फीसदी का लाभ ले रहे थे। उन्होंने इसे सही दिशा में उठाया गया पहला कदम बताया और मुस्लिम समुदाय से इन दिनों चल रही जातिगत जनगणना में भाग लेने का आह्वान किया। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री इब्राहिम कुरैशी ने कहा कि हाल ही आए शिक्षा के अधिकार अधिनियम से अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को संविधान के अनुच्छेद 29 एवं 30 में मिलने वाले लाभ से वंचित कर दिया गया है, इसलिए हमारे सामने यह चुनौती है कि आरक्षण की चल रही प्रक्रिया का हम अपने हित में उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पिछड़े वर्ग ओबीसी एवं एसटी में पहले से ही शामिल हैं। प्रारंभ में सोसायटी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष ख्वाजा खलीलुलाह ने स्वागत भाषण दिया। संचालन सोसायटी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डॉ. आजम बेग ने किया। अधिवेशन में पूर्व राज्यपाल जस्टिस फातिमा बीबी, आल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी के उपाध्यक्ष के.के. अबूबकर, सोसायटी की केरल इकाई के अध्यक्ष डॉ. पी.ए. फजल गफूर, सोसायटी के महासचिव टी.पी. इम्बाचमद सहित अनेक पूर्व जन एवं मुस्लिम समुदाय की अनेक नामी गिरामी शख्सियत मौजूद थीं।
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07-05-2012, 01:57 PM | #7724 |
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फ्रांस में ‘मिस्टर नार्मल ’ होलांदे अब जायेंगे एलिसी महल
पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान अपने आप को ‘मिस्टर नार्मल’ कहकर आम मतदाताओं की चिंताओं को जानने की कोशिश करने वाले फ्रेंकोइस होलांदे अब ‘एलिसी पैलेस’ की शोभा बढायेंगे, लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद समाजवादी फ़्रैन्कोइस होलांदे के समक्ष बतौर यूरोजोन की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु संपन्न स्थायी सदस्य फ्रांस के नेता के रूप में आम चुनौतियों से परे हटकर कई बड़ी चुनौतियां हैं। करीब सालभर पहले बहुत ही कम लोगों को आशा थी कि 57 वर्षीय होलांदे अपना आसियाना एलिसी महज में ले जा सकेंगे। तब तत्कालीन आईएमएफ प्रमुख डोमनिक स्ट्राउस कानहन को समाजवादी उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था लेकिन यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद मई में वह इस वह औंधे मुंह गिर गये और नसीब ने होलांदे को इस मुकाम पर ला खडा किया । होलांदे ने 57 वर्षीय साराकोजी के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने का सपना चकनाचूर करते हुए यह कामयाबी हासिल की है।
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07-05-2012, 01:59 PM | #7725 |
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भारत ने बांग्लादेश को दिये 20 करोड़ डालर के रिण को अनुदान माना
ढाका। भारत ने कहा कि वह बांग्लादेश को दी गई एक अरब डालर की रिण सुविधा में से 20 करोड़ डालर की राशि उसे दान स्वरुप देगा और यह कर्ज नहीं होगा। इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश के साथ सभी द्विपक्षीय समझौते पर अमल करने का वादा भी किया और इस तरह नयी दिल्ली में संयुक्त सलाहकार आयोग की होने वाली पहली बैठक से पहले सकारात्मक माहौल तैयार किया। अपनी यात्रा के समापन से पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में कोई भी निर्वाचित सरकार हो, भारत उसके साथ काम करने को तैयार हो और उसका दृष्टिकोण दोस्ताना बना रहेगा। इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना, विपक्ष की नेता बेगम खालिदा जिया से भेंट की। उनका यह बयान संयुक्त सलाहकार आयोग की उस बैठक से एक दिन पहले आया है जिसमें जल संसाधन समझौते, सुरक्षा, व्यापार, सीमा पार बिजीी आपूर्ति समेत विविध द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक की सह अध्यक्षता दोनों देशों के विदेश मंत्री करेंगे। मुखर्जी ने कहा कि आज हसीना के साथ बैठक के दौरान के दौरान उन्होंने उन्हें बताया कि भारत ने बांग्लादेश को जो एक अरब डालर का ऋण दिया था, उसमें से 20 करोड़ डालर उसने अनुदान मानने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘आज, मैंने 20 करोड़ डालर को अनुदान मानने के भारत सरकार के फैसले से अवगत कराया।’ उन्होंने कहा कि 81 करोड़ डालर लागत की परियोजनाओं की पहचान की गयी है और उनपर काम चल रहा है। पांच अनुबंध पहले ही हो चुके हैं । ऋण की शेष राशि पर एक फीसदी ब्याज होगा। मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछले साल बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर न होने के लिए गठजोड़ वाली राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘हमारे जैसे लोकतंत्र में इस प्रक्रिया में अमूमन देर हो जाती है।’ उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मामले हैं जिन्हें सुलझाना जरूरी है और इस मुद्दे पर सहमति कायम करने के लिए राज्य सरकार को विश्वास में लेने का प्रयास चल रहा है। भारत और बांग्लादेश पिछले साल तीस्ता जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर सके क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आखिरी क्षण में इस समझौते का विरोध किया जो एक ऐतिहासिक समझौता हो सकता था। पिछले साल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ढाका यात्रा के दौरान हुए भू सीमा समझौते पर भारत के अनुमोदन के बारे में वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि इसमें समय लगेगा। जब उनका ध्यान इस ओर खींचा गया कि बांग्लादेश में यह अवधारणा है कि भारत के साथ समझौते तो होते हैं लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि कुछ काम नहीं होता, उन्होंने कहा कि वह इस अवधारणा से इत्तेफाक नहीं रखते। जब उनसे इस अवधारणा के बारे में सवाल किया गया कि बांग्लादेश में जब एक दल :हसीना की अगुवाई वाली आवामी लीग: सत्ता में आता है तो भारत के साथ उसका संबंध अच्छा होता है लेकिन बीएनपी की सरकार के साथ ऐसा नहीं होता, मुखर्जी ने कहा, ‘लोकतंत्र में आखिरकार जनता अपनी सरकार चुनती है। हम बांग्लादेश की जनता, सरकार से दोस्ताना हैं जो जनता द्वारा चुनी हुई है।’ गुरु रवींद्र नाथ टैगोर की 150वीं जयंती के मौके पर होने वाले समारोह में भाग लेने वित्त मंत्री कल शाम यहां दो दिन की यात्रा पर पहुंचे थे।
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07-05-2012, 02:52 PM | #7726 |
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पुतिन आज तीसरी बार संभालेंगे राष्ट्रपति का पदभार
मास्को। तेजी से बदल रहे समाज की चुनौतियों और अपने 12 साल के वर्चस्व के खिलाफ शुरू हुए विरोध के बीच ब्लादिमिर पुतिन आज तीसरी बार राष्ट्रपति पद का कामकाज संभालेंगे। दिमेत्री मेदवेदेव के चार साल तक राष्ट्रपति रहने के कारण क्रेम्लिन से चार साल तक बाहर रहे पुतिन आज एक भव्य समारोह में पदभार ग्रहण करेंगे। लगातार दो बार राष्ट्रपति पद संभालने के बाद तीसरी बार पद संभालने को लेकर बनी संवैधानिक बाध्यता के कारण मेदवेदेव वर्ष 2008 में राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे। वर्ष 2000 में बोरिस येल्तसिन के त्यागपत्र के बाद पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला था। लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी पुतिन ही एक तरह से देश के राष्ट्रपति का कामकाज देख रहे थे। विश्लेषकों का कहना है कि उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों और इंटरनेट पर चल रहे अभियान के कारण उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। मास्को में कल पुलिस ने पुतिन विरोधी रैली कर रहे लोगों को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया। विरोध आंदोलन के तीन महत्वपूर्ण नेताओं सहित 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुतिन (59) को आज दोपहर बाद शपथ दिलाई जाएगी और उस समय मेदवेदेव उन्हें राष्ट्रपति कार्यालय की पारंपरिक स्वर्ण निर्मित वह चेन सौंपेंगे, जिसमें बाज के दो सिरों वाला निशान बना है। संविधान पर हाथ रखकर पुतिन राष्ट्रपति के दायित्व के निर्वहन की शपथ लेंगे।
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गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं रोमनी: ओबामा अभियान
वाशिंगटन। राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा चुने जाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से कल शुरू हुए चुनावी अभियान में उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी मिट रोमनी पर चीन के असंतुष्ट के मामले में ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयान देने का आरोप लगाया। ओबामा के अभियान के वरिष्ठ नीतिकार डेविड एक्सलरॉड ने एबीसी समाचार को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘बड़ी शर्मिंदगी की बात है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इतना गिर चुके हैं कि वे अधूरी जानकारी के आधार पर ऐसे वक्त बयानबाजी करते हैं, जब राष्ट्रपति और प्रशासन एक बेहद नाजुक और कठिन मसले का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।’ डेविड ने ये बातें उस सवाल के जवाब में कहीं जिसमें उनसे चीन के असंतुष्ट चेन गुवानचेंग के मामले में रोमनी की ओर से की गई ओबामा प्रशासन की निंदा के बारे में पूछा गया था।
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रोमनी के अभियान का समर्थन करेंगे गिंगरिच
वाशिंगटन। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा के पूर्व अध्यक्ष नेविट गिंगरिच ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी बराक ओबामा की अपेक्षा अधिक कंजरवेटिव हैं और वह रोमनी का समर्थन करते हैं। रविवार को आयोजित होने वाले सीबीएस समाचार के एक टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान गिंगरिच ने कहा कि वह रोमनी और उनके अभियान का समर्थन करेंगे। गौरतलब है कि पिछले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से नाम वापस लेने से पहले कुछ महीनों के दौरान रोमनी और गिंगरिच के बीच काफी तनाव रहा।
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टिंबकटू में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त मकबरा जलाया गया
बमाको। उत्तरी माली के एक इस्लामी समूह के नए सदस्य ने टिंबकटू स्थित एक ऐसे संत के मकबरे को जला दिया है जिसे यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त था। अंसार डाइन नाम के इस समूह के प्रवक्ता सैंडा ओल्ड बोउमामा ने आज एपी को इस बात की जानकारी दी। यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार सीदी मुहम्मद बेन अमर नाम के संत के इस मकबरे को टिंबकटू में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल का दर्जा हासिल था।
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पाकिस्तान में सुरक्षाबलों पर आतंकवादी हमले, नौ सैनिक मारे गए
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान कबायली इलाके में सुरक्षाबलों के एक काफिले पर आतंकवादियों के हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में नौ सैनिक और तालिबान समर्थक तीन लड़ाके मारे गए । उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी में मुख्य शहर मिरानशाह के समीप आतंकवादियों ने फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के काफिले पर रॉकेट दागा जिसके बाद दोनों पक्षों में संघर्ष शुरू हो गया। यह संघर्ष करीब दो घंटे तक चला। इस क्षेत्र में मौजूद पत्रकारों ने कहा कि जंगी हेलीकॉप्टरों ने आतंकवादियों पर गोले बरसाए। सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि इस सघर्ष में उसके नौ सैनिक मारे गए। मिरानशाह से प्राप्त रिपोर्टोंं में कहा गया है कि कम से कम तीन आतंकवादी मारे गए जबकि सेना के बयान के अनुसार सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में विद्रोहियों में काफी लोग हताहत हुए। घायल सैनिकों को हेलीकॉप्टर से से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू शहर में एक अस्पताल ले जाया गया। सेना ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से मिरानशाह में आतंकवादी सुरक्षाबलों की एक चौकी पर गोलीबारी कर रहे थे। बयान में कहा गया है, काफिले की आवाजाही के दौरान आतंकवादियों ने चौकी पर हमला किया और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। भीषण संघर्ष में उस परिसर को ध्वस्त कर दिया गया जहां से आतंकवादी गोलीबारी कर रहे थे और उनमें काफी लोग हताहत हुए। मरने वाले आतंकवादियों की सटीक संख्या का पता नहीं चल पाया है। इसी क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन हमले में 10 आतंकवादियों के मारे जाने के अगले ही दिन यह संघर्ष हुआ। आतंकवादियों को ले जा रहे एक वाहन पर गोला दागे जाने से तीन आतंकवादी मारे गए। जफर टाउन इलाके में एक मस्जिद में दूसरा गोला गिने से करीब 20 लोग घायल हो गए। मस्जिद से लाउडस्पीकर से लोगों से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने करने का आग्रह किया गया। इलाके के मुख्य अस्तपाल में आपात की घोषणा कर दी गयी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस संघर्ष में कौन सा आतंकवादी गुट शामिल था। हाफिज गुल बहादुर की अगुवाई वाला मुख्य तालिबान गुट का सरकार के साथ संघर्षविराम चल रहा है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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