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27-03-2011, 05:36 AM | #1 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
जीजा - हमसे किसी ने कहा ही नाई
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Gaurav kumar Gaurav |
27-03-2011, 05:38 AM | #2 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
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Gaurav kumar Gaurav |
28-03-2011, 01:31 PM | #3 |
Exclusive Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
पापा कसम आपके सुत्र को आगे बढा दुगा
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
28-03-2011, 09:56 PM | #4 |
VIP Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
इस सूत्र का विषय
क्या हैँ ? पहली बार देखा है कि खुद को quote करके खुद को उत्तर दिए जा रहे हैँ | अगर आपको डायलॉग ही लिखना है तो ये एक एक पंक्तियां लिखने की क्या जरूरत है ? इससे तो यही साबित होता है कि सिर्फ प्रविष्टियोँ की संख्या बढ़ाने के लिए अनावश्यक प्रविष्टियां करी जा रही हैँ |
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
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05-05-2011, 10:49 PM | #7 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
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Gaurav kumar Gaurav |
05-05-2011, 11:21 PM | #8 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
मामा - आते तो पिताजी है फिल्म देख के
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Gaurav kumar Gaurav |
05-05-2011, 11:22 PM | #9 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
मौसी - ऐ छोटू का बकरौली कर रहा है
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Gaurav kumar Gaurav |
05-05-2011, 11:23 PM | #10 |
Special Member
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Re: लापतागंज केँ डायलोग
मामा - बकरोली तो पिताजी करते है
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Gaurav kumar Gaurav |
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