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Old 22-01-2013, 08:01 PM   #12
madhuu
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madhuu is on a distinguished road
Default Re: हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाये

14 जनवरी

बन्नू और कमजोर हो गया है। वह अनशन तोड़ने की धमकी हम लोगों को देने लगा है। इससे हम लोगों का मुंह काला हो जाएगा। बाबा सनकीदास ने उसे बहुत समझाया।
आज बाबा ने एक और कमाल कर दिया। किसी स्वामी रसानंद का वक्तव्य अख़बारों में छपवाया है। स्वामीजी ने कहा है कि मुझे तपस्या के कारण भूत और भविष्य दिखता है। मैंने पता लगाया है क बन्नू पूर्वजन्म में ऋषि था और सावित्री ऋषि की धर्मपत्नी। बन्नू का नाम उस जन्म में ऋषि वनमानुस था। उसने तीन हजार वर्षों के बाद अब फिर नरदेह धारण की है। सावित्री का इससे जन्म-जन्मान्तर का संबंध है। यह घोर अधर्म है कि एक ऋषि की पत्नी को राधिका प्रसाद-जैसा साधारण आदमी अपने घर में रखे। समस्त धर्मप्राण जनता से मेरा आग्रह है कि इस अधर्म को न होने दें।
इस वक्तव्य का अच्छा असर हुआ। कुछ लोग ‘धर्म की जय हो!’ नारे लगाते पाये गये। एक भीड़ राधिका बाबू के घर के सामने नारे लगा रही थी…
“राधिका प्रसाद पापी है! पापी का नाश हो! धर्म की जय हो।”
स्वामीजी ने मंदिरों में बन्नू की प्राण-रक्षा के लिए प्रार्थना का आयोजन करा दिया है।
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