My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > Young World
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 03-03-2011, 01:17 PM   #1
VIDROHI NAYAK
Diligent Member
 
VIDROHI NAYAK's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Location: भारत
Posts: 820
Rep Power: 19
VIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of light
Send a message via Yahoo to VIDROHI NAYAK
Default सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

काफी दिनों से एक ऐसे ही सूत्र की तलाश थी अतः काफी सोच समझ कर मैंने यह सूत्र बनाया है !
प्रत्येक व्यक्ति के मन में कुछ अनुत्तरित से प्रश्न होते ही हैं , चाहे वो उनकी अध्यात्मिक जिंदगी को लेकर हों या व्यवहारिक ! कभी कभी कोई जवाब मिलता भी है तो वह पूर्ण संतुष्टि नहीं दे पता ! हम प्रायः इसी उलझन में रहते हैं की कैसे इस प्रश्न की समाप्ति की जाए, अर्थात इसका संतुष्टिदायक उत्तर पाया जाए ! वास्तव में मानव स्वभाव विरोधाभासी होता है अर्थात आसानी से किसी जवाब को मानने को तैयार नहीं होता !उसका ज्ञान उसे हमेशा शंकित रखता है ! आमतौर पर ये बाते तब ज्यादा सामने आती हैं जब हम किसी एक पक्ष के तार्किक पहलुओ का अध्यन कर रहे होते हैं ! ज़ाहिर है ऐसी स्थिति में नकारत्मक और सकारात्मक सोच का आना संभव है ! बस यही विरोधाभासी विचार हमेशा हमें द्विपक्षिक रखता है !
मेरा यह सूत्र कुछ ऐसी ही स्थितियो को स्पष्ट करने के लिए है ! इस सूत्र में आप अपने मन के किसी भी सवाल को रख सकते हैं और इस फोरम के सदस्य अपनी जानकारी और खोज के आधार पर उत्तर देने का प्रयास करेंगे ! हो सकता है की किसी सदस्य का उत्तर आपको एक पाक्षिक करते हुए संतुष्टि दे जाए !
बस इस सूत्र का यही उद्देश्य है !
फोरम के सदस्यों से निवेदन -
कृपया कोई भी उत्तर देने से पूर्व अपने पक्ष को मजबूत कर लें !
किसी भी प्रश्न की समय सीमा तब तक रहेगी जब तक प्रश्नकर्ता दिए गए उत्तरों में से किसी भी एक उत्तर से संतुष्टि का संकेत न दे दे !
प्रश्न किसी विषय को लेकर हो सकते हैं !
अंत में - सदस्यों का सहयोग आपेक्षित है ! अतः सहयोग करें !
धन्यवाद !
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

VIDROHI NAYAK is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 01:18 PM   #2
VIDROHI NAYAK
Diligent Member
 
VIDROHI NAYAK's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Location: भारत
Posts: 820
Rep Power: 19
VIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of light
Send a message via Yahoo to VIDROHI NAYAK
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

सूत्र का श्रीगणेश करते हुए मै स्वयं ही एक प्रश्न रख रहा हूँ !

क्या भारतीय समाज के अनुसार निर्धारित किये गए हास परिहास के रिश्तों में अश्लीलता या द्विअर्थिक बातो का होना लाज़मी है ? चूँकि अश्लीलता के पक्ष में कोई नहीं जाएगा अतः यह स्पष्ट करें की क्या द्विअर्थिक हास परिहास जायज है ?
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

VIDROHI NAYAK is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 02:35 PM   #3
Bholu
Special Member
 
Bholu's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Posts: 4,760
Rep Power: 26
Bholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to behold
Send a message via Skype™ to Bholu
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by vidrohi nayak View Post
सूत्र का श्रीगणेश करते हुए मै स्वयं ही एक प्रश्न रख रहा हूँ !

क्या भारतीय समाज के अनुसार निर्धारित किये गए हास परिहास के रिश्तों में अश्लीलता या द्विअर्थिक बातो का होना लाज़मी है ? चूँकि अश्लीलता के पक्ष में कोई नहीं जाएगा अतः यह स्पष्ट करें की क्या द्विअर्थिक हास परिहास जायज है ?
कभी कभी मनुष्य के आगे स्थित के आगे झुक कर गलत को सही कहना पडता है
इसलिए कहता हूँ
अपने अन्दर के साहस को जिन्दा रखे
__________________
Gaurav kumar Gaurav
Bholu is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 04:19 PM   #4
khalid
Exclusive Member
 
khalid's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: सीमाँचल
Posts: 5,094
Rep Power: 35
khalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant future
Send a message via Yahoo to khalid
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by vidrohi nayak View Post

क्या भारतीय समाज के अनुसार निर्धारित किये गए हास परिहास के रिश्तों में अश्लीलता या द्विअर्थिक बातो का होना लाज़मी है ? चूँकि अश्लीलता के पक्ष में कोई नहीं जाएगा अतः यह स्पष्ट करें की क्या द्विअर्थिक हास परिहास जायज है
?
शालीनता के हद तक कोई भी मजाक ठिक हैँ
हमारे भारतीय परिवेश के मुताबिक कई रिश्ते मजाक के दायरे मेँ आता हैँ
लेकिन हमेँ देखना परेगा किसी का दिल ना दुःखे
वैसे भी अगर कोई गलत करेगा तो उनके साथ गलत होगा
जैसे अगर भाई के साली के साथ आप गलत तरह के मजाक करेगेँ तो आपके घर मेँ भी किसी के भाई का साला रहती हैँ
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
khalid is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 04:26 PM   #5
Bholu
Special Member
 
Bholu's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Posts: 4,760
Rep Power: 26
Bholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to behold
Send a message via Skype™ to Bholu
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by khalid1741 View Post
शालीनता के हद तक कोई भी मजाक ठिक हैँ
हमारे भारतीय परिवेश के मुताबिक कई रिश्ते मजाक के दायरे मेँ आता हैँ
लेकिन हमेँ देखना परेगा किसी का दिल ना दुःखे
वैसे भी अगर कोई गलत करेगा तो उनके साथ गलत होगा
जैसे अगर भाई के साली के साथ आप गलत तरह के मजाक करेगेँ तो आपके घर मेँ भी किसी के भाई का साला रहती हैँ
भाई साहब जो लिखा है उसपे नजर मारे
__________________
Gaurav kumar Gaurav
Bholu is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 04:50 PM   #6
VIDROHI NAYAK
Diligent Member
 
VIDROHI NAYAK's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Location: भारत
Posts: 820
Rep Power: 19
VIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of light
Send a message via Yahoo to VIDROHI NAYAK
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by khalid1741 View Post
शालीनता के हद तक कोई भी मजाक ठिक हैँ
हमारे भारतीय परिवेश के मुताबिक कई रिश्ते मजाक के दायरे मेँ आता हैँ
लेकिन हमेँ देखना परेगा किसी का दिल ना दुःखे
वैसे भी अगर कोई गलत करेगा तो उनके साथ गलत होगा
जैसे अगर भाई के साली के साथ आप गलत तरह के मजाक करेगेँ तो आपके घर मेँ भी किसी के भाई का साला रहती हैँ
जहाँ तक दिल न दुखने का सवाल है तो ऐसा तो होता है ! हम भारतीय लोग रिश्तों को लेकर कुछ ज्यादा गंभीर और मालिकाना हक जताते हैं ! खास तौर से पति पत्नी के रिश्ते में ! अक्सर तर दोनों एक दूसरे के प्रति असुरक्षित नजरिया अपनाते हैं ...! क्या यह एक खास वज़ह नहीं होती दिल दुखने की ?
दूसरी बात अगर करे तो लोग खुद को दूसरे से ज्यादा स्वछंद समझते हैं ! ऐसे में सीमाओ की परिभाषा क्या होगी? क्या यही 'आम' मजाक द्विअर्थी होकर अश्लील नहीं हो जाते? क्या आज का मनुष्य कुछ ज्यादा वासना ग्रस्त नहीं है? क्या ऐसे रिश्तों में मजाक करने वाले का धेय्य एक स्वस्थ मजाक ही होता है ?
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

VIDROHI NAYAK is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 05:59 PM   #7
ndhebar
Special Member
 
ndhebar's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Kerrville, Texas
Posts: 4,605
Rep Power: 49
ndhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to ndhebar
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by vidrohi nayak View Post
दूसरी बात अगर करे तो लोग खुद को दूसरे से ज्यादा स्वछंद समझते हैं ! ऐसे में सीमाओ की परिभाषा क्या होगी? क्या यही 'आम' मजाक द्विअर्थी होकर अश्लील नहीं हो जाते? क्या आज का मनुष्य कुछ ज्यादा वासना ग्रस्त नहीं है? क्या ऐसे रिश्तों में मजाक करने वाले का धेय्य एक स्वस्थ मजाक ही होता है ?
सीमाओं की कोई परिभाषा नहीं होती, आपको अपनी परिधि का निर्माण खुद करना होता है.

जहाँ तक अर्थ द्विअर्थ की बात है ये आपके कहने और सामनेवाले के समझने पर भी निर्भर करता है, कई बार मैंने खुद देखा है की हम कहते कुछ है और सुननेवाला उसे कुछ और समझ लेता है. मजाक मजाक होता है आम क्या और खास क्या. मजाक करने से पहले उसके भावनाओं को आपको खुद समझना चाहिए ताकि जिससे आप मजाक कर रहे हैं वो भी उसे समझ पाए. अपने दिल से जानिए पराये दिल का हाल.
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
ndhebar is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 07:37 PM   #8
Bholu
Special Member
 
Bholu's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Posts: 4,760
Rep Power: 26
Bholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to beholdBholu is a splendid one to behold
Send a message via Skype™ to Bholu
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by ndhebar View Post
सीमाओं की कोई परिभाषा नहीं होती, आपको अपनी परिधि का निर्माण खुद करना होता है.

जहाँ तक अर्थ द्विअर्थ की बात है ये आपके कहने और सामनेवाले के समझने पर भी निर्भर करता है, कई बार मैंने खुद देखा है की हम कहते कुछ है और सुननेवाला उसे कुछ और समझ लेता है. मजाक मजाक होता है आम क्या और खास क्या. मजाक करने से पहले उसके भावनाओं को आपको खुद समझना चाहिए ताकि जिससे आप मजाक कर रहे हैं वो भी उसे समझ पाए. अपने दिल से जानिए पराये दिल का हाल.
बहुत ज्ञान रूपी बात कही आपने
__________________
Gaurav kumar Gaurav
Bholu is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 08:25 PM   #9
VIDROHI NAYAK
Diligent Member
 
VIDROHI NAYAK's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Location: भारत
Posts: 820
Rep Power: 19
VIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of light
Send a message via Yahoo to VIDROHI NAYAK
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

Quote:
Originally Posted by ndhebar View Post
सीमाओं की कोई परिभाषा नहीं होती, आपको अपनी परिधि का निर्माण खुद करना होता है.

जहाँ तक अर्थ द्विअर्थ की बात है ये आपके कहने और सामनेवाले के समझने पर भी निर्भर करता है, कई बार मैंने खुद देखा है की हम कहते कुछ है और सुननेवाला उसे कुछ और समझ लेता है. मजाक मजाक होता है आम क्या और खास क्या. मजाक करने से पहले उसके भावनाओं को आपको खुद समझना चाहिए ताकि जिससे आप मजाक कर रहे हैं वो भी उसे समझ पाए. अपने दिल से जानिए पराये दिल का हाल.
समस्या तो यही आती है जब हम खुद अपनी परिधि का निर्माण अपने हिसाब से करते हैं... ये तो वही बात हुई की जिसने जितना आपने आप को बांधना चाहा उतना बाँध लिया...अब इससे फरक क्या पड़ता है की आपकी सीमायें क्या हैं ! प्रश्न तो सीमाओं का है इस का नहीं की सीमाए कौन बनाये ! इसी कारण तो मतभेद है , एकरूपता नहीं है, सबकी अपने अपने हिसाब से आपन अपनी सीमायें होती है जसिके बाहर वो नहीं जा सकता परन्तु क्या ज़रुरी है की उसका मानक औरो के मानक से मेल ही खायेगा?
हाँ अगर यह परिधि बाह्य है यानी दूसरों से संबंधो के बारे में है तो मै पूर्णतः सहमत हूँ आपकी बात से !
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

VIDROHI NAYAK is offline   Reply With Quote
Old 03-03-2011, 08:49 PM   #10
VIDROHI NAYAK
Diligent Member
 
VIDROHI NAYAK's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Location: भारत
Posts: 820
Rep Power: 19
VIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of lightVIDROHI NAYAK is a glorious beacon of light
Send a message via Yahoo to VIDROHI NAYAK
Default Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!

एक और प्रश्न -
इच्छा मृत्यु का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है| मुंबई के एक अस्पताल में 64 वर्षीया अरुणा करीब 38 साल से जिंदा लाश की तरह जिंदगी जी रही हैं| उनका पूरा शरीर निष्क्रिय और दिमाग मृत हो चूका है| ज़ाहिर है हर बार की तरह इस बार भी कोर्ट या तो अपील ठुकरा देगी या फाइल कम से कम इतने टाइम के लिए दबा दी जाएगी की पीडिता खुद ही मर जाए| इस सब से हमारी माहमई न्यायिक व्यवस्था के संवेदनहीन होने का पता चलता है!
पता नहीं क्यों हमारे शीर्ष के लोग कोई भी कठोर फैसला लेने से क्यों भागते हैं? मुद्दा कोई भी हो रास्ते हमेशा वो ऐसा सोचते हैं जो उन्हें पूर्णतः उत्तरदाई न बनाये ! आज ही मैंने उस बुज़ुर्ग की तस्वीर देखि ! तस्वीर तो कहीं से बयां नहीं करती उन्हें इच्छा म्रत्यु न दी जाए, जबकि कई देशो में ये कानूनन वैद्य भी है !
हम बड़े गर्व से कहते हैं की विश्व में सबसे बड़ा लोक तंत्र हमारे देश का है! परन्तु कानून के उसी घिसे पिटे रवैये का क्या? तो फिर ऐसे स्थिति में किसी नए कानून के लिए बहस क्यों नहीं? क्या आज़ादी के बाद इन कानूनों में परिवर्तन की आव्यशकता नहीं? कई कानून तो सिर्फ रीढ़ का बोझ हैं , परन्तु समस्या तो यह है न की व्यक्ति सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए सोच रहा है और वो भी ऐसे देश में जहाँ संवेदनाओं पर धड़कने चलती हैं !
क्या अब ये ज़रुरी नहीं?
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''


Last edited by VIDROHI NAYAK; 03-03-2011 at 08:57 PM.
VIDROHI NAYAK is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 10:54 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.