22-10-2014, 11:20 PM | #11 |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31 |
Re: मेरा जीवन
It's Nice to be Important ,
but It's more Important to be Nice .
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice Last edited by Pavitra; 22-10-2014 at 11:23 PM. |
01-11-2014, 11:21 PM | #12 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: मेरा जीवन
बहुत वर्ष पहले कि बात कर रहा हूँ. उन दिनों रसोईघर में गैस इस्तेमाल नहीं होती थी और न ही गैस लाइटर मार्केट में आये थे. माचिस का प्रयोग आम था. आदतन जब हम माचिस उठाते थे तो उसे हिला कर निश्चिन्त हो जाते थे कि इसमें तीलियाँ हैं. यदि आवाज नहीं होती थी तो समझ लेते थे कि उसमे तीलियाँ नहीं हैं अर्थात् माचिस खाली है. एक बार ऐसे ही अवसर पर मैंने माचिस उठाई और उसे हिला कर देखा. उसमे से तीलियों की आवाज नहीं आयी. एक-दो बार फिर किया तो भी आवाज नहीं आयी. यद्यपि माचिस को हाथ में उठाने से आभास हो रहा था कि उसमे तीलियाँ हैं. मैंने माचिस को खोल कर देखा तो पाया कि माचिस तीलियों से इतनी खचाखच भरी हुई थी कि तीलियाँ हिलने की कोई गुंजाइश नहीं थी. उस दिन मन में यह विचार आया कि माचिस चाहे बिल्कुल खाली हो या एकदम भरी हो दोनों स्थितियों में हिलाने पर आवाज नहीं करती. इसने एक नियम की शक्ल अख्तियार कर ली:
मूढ़ व्यक्ति और अत्यंत ज्ञानी व्यक्ति का तब तक हमें अंदाजा नहीं लगता जब तक कि उसके भीतर क्या है, यह न देखा जाये यानी किसी विषय पर उनके विचार न सुने जायें.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
02-11-2014, 11:12 PM | #13 |
Moderator
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 38 |
Re: मेरा जीवन
सीखना, परफेक्ट बनना कभी भी खत्म न होनेवाली प्रोसेस है!
मेरे बहुत सारे अलग अलग क्षेत्र के मित्र है। मै जिनको एक 'मास्टर' समझता था/हुं...उनको भी उनके लेवल के 'मास्टर्स' मिले हुए है! कीसी भी क्षेत्र में जाने से पता चलता है की अभी आगे बहोत से एसे लोग भी है जो आपसे भी ज्यादा टेलेन्टेड है। आप उस लेवल तक पहूंचो तब आपको पता चलता है की आगे और भी लोग है।
__________________
|
05-11-2014, 11:21 AM | #14 | |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31 |
Re: मेरा जीवन
Quote:
ज्ञान और प्रतिभा का कोई अंत नहीं होता। और अच्छा ही है जो हम कभी भी Perfect नहीं बन पाते , क्यूंकि अगर हम Perfect बनने लगे तो हम Improve करना बंद कर देंगे। हमारी Growth रुक जाएगी। और ज़िन्दगी का मतलब ही आगे बढ़ना , बेहतर बनना होता है। भगवान हम सभी को एक जैसा बनाते हैं। पर फिर भी हम में से कुछ लोग बहुत आगे निकल जाते हैं और कुछ या तो वहीँ के वहीँ रह जाते हैं या पिछड़ जाते हैं। वही लोग आगे बढ़ पाते हैं जो ये समझ लेते हैं कि जीवन में निरंतर सीखते रहना , हर रोज़ कल से बेहतर बनना ही वास्तव में जीवन है।
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice |
|
05-11-2014, 03:55 PM | #15 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
Re: मेरा जीवन
[QUOTE=rajnish manga;536572][size=3]बहुत वर्ष पहले कि बात कर रहा हूँ. उन दिनों रसोईघर में गैस इस्तेमाल नहीं होती थी और न ही गैस लाइटर मार्केट में आये थे. माचिस का प्रयोग आम था. आदतन जब हम माचिस उठाते थे तो उसे हिला कर निश्चिन्त हो जाते थे कि इसमें तीलियाँ हैं. यदि आवाज नहीं होती थी तो समझ लेते थे कि उसमे तीलियाँ नहीं हैं अर्थात् माचिस खाली है. एक बार ऐसे ही अवसर पर मैंने माचिस उठाई और उसे हिला कर देखा. उसमे से तीलियों की आवाज नहीं आयी. एक-दो बार फिर किया तो भी आवाज नहीं आयी. यद्यपि माचिस को हाथ में उठाने से आभास हो रहा था कि उसमे तीलियाँ हैं. मैंने माचिस को खोल कर देखा तो पाया कि माचिस तीलियों से इतनी खचाखच भरी हुई थी कि तीलियाँ हिलने की कोई गुंजाइश नहीं थी.
[size=3][color=red]मूढ़ व्यक्ति और अत्यंत ज्ञानी व्यक्ति का तब तक हमें अंदाजा नहीं लगता जब तक कि उसके भीतर क्या है, यह न देखा जाये यानी किसी विषय पर उनके विचार न सुने जायें. बहुत उपयोगी बात कही आपने रजनीश जी ,... हम सर चेहरा देखके नही बता सकते की कौन इन्सान कितना गुनी है न ही किसी का एक वाकया पढ़कर अनुमान हो सकता है की इन्सान कितना बुध्धिवान है ... ज्यों ज्यों हम साथ रहकर किसी को परखते हैं तब पता चलता है की वो क्या है पवित्रा जी आपने बहुत अच्छा विषय रखा है धन्यवाद . इस विषय की वजह से हम एकदूजे को और ज्यादा अच्छे से जान पहचान पाएंगे. अगर अपनी बात कहूँ आपको? तो लिखने का शौक मुझे बचपन से ही था इस संदर्भ में आपको बताना चाहूंगी की आपकी बात से मुझे yaad आ रही है बचपन की एक घटना जब मै क्लास ४ में थी तब हमे रेल दुर्घटना से sambandhit निबंध लिखने को कहा गया था और मैंने जब निबंध लिखकर अपनी शिक्षिका को बताया था तब उन्होने मुझे बेहद खुश होकर आशीर्वाद दिए थे . शायद आज मै जितना लिख रही हूँ वो सब उनके आशीर्वाद ही हैं ... क्यूंकि कई बार जब लिखने लगती हु तो बस मन में शब्द आ जाते हैं और लिखते चली जाती हूँ ... पर हाँ कई बार कोई अच्छी और उपयोगी बातें नेट में पढ़ती हु तब कॉपी पेस्ट करती हु पर बहुत कम जेइसे की सेब वाला मेरा लेख है वो कॉपी किया हुआ है durgashtakam कॉपी pest किया हुआ है ... Last edited by soni pushpa; 05-11-2014 at 04:01 PM. |
22-11-2014, 07:18 PM | #16 |
Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 90
Rep Power: 14 |
Re: मेरा जीवन
सीखने के लिए जीवन में बहुत स्रोत होते हैं। हम हर रोज़ अपने जीवन में कुछ नया सीखते हैं ,कभी -कभी जो काम हम खुद करते हैं तो हमें अच्छा लगता है लेकिन वही काम हमारे सामने कोई और करे तो हमें बुरा लगता है तब हमें पता चलता है की जब हम ऐसा करते हैं तो लोगों को भी बुरा लगता होगा। ऐसे ही छोटी -छोटी बातें हमें सीख देती हैं। ऐसे ही बुज़ुर्गों से ,पड़ोसियों से ,दोस्तों से ,और कई बार अपने बच्चों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। और अपने अनुभव से ,जब हम जीवन में कुछ संघर्ष करते हैं तो हमारे अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
|
26-11-2014, 03:00 PM | #17 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: मेरा जीवन
कुकी जी ने बिलकुल सही कहा कि हम अपने जीवन में कदम पर कुछ न कुछ सीख सकते हैं बशर्ते कि हमारा रुझान सीखने की ओर हो. इस तरह हम पढ़ते हुए, देखते हुए, सुनते हुये, बातचीत करते हुये अनेकों अच्छी बातें सीख सकते हैं. यह सीखना जाने-अनजाने हमारे दृष्टिकोण को परिष्कृत करता चलता है.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
27-11-2014, 12:53 AM | #18 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
Re: मेरा जीवन
बहुत बहुत धन्यवाद पवित्रा जी " मेरा जीवन " सूत्र की शुरुवात के लिए सही कहा आपने की सबके जीवन में कोई न कोई मार्गदर्शक होता है या कहीं ने कहीं से हमे मुश्किल समय में एइसा कोई आपना या एइसा कोई हल बताने वाला इन्सान या एईसी कोई बात जो कहीं लिखी हुई होती है जिसे हम पढ़कर समस्या का हल निकलने में सक्षम होते हैं समस्या ही नही कई एइसे मौके आते हैं जीवन में जब लगता है ये काम तो हम कर ही न सकेंगे किन्तु कोई न कोई राह मिल ही जाती है और वो काम होकर ही रहता है.
मेरे जीवन की एक बात आप सबसे सेर करना चाहूंगी की किसी ने कहा था मुझे की जीवन में जब हर और से निराशा हाथ लगे तब हिम्मत हारे बिना आगे बढ़ते जाना जब सो रस्ते बंद होते हैं तब कहीं न कहीं से एक रास्ता खुलता ही है एइसे समय में जरुरत होती है तो सिरफ़ इतनी की आप आपनी हिम्मत खोये बिना उस रस्ते को dhundh पाते हो या नही आप मुश्किल से घबराने की बजाय उसका हल dhundho अपने आप समस्या का समाधान हो जायेगा .. इस बात ने मुझे बहुत प्रेरित किया है जीवन में .. जब जब कोई समस्या आइ तब तब इन शब्दों नेमुझे हमेशा राह दिखलाई है .. Last edited by soni pushpa; 27-11-2014 at 12:56 AM. |
Bookmarks |
|
|