12-02-2016, 12:17 AM | #1 |
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यादों के झरोखे से एक पैगाम प्यार के नाम
आँगन की जब खुली खिड़कियाँ चिड़ियों का बस सुना चहकना कर जाता है मन को हर्षित सांसो में, ठंडी बयार बही अब फुहार संग मन का कोना कोना भीगा आ गई मीठी मुस्कान होठों पर अब तो मन ने कहा बीती यादों में खोना है खो जाऊ और खुश हो लूँ क्यूंकि जीवन का वो ही एक पल तो सलोना है एक नज़र वो स्नेह सभर कर गई एकपल में संग कई जीवन का सफ़र वो स्नेहल वर्तन जिसमे निमग्न मेरा मन आज भी मन को भा जाये वो प्यारा सा प्यार, था जिसका आँखों में इज़हार खड़ी सामने वो झिलमिल झिलमिल करती शमाएं बर्फीली सुबह माह पूस की फिर भी ललाट पर आये पसीने आ जाये मानो सूरज की पूरी लालिमा शर्म सुर्खी से चेहरा उसका भर जाये . . यादें मन में जाग रही हैं आज प्यार के खास दिवस में दिल में प्यार ही प्यार भरा है जीवन की भट्ठी में निखरा प्यार का सोना सदा खरा है जी न सकूँ वो जीवन मेरा है चाहूँ उसको जितना भी उतना कम है |
12-02-2016, 10:52 AM | #2 |
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Re: यादों के झरोखे से एक पैगाम प्यार के नाम
'वैलेंटाइन डे' के शुभ अवसर पर प्यार की पवित्र भावना को समर्पित आपकी कविता की यह पंक्तियाँ बहुत मधुरता से और सहजता से जैसे नवजीवन का संदेश दे रही हैं. प्यार ईश्वर की तरफ से मानव को मिला एक वरदान है. सम्पूर्ण मानव जाति इसी के सहारे एक जुट हो सकती है. इस सुंदर कविता को यहाँ शेयर करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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12-02-2016, 10:41 PM | #3 |
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Re: यादों के झरोखे से एक पैगाम प्यार के नाम
[QUOTE=rajnish manga;557382][size=3]'वैलेंटाइन डे' के शुभ अवसर पर प्यार की पवित्र भावना को समर्पित आपकी कविता की यह पंक्तियाँ बहुत मधुरता से और सहजता से जैसे नवजीवन का संदेश दे रही हैं. प्यार ईश्वर की तरफ से मानव को मिला एक वरदान है. सम्पूर्ण मानव जाति इसी के सहारे एक जुट हो सकती है. इस सुंदर कविता को यहाँ शेयर करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
तहे दिल से धन्यवाद भाई .. जी यदि एक दूजे के लिए सिर्फ प्रेम की भावना रह जाय नफ़रत दूर हो जाय तो इसी धरती पर स्वर्ग है पर अफ़सोस, की छोटे छोटे स्वार्थ ने दुनिया से स्नेह की भावना को दूर कर दिया है . |
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