19-08-2019, 10:44 AM | #1 |
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गीत खुशी के गुनगुनाते रहे .......बंसी
बादल बिन मौसम बरसात लाते रहे संभल कर चलते हैं हमेशह मगर पता नहीं ठोकरें फिर भी खाते रहे घबराए नहीं हम गिरने से कभी भी बार बार उठ कदम आगे बढ़ाते रहे कुछ खोया कुछ पाया ज़िंदगी भर हिसाब तो हम हमेशह लगाते रहे ज़िंदगी ने हमें रुलाना चाहा जब भी गीत खुशी के ही हम गुनगुनाते रहे हौसला हम अपना कभी खोये नहीं मुश्किलों से पीछा हम छुडाते रहे हमें गिराने की गैरों ने की मगर प्यार से उनको अपना बनाते रहे चाहा नहीं हमने किसी से कुछ भी दौलत प्यार की हम लुटाते रहे हमसफ़र का साथ मिला हर हाल में उन हसीन यादें से ज़िंदगी बिताते रहे गिला शिकवा नहीं है हमें किसी से क्योंकि प्यार भरे रिश्ते हैं बनाते रहे ज़िंदगी ने हमें रुलाना चाहा जब भी गीत खुशी के ही हम गुनगुनाते रहे |
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