11-07-2013, 03:52 PM | #1 |
Special Member
Join Date: Jun 2013
Location: रामपुर (उत्*तर प्ë
Posts: 2,512
Rep Power: 16 |
हिन्दू पंचांग
वेदों में पंचांग (calendar) के अनेकों प्रसंग मिलते हैं जिससे ज्ञात होता है कि हिन्दू पंचांग की उत्पत्ति वैदिक काल में ही हो चुकी थी। |
11-07-2013, 03:52 PM | #2 |
Special Member
Join Date: Jun 2013
Location: रामपुर (उत्*तर प्ë
Posts: 2,512
Rep Power: 16 |
Re: हिन्दू पंचांग
विक्रम तथा शालिवाहन संवत
विक्रम तथा शालिवाहन संवत सर्वाधिक प्रयोग किये जाने वाले हिन्दू कैलेन्डर हैं। |
11-07-2013, 03:53 PM | #3 |
Special Member
Join Date: Jun 2013
Location: रामपुर (उत्*तर प्ë
Posts: 2,512
Rep Power: 16 |
Re: हिन्दू पंचांग
विक्रम तथा शालिवाहन संवत
विक्रम तथा शालिवाहन संवत सर्वाधिक प्रयोग किये जाने वाले हिन्दू कैलेन्डर हैं।हिन्दू पंचाग के बारह चंद्रमासों के नाम 1. चैत्र 2. वैशाख 3. ज्येष्ठ 4. आषाढ़ 5. श्रावण 6. भाद्रपद 7. आश्विन 8. कार्तिक 9. मार्गशीर्ष 10. पौष 11. माघ 12. फाल्गुन चलते-चलते त्यौहार के उपलक्ष्य में एक दम्पति ने पण्डित जी को भोजन के लिये निमन्त्रित किया था। पत्नी किचन में गरम गरम पूरियाँ निकाल रही थी और पति डॉयनिंग रूम में पण्डित जी को परस रहा था। पण्डित जी थे कि खाये चले जा रहे थे, खाये चले जा रहे थे। लगाया गया आटा पूरा चुक गया। पत्नी ने इशारे से पति को बुलाया और बोली, “आटा चुक गया है जी, मैं जल्दी से और आटा गूँथ लेती हूँ, तब तक आप जरा पण्डित जी को बातों में लगा कर उनका हाथ रोकिये।” पति ने पण्डित जी को बातों में लगाना शुरू किया, “खाना तो अच्छा बना है न पण्डित जी?” “बहुत सुस्वादु भोजन है यजमान! भगवान तुम्हें सुखी रखे।” “पूरियाँ कुछ ठंडी हो गई हैं, मैं अभी गरम निकलवा कर लाता हूँ। तब तक आप जरा पानी-वानी पीजिये।” “पानी तो हम आधा पेट भरने के बाद ही पीते हैं यजमान।” |
11-07-2013, 07:02 PM | #4 | |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: हिन्दू पंचांग
Quote:
|
|
Bookmarks |
|
|