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03-11-2010, 04:46 PM | #7 |
Diligent Member
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ऐसे मत चलो कि देर हो जाये
ऐसे मत खाओ कि मर्ज हो जाये ऐसे मत सोचो कि चिंता हो जाये ऐसे मत बोलो कि क्लेश हो जाये ऐसे मत कमाओ कि पाप हो जाये ऐसे मत खर्चो कि कर्ज हो जाये |
03-11-2010, 05:00 PM | #8 |
Exclusive Member
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नालायक पुत्र होने सेँ
अच्छा हैँ पुत्र विहीन होना |
04-11-2010, 09:18 AM | #9 |
VIP Member
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जैसे मनुष्य पुराने वस्त्र त्याग कर दूसरे नए वस्त्रोँ को ग्रहण करता है
वैसे ही जीव की आत्मा पुराने शरीर त्याग कर नया शरीर ग्रहण कर लेती है ।
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