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Old 18-04-2011, 05:17 PM   #41
dev b
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

मित्र उस परिवार में चेमिस्ट्री तो अच्छी अभी भी है परन्तु पति नहीं चाहता की पत्नी हर दम काम में पिली रहे परन्तु पत्नी को इस में ही मजा आता है ...ये है एक दुसरे के लिए भावनाए
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Originally Posted by bhoomi ji View Post
ऐसे में हम कहना चाहेंगे कि सबसे पहले तो लड़के को लड़की को समझाना चाहिए कि जरुरी नहीं है कि हर नौकरानी खराब काम करे..हम अच्छी नौकरानी रखेंगे ताकि तुम्हें कोई परेशानी ना हो"

अगर तब भी बात नहीं बनती है और पत्नी चाहती है कि वे ही काम करें
तो यहाँ लड़के को थोडा कम्प्रोमाइज करके यह कहना चहिये कि
ठीक है हम दोनों मिलकर घर का काम करेंगे....मुझसे जितना हो सकेगा में अपना १००% देने की कोशिश करूँगा"

हम शर्त के साथ कह सकते हैं कि दोनों की इतनी अच्छी केमेस्ट्री बन जायेगी कि दोनों का काम एक दम चुटकियों में हल हो जाएगा
और संभव है कि कुछ समय बाद पत्नी नौकरानी रखने पर राजी हो जाए
__________________
प्यार बाटते चलो , प्यार ही जीवन है ...एन्जॉय करो ..मस्त रहो .........आप का अपना देव भारद्वाज
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Old 18-04-2011, 05:17 PM   #42
saajid
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

चल रही थी बहस
नारी या पुरुष??
एक सुदर्शना नारी
जो थी बड़ी प्यारी
लरजते हुए बोली
सज्जनों!
माटी की बनी मैं
पर माटी में ही सिमट कर रह गयी मैं

कभी बेटी का फर्ज निभाया

कभी बहन के रूप में घर को चहकाया
कभी अर्धांगिनी बन कर निभाया
या माँ की ममता का नेह बरसाया
कर दिया अपने को अर्पित
जीवन समर्पित
पर न बन पाई पहचान
क्यूंकि इन पुरुषो के आगे
बिखर गये हमारे अरमान!!!

तभी पीछे की पंक्ति से

आई एक कड़कती आवाज
हमारी भी सुनो
बेशक हम कहलाते हों जंवाज
हमने शिद्दत से छिपा रखा है दर्द
वो अब हो गयी है सर्द
ये दुनिया है बेदर्द
बहुत हो गयी पौरुष की बात
अब नही हो पाता दर्द आत्मसात

हे नारी!! जब तुम थी बेटी!

पापा ने तुम्हें जिंदगी के पथ पर चलना सिखाया
जब तुम थी बहन
हर पल राखी के बंधन
की रक्षा, तेरे भाई के मन में रहा
जैसे ही तू बन के आयी अर्धांगिनी
ता-जिंदगी तुझे खुश रखने का
सातो वचन तेरे पति ने निभाया
फिर माँ की अनमोल ममता
और दूध के कर्ज में
जीवन-पर्यंत बेटे ने बिना कुछ कहे
अपना जीवन लुटाया!!!

सच तो ये है

जिंदगी है एक तराजू
जिसमे एक के साथ करो न्याय
तो दुसरे के साथ दिखता है अन्याय
और इस तराजू के दोनों पलडो
से कर सकते हो तुलना
नारी और पुरुष की.................!

अब बोलो

नारी या पुरुष?
नारी या पुरुष?
नारी या पुरुष ???????


__________________
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Old 18-04-2011, 05:20 PM   #43
dev b
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

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Originally Posted by missk View Post
यहाँ मैं लड़कियों पर दोष नहीं मढ़ रही परन्तु बस एक पॉइंट उठा रही हूँ. कहने का यह तात्पर्य नहीं है कि लड़कियों को शिक्षा न मिले और वो जागरूक न बने. बस यह कहना चाह रही हूँ कि हमारा समाज आज कल की स्त्री के साथ तालमेल बैठाने में उतना सक्षम नहीं हुआ है अभी तक. एक और तो उसकी उपलब्धियों कि प्रशंसा की जाती है दूसरी तरफ जब परिवार की बात आती है तो उसे धैर्य और त्याग के पाठ पढाये जाते है. और चूँकि शिक्षा और आत्मनिर्भरता सकारात्मक चीजें है इसलिए उनके पीछे जाने की बातें नहीं होनी चाहिए बल्कि औरों को भी अपने माइंड सेट में बदलाव लाना चाहिए जैसा कि भूमि जी ने भी कहा है.
मै आप से सहमत हु मित्र
__________________
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Old 18-04-2011, 05:22 PM   #44
bhoomi ji
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bhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant futurebhoomi ji has a brilliant future
Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

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Originally Posted by missk View Post
यहाँ मैं लड़कियों पर दोष नहीं मढ़ रही परन्तु बस एक पॉइंट उठा रही हूँ. कहने का यह तात्पर्य नहीं है कि लड़कियों को शिक्षा न मिले और वो जागरूक न बने. बस यह कहना चाह रही हूँ कि हमारा समाज आज कल की स्त्री के साथ तालमेल बैठाने में उतना सक्षम नहीं हुआ है अभी तक. एक और तो उसकी उपलब्धियों कि प्रशंसा की जाती है दूसरी तरफ जब परिवार की बात आती है तो उसे धैर्य और त्याग के पाठ पढाये जाते है. और चूँकि शिक्षा और आत्मनिर्भरता सकारात्मक चीजें है इसलिए उनके पीछे जाने की बातें नहीं होनी चाहिए बल्कि औरों को भी अपने माइंड सेट में बदलाव लाना चाहिए जैसा कि भूमि जी ने भी कहा है.

जी बिलकुल एक और तो पति चाहता है कि उसकी पत्नी भी नौकरी करे..और दूसरी और वो उसके साथ घर के काम में हाथ भी नहीं बंटाना चाहता है??
ऐसे में कैसे कोई परिवार सही ढंग से चल सकता है?
त्याग और धैर्य का ठेका सिर्फ लड़कियों ने ही नहीं ले रखा है अगर थोडा त्याग पति भी कर ले तो कोई
भूकंप नहीं आ जाएगा?


अगर पति पत्नी दोनों काम काजी हैं तो दोनों को ही घर के काम करने पड़ेंगे
और अगर कोई एक काम काजी है तो अगले को पूरी तरह से अपने आप को घर के कामों के लिए समर्पित कर देना चाहिए
तभी घर की गाडी ट्रैक पर दौडेगी वरना एक्सीडेंट के चांस शत प्रतिशत बड जायेंगे
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Old 18-04-2011, 05:23 PM   #45
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

वाह मित्र वाह .................................
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Originally Posted by thefaiz246 View Post
चल रही थी बहस
नारी या पुरुष??
एक सुदर्शना नारी
जो थी बड़ी प्यारी
लरजते हुए बोली
सज्जनों!
माटी की बनी मैं
पर माटी में ही सिमट कर रह गयी मैं

कभी बेटी का फर्ज निभाया

कभी बहन के रूप में घर को चहकाया
कभी अर्धांगिनी बन कर निभाया
या माँ की ममता का नेह बरसाया
कर दिया अपने को अर्पित
जीवन समर्पित
पर न बन पाई पहचान
क्यूंकि इन पुरुषो के आगे
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तभी पीछे की पंक्ति से

आई एक कड़कती आवाज
हमारी भी सुनो
बेशक हम कहलाते हों जंवाज
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वो अब हो गयी है सर्द
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Originally Posted by thefaiz246 View Post

अब नही हो पाता दर्द आत्मसात

हे नारी!! जब तुम थी बेटी!

पापा ने तुम्हें जिंदगी के पथ पर चलना सिखाया
जब तुम थी बहन
हर पल राखी के बंधन
की रक्षा, तेरे भाई के मन में रहा
जैसे ही तू बन के आयी अर्धांगिनी
ता-जिंदगी तुझे खुश रखने का
सातो वचन तेरे पति ने निभाया
फिर माँ की अनमोल ममता
और दूध के कर्ज में
जीवन-पर्यंत बेटे ने बिना कुछ कहे
अपना जीवन लुटाया!!!

सच तो ये है

जिंदगी है एक तराजू
जिसमे एक के साथ करो न्याय
तो दुसरे के साथ दिखता है अन्याय
और इस तराजू के दोनों पलडो
से कर सकते हो तुलना
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अब बोलो

नारी या पुरुष?
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Old 18-04-2011, 05:28 PM   #46
dev b
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

बिलकुल मित्र आप ने ठीक कहा ........उस परिवार में पति नहीं चाहता की पत्नी नौकरी करे ......पति की अच्छी आय है सवाल ये है मित्र की पत्नी नौकरी भी नहीं छोड़ना चाहती और ना ही नौकरानी रखना चाहती
पति चाहता है पत्नी आराम से रहे घर के काम संभाले ...पति के पास समय नहीं .वो अच्छा कमाता है . कृपया विचार दे ????????????????
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Originally Posted by bhoomi ji View Post

जी बिलकुल एक और तो पति चाहता है कि उसकी पत्नी भी नौकरी करे..और दूसरी और वो उसके साथ घर के काम में हाथ भी नहीं बंटाना चाहता है??
ऐसे में कैसे कोई परिवार सही ढंग से चल सकता है?
त्याग और धैर्य का ठेका सिर्फ लड़कियों ने ही नहीं ले रखा है अगर थोडा त्याग पति भी कर ले तो कोई
भूकंप नहीं आ जाएगा?


अगर पति पत्नी दोनों काम काजी हैं तो दोनों को ही घर के काम करने पड़ेंगे
और अगर कोई एक काम काजी है तो अगले को पूरी तरह से अपने आप को घर के कामों के लिए समर्पित कर देना चाहिए
तभी घर की गाडी ट्रैक पर दौडेगी वरना एक्सीडेंट के चांस शत प्रतिशत बड जायेंगे
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Old 18-04-2011, 05:30 PM   #47
saajid
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

ये सब बातें अपनी जगह हैं
सधी सी बात है परिवार को बनाये रखने के लिए आपको
अपने आप में लचीलापन लाना होगा और ये बात परिवार के हर सदस्य पे लागू होती है
बस
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Old 18-04-2011, 05:40 PM   #48
bhoomi ji
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

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Originally Posted by dev b View Post
बिलकुल मित्र आप ने ठीक कहा ........उस परिवार में पति नहीं चाहता की पत्नी नौकरी करे ......पति की अच्छी आय है सवाल ये है मित्र की पत्नी नौकरी भी नहीं छोड़ना चाहती और ना ही नौकरानी रखना चाहती
पति चाहता है पत्नी आराम से रहे घर के काम संभाले ...पति के पास समय नहीं .वो अच्छा कमाता है . कृपया विचार दे ????????????????

अब अगर पति के पास समय नहीं है और पत्नी भी अपनी नौकरी नहीं छोडना चाहती है तो इसमें क्या दिक्कत है?
जैसा चल रहा है चलने दें.....इतना तो सभी को ही दिख रहा है ना कि पति पे समय नहीं है तो निश्चित ही वो पत्नी भी कोई शिकायत नहीं करती होगी ?
हाँ थोडा पति को अपने घर के लिए भी टाइम देना चाहिए पैंसा ही सब कुछ नहीं है
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Old 18-04-2011, 05:45 PM   #49
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

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बिलकुल मित्र आप ने ठीक कहा ........उस परिवार में पति नहीं चाहता की पत्नी नौकरी करे ......पति की अच्छी आय है सवाल ये है मित्र की पत्नी नौकरी भी नहीं छोड़ना चाहती और ना ही नौकरानी रखना चाहती
पति चाहता है पत्नी आराम से रहे घर के काम संभाले ...पति के पास समय नहीं .वो अच्छा कमाता है . कृपया विचार दे ????????????????

egi.

देव जी इस स्थिति में तो दोष पति का भी हो सकता है और पत्नी का भी. पति के मामले में यह कि उसकी पत्नी उसके साथ quality time बिताना चाहती होगी घर के काम काज करने के माध्यम से और वो यह नहीं कर रहा, पत्नी के मामले में ये दोष कि वह उतना लचीला रवेय्या नहीं अपना रही और क्वालिटी टाइम बिताने के अन्य साधन नहीं खोज पा रही. तो यहाँ पर फिर से misunderstanding वाली बात ही उभर कर आएगी..
__________________
काम्या

What does not kill me
makes me stronger!
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Old 18-04-2011, 05:50 PM   #50
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Default Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार

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देव जी इस स्थिति में तो दोष पति का भी हो सकता है और पत्नी का भी. पति के मामले में यह कि उसकी पत्नी उसके साथ quality time बिताना चाहती होगी घर के काम काज करने के माध्यम से और वो यह नहीं कर रहा, पत्नी के मामले में ये दोष कि वह उतना लचीला रवेय्या नहीं अपना रही और क्वालिटी टाइम बिताने के अन्य साधन नहीं खोज पा रही. तो यहाँ पर फिर से misunderstanding वाली बात ही उभर कर आएगी..
वो ही तो मित्र ...पति चाहता है की पत्नी उस को समय दे और काम नौकरानी से करवाए ..........पत्नी इतनी ज्यादा सफाई पसंद है की उस को नौकरानी का काम ही पसंद नहीं
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