11-03-2011, 12:58 PM | #21 |
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Re: अदालत
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
11-03-2011, 01:50 PM | #22 |
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Re: अदालत
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11-03-2011, 07:50 PM | #23 |
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Re: अदालत
जी हाँ अवश्य ! तो निवेदन करना चाहूँगा जज साहब से मेरे मुवक्किल भोलू जी निहायत ही शरीफ और खानदानी है ( बाकी का मुझे पता नहीं ) और इन पर लगाए गए सारे इल्ज़ाम जैसे की ये लोगो का दिल दुखाते हैं बेबुनियाद हैं ! इन्होने तो सपने में भी ऐसा नहीं सोचा ( ऐसा इन्होने मुझसे कहा है ) ! जज साहब से निवेदन है की इनकी मानसिक स्थिति को समझते हुए इन्हें और जलील न किया जाए ! विगत काफी दिनों से विपक्ष के वकील इन्हें नहा ही परेशान कर रहे हैं और इनके पास सबूतों का भी अभाव है !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
11-03-2011, 09:32 PM | #24 |
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Re: अदालत
आपका स्वागत है {देबर जी } वकील साहब
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Gaurav kumar Gaurav |
11-03-2011, 09:35 PM | #25 | |
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Re: अदालत
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विनायक वकील साहब आप मेरे वकील है या विपक्ष के
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Gaurav kumar Gaurav |
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11-03-2011, 09:59 PM | #26 |
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Re: अदालत
तुम्हारा ही हूँ...मेरी इमानदारी पे शक मत करो !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
11-03-2011, 10:44 PM | #27 |
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Re: अदालत
आप आपनी ईमानदारी पर नजर मारे
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Gaurav kumar Gaurav |
12-03-2011, 04:57 AM | #28 |
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Re: अदालत
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12-03-2011, 06:38 PM | #29 |
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Re: अदालत
मी लोर्ड ये आदमी जो यहाँ मुजरिम के कटघरे में खड़ा है एक शातिर इंसान है
इसके नाम और शकल पर मत जाइए(जो इसने अजय देवगन की लगा रखी है), ये एक घुटा हुआ अपराधी है इसके लिए किसी की भावनाएं कोई अहमियत नहीं रखती, ये ऐसी ऐसी हरकतें करता है जो आम आदमी के समझ से परे होता है (वैसे ज्यादातर ये इसके समझ में भी नहीं आता) मेरी गुजारिश है इस पर कठोर से कठोर करवाई की जाय(अब इतनी भी कठोर मत कर दीजियेगा की बच्छा रोने लगे)
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
12-03-2011, 06:50 PM | #30 | |
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Re: अदालत
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