28-08-2013, 05:16 AM | #11 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
29- तरह-तरह खाने की चीजें बनाना यानी कई तरह सब्जी, रस, मीठे पकवान, कड़ी आदि बनाने की कला, 30- हाथ की फुर्ती कें काम, 31- चाहे जैसा वेष धारण कर लेना 32- तरह-तरह पीने के पदार्थ बनाना
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
28-08-2013, 05:17 AM | #12 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
33- द्यू्त क्रीड़ा 34- समस्त छन्दों का ज्ञान 35- वस्त्रों को छिपाने या बदलने की विद्या 36- दूर के मनुष्य या वस्तुओं का आकर्षण
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28-08-2013, 05:18 AM | #13 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
37- कपड़े और गहने बनाना 38- हार-माला आदि बनाना 39- विचित्र सिद्धियां दिखलाना यानी ऐसे मंत्रों का प्रयोग या फिर जड़ी-बुटियों को मिलाकर ऐसी चीजें या औषधि बनाना जिससे शत्रु कमजोर हो या नुकसान उठाए।
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28-08-2013, 05:19 AM | #14 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
40-कान और चोटी के फूलों के गहने बनाना – स्त्रियों की चोटी पर सजाने के लिए गहनों का रूप देकर फूलों को गूंथना।
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28-08-2013, 05:19 AM | #15 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
41- कठपुतली बनाना, नाचना 42- प्रतिमा आदि बनाना 43- पहेली बनाना
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28-08-2013, 07:19 AM | #16 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
44- सूई का काम यानी कपड़ों की सिलाई, रफू, कसीदाकारी व मोजे, बनियान या कच्छे बुनना
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28-08-2013, 07:20 AM | #17 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
45 - बालों की सफाई का कौशल , 46- मुट्ठी की चीज या मनकी बात बता देना, 47- कई देशों की भाषा का ज्ञान
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28-08-2013, 07:20 AM | #18 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
48 - म्लेच्छ-काव्यों का समझ लेना – ऐसे संकेतों को लिखने व समझने की कला जो उसे जाननेवाला ही समझ सके
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28-08-2013, 07:21 AM | #19 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
49 - सोने, चांदी आदि धातु तथा हीरे-पन्ने आदि रत्नों की परीक्षा, 50 - सोना-चांदी आदि बना लेना, 51 - मणियों के रंग को पहचानना, 52- खानों की पहचान
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28-08-2013, 07:22 AM | #20 |
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Re: 64 कलाओं में माहिर थे श्रीकृष्ण
53- चित्रकारी, 54- दांत, वस्त्र और अंगों को रंगना, 55- शय्या-रचना
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