03-07-2011, 09:57 PM | #1 |
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तेरी याद!
कहानीकार :: अनितेज |
03-07-2011, 10:02 PM | #2 |
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Re: तेरी याद!
पटना १९९८
आसमान में बारिस के बादल आ चुके थे, चारो तरफ मिटटी की सौंधी सौंधी खुशबू आ रही थी. रश्मि अपने कोअचिंग क्लास के लिए तयार हो रही थी, आज उसने राज की पसंद की खास हरे रंग का सलवार कुरता पहना था, कोअचिंग के बाद उन दोनों का अशोक में मोहबत्तें देखने का प्लान था. तभी अचानक बारिस आ गयी और रश्मि को लगा की आज का प्लान कही पूरा का पूरा चौपट ना हो जाए. |
03-07-2011, 10:08 PM | #3 |
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Re: तेरी याद!
लेकिन शायद यह उनके प्यार की ताकत थी बारिस जल्द ही रुक गयी, रश्मि जल्दी जल्दी साइकिल पर कोअचिंग क्लास के लिए निकल ली. बारिस के बाद पटना का मौसम काफी सुहाना हो चूका था, वैसे भी नवम्बर में अगर बारिस हो जाए तो फिर क्या कहने. करीब १० मिनट के बाद रश्मि अपने कोअचिंग के सामने थी. राज बड़े ही बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहा था. रश्मि को लगा जैसे कल की बात हो जब वो पहली बार राज से मिली थी.
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03-07-2011, 10:16 PM | #4 |
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Re: तेरी याद!
६ महीने पहले
रश्मि ने १०वि का एक्साम दिया था, और रिजल्ट आने में देर थी, वो अब कुछ दिन मस्ती करना चाहती थी लेकिन उसके पिता ने उसका admission Excellence कोअचिंग सेण्टर में करवा दिया ताकि वो वहा पर इंजीनियरिंग की तयारी कर सके. कोअचिंग का माहौल रश्मि को कुछ खास पसंद नहीं आ रहा था, सभी लोग वहा पर अजनबी थे, उसकी अधिकतर सहेलिया मेडिकल के कोअचिंग में चली गयी थी. बचपन से उसे सबसे पहली वाली सीट पर बैठने की आदत थी, सो यहाँ भी वो सबसे आगे ही बैठती थी. कोअचिंग में कुछ दिन ऐसे ही बीत गए. |
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