21-09-2011, 08:29 AM | #11 |
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Re: हिन्*दी शायरी
हर बकत मिलने की फरियाद करते है हमें नही पता घरवाले बताते है के हम नीदं में भी आपके बात करते हैं” |
21-09-2011, 08:30 AM | #12 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“अपने दिल की सूनी अफवाहों से काम ना ले
मुझै याद रख बेशक मेरा नाम ना ले तेरा बहम है के मैं भूला दूंगा तुझे मेरी कोई ऐसी सांस नहीं जो तेरा नाम न ले” |
21-09-2011, 08:30 AM | #13 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“दोस्*ती से आज प्*यार शरमाया है
तेरी चाहत ने कुछ ऐसा गजब ढाया है खुदा से क्*या तुझे मांगे, वो तो आत खुद मुझ से मुझ जैसा मांगने आया है” |
21-09-2011, 08:30 AM | #14 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“सांस लेने से तेरी याद आती है
ना लेने से मेरी जान जाती है कैसे कह दू सिर्फ सॉस से मै जिन्*दा हू कम्*बक्*त सांस भी तो तेरी याद के बाद आती है” |
21-09-2011, 08:30 AM | #15 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया
ख्*बाबों ने सपनों में आना छोड दिया नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद आपने भी याद करना छोड’ दिया” |
21-09-2011, 08:30 AM | #16 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये कैसा मोड है जिन्*दगी का जो लोग खास है उन्*की की कमी हैं” |
21-09-2011, 08:30 AM | #17 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“आसुओं के चलनेकी आवाज नहीं होती
दिल के टुटने की आहट नहीं होती अगर होता खुदा को हर दर्द का अहसास तो उसे दर्द की आदत ना होती” |
21-09-2011, 08:31 AM | #18 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“ हम दोस्*ती में हद से गुजर जायेगें
ये जिन्*दगी आपके नाम कर जायेगें आप रोया करेगों हमे याद करके आपके दामन में दतना प्*यार भर जायेगें” |
21-09-2011, 08:31 AM | #19 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“रिश्*तों की ये दुनिया है निराली
सब रिश्*तों से प्*यारी है दोस्*ती तुम्*हारी मंजूर है आंसू भी आखों में हमारे अगर आ जाये मुस्*कान होठों पे तुम्*हारी” |
21-09-2011, 08:31 AM | #20 |
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Re: हिन्*दी शायरी
ए पलक तु बन्*द हो जा, ख्*बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी
इन्*तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी” |
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