19-08-2021, 06:05 PM | #1 |
Diligent Member
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तुम्हें जब याद करता हूँ
■■■■■■■■■■ भले तुम कोहरे को धूल या बादल समझ लेना, नहीं इक बेवफ़ा को आँख का काजल समझ लेना, मेरे आँसू निकलते हैं तुम्हें जब याद करता हूँ- मैं आशिक हूँ कहीं मुझको नहीं पागल समझ लेना। मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 27/02/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 |
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