22-08-2021, 03:04 PM | #1 |
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ग़ज़ल- मुश्किल में हैं हल सोचेंगे
■■■■■■■■■■■ मुश्किल में हैं हल सोचेंगे आज नहीं तो कल सोचेंगे छप्पर का भी नहीं ठिकाना कैसे ताज-महल सोचेंगे बड़ा नहीं है मुझसे कोई ऐसा तो पागल सोचेंगे वे भी हो जाएंगे पागल भाई जो हर पल सोचेंगे धोखा देना जिनकी आदत वे तो केवल छल सोचेंगे पाएंगे 'आकाश' नहीं कुछ जो बैठे ही फल सोचेंगे ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 20/08/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 23-08-2021 at 03:57 AM. |
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