14-05-2014, 04:19 PM | #1 |
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क्या आप जानते है?
क्या आप जानते है? अल्बर्ट आइंनस्टाइन दूनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में न्युटन के साथ सबसे ऊपर आते हैं.जिन्होने सिर्फ कागज और पैन की सहायता से ऐसे सिधांत दिए और खोजे की जिन्होंने विज्ञान की रूपरेखा को पल्ट दिया. आइंनस्टाइन का जन्म जर्मनी में 14 मार्च 1879 को और मृत्यु 18 अ्रपैल 1955 को अमरीका में हुई.आइए इस असाधारण वैज्ञानिक के बारे में कुछ रोचक तथ्य और प्रेरक प्रसंग जानते हैं. और पढ़ने के बाद कृप्या कमेंट जरुर दें. 1.जब आइंस्टाइन का जन्म हुआ तब इनका सिर बहुत बड़ा था और इन्होने 4 साल की उम्र तक बोलना भी शुरू नही किया था. मगर एक दिन जब 4 साल के आइंनस्टाइन अपने माता पिता के साथ रात के खाने पर बैठे थे तो उन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोडते हुए कहा -'shoop बहुत गर्म है '.अपने बेटे के इस तरह से चार साल बाद एकदम बोलने से आइंनस्टाइन के माता-पिता हैरान हो गए. 2.आइंनस्टाइन समुद्री यात्रा करते समय और violin बजाते समय मोजे (जुराबे) पहनने नही पसंद करते थे. 3.आइन्स्टीन ने एक बार कहा – “बचपन में मेरे पैर के अंगूठे से मेरे मोजों में छेद हो जाते थे इसलिए मैंने मोजे पहनना बंद कर दिया”। 4.आइंनस्टाइन की यादआसत कुछ ज्यादा अच्छी नही थी.उन्हें Dates और Phone numbers याद रखने में problem होती थी.यहाँ तक कि उन्हे खुद का नंम्बर याद नही रहता था . |
14-05-2014, 04:28 PM | #2 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते है? महीने के नामों को तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि महीनों के यह नाम कैसे पड़े एवं किसने इनका नामकरण किया। नहीं न! तो जानिए...... जनवरी : रोमन देवता 'जेनस' के नाम पर वर्ष के पहले महीने जनवरी का नामकरण हुआ। मान्यता है कि जेनस के दो चेहरे हैं। एक से वह आगे तथा दूसरे से पीछे देखता है। इसी तरह जनवरी के भी दो चेहरे हैं। एक से वह बीते हुए वर्ष को देखता है तथा दूसरे से अगले वर्ष को। जेनस को लैटिन में जैनअरिस कहा गया। जेनस जो बाद में जेनुअरी बना जो हिन्दी में जनवरी हो गया। फरवरी : इस महीने का संबंध लेटिन के फैबरा से है। इसका अर्थ है 'शुद्धि की दावत।' पहले इसी माह में 15 तारीख को लोग शुद्धि की दावत दिया करते थे। कुछ लोग फरवरी नाम का संबंध रोम की एक देवी फेबरुएरिया से भी मानते हैं। जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी गई है इसलिए महिलाएं इस महीने इस देवी की पूजा करती थीं ताकि वे प्रसन्न होकर उन्हें संतान होने का आशीर्वाद दें। मार्च : रोमन देवता 'मार्स' के नाम पर मार्च महीने का नामकरण हुआ। रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था। मार्स मार्टिअस का अपभ्रंश है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। सर्दियां समाप्त होने पर लोग शत्रु देश पर आक्रमण करते थे इसलिए इस महीने को मार्च नाम से पुकारा गया। अप्रैल : इस महीने की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'एस्पेरायर' से हुई। इसका अर्थ है खुलना। रोम में इसी माह कलियां खिलकर फूल बनती थीं अर्थात बसंत का आगमन होता था इसलिए प्रारंभ में इस माह का नाम एप्रिलिस रखा गया। इसके पश्चात वर्ष के केवल दस माह होने के कारण यह बसंत से काफी दूर होता चला गया। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सही भ्रमण की जानकारी से दुनिया को अवगत कराया तब वर्ष में दो महीने और जोड़कर एप्रिलिस का नाम पुनः सार्थक किया गया। मई : रोमन देवता मरकरी की माता 'मइया' के नाम पर मई नामकरण हुआ। मई का तात्पर्य 'बड़े-बुजुर्ग रईस' हैं। मई नाम की उत्पत्ति लैटिन के मेजोरेस से भी मानी जाती है। जून : इस महीने लोग शादी करके घर बसाते थे। इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ। एक अन्य मतानुसार जिस प्रकार हमारे यहां इंद्र को देवताओं का स्वामी माना गया है उसी प्रकार रोम में भी सबसे बड़े देवता जीयस हैं एवं उनकी पत्नी का नाम है जूनो। इसी देवी के नाम पर जून का नामकरण हुआ। जुलाई : राजा जूलियस सीजर का जन्म एवं मृत्यु दोनों जुलाई में हुई। इसलिए इस महीने का नाम जुलाई कर दिया गया। अगस्त : जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए सेक्सटिलिस का नाम बदलकर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त रह गया। सितंबर : रोम में सितंबर सैप्टेंबर कहा जाता था। सेप्टैंबर में सेप्टै लेटिन शब्द है जिसका अर्थ है सात एवं बर का अर्थ है वां यानी सेप्टैंबर का अर्थ सातवां किन्तु बाद में यह नौवां महीना बन गया। अक्टूबर : इसे लैटिन 'आक्ट' (आठ) के आधार पर अक्टूबर या आठवां कहते थे किंतु दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्टूबर ही चलता रहा। नवंबर : नवंबर को लैटिन में पहले 'नोवेम्बर' यानी नौवां कहा गया। ग्यारहवां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला एवं इसे नोवेम्बर से नवंबर कहा जाने लगा। दिसंबर : इसी प्रकार लैटिन डेसेम के आधार पर दिसंबर महीने को डेसेंबर कहा गया। वर्ष का 12वां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला। http://hindi.webdunia.com/kidsworld-...20517064_1.htm |
14-05-2014, 04:43 PM | #3 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि पिन कोड का मतलब क्या होता है?
आपके इलाके का पिन कोड तो आपको याद ही होगा। हर किसी को पिन कोड जबानी याद होता है। कोई चिट्ठी भेजनी हो, कोरियर या मनी ऑर्डर पिन कोड की जरूरत तो सभी को पड़ती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पिन कोड का मतलब क्या होता है? पिन कोड एक बहुत ही महत्वपूर्ण कोड होता है। इसकी मदद से आप अपने इलाके की पूरी जानकारी आसानी से निकाल सकते हैं। जब आप अपना पिन कोड किसी को बताते हैं तो इसका मतलब होता है कि आप अपने एरिया की पूरी जानकारी उसे दे रहे हैं। पिन कोड का जनम 15 अगस्त 1972 को हुआ था। पिन कोड का मतलब होता है पोस्टल इंडेक्स नंबर। 6 नंबरों को मिलाकर बनाया गया ये कोड आपके एरिया की पूरी जानकारी देता है। इसका हर नंबर कोई खास एरिया की जानकारी देता है। इस जानकारी की मदद से पोस्ट ऑफिस के लोग सही जगह पैकेट को डिलिवर करते हैं। हमारा पूरा देश 6 खास जोन में डिवाइड किया हुआ है। इसमें से 8 रीजनल जोन हैं और एक फंक्शनल जोन। हर पिन कोड किसी ना किसी खास जोन की जानकारी देता है। पिन कोड के नंबर- अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 1 है तो इसका मतलब है कि आप दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश या जम्मू और कश्मीर में से किसी राज्य से हैं। अगर यही नंबर2है तो आप उत्तर प्रदेश या उत्तरांचल से हैं। इसी तरह अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 3 है तो आप वेस्टर्न जोन के राजस्थान या गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। 4 नंबर से शुरू होने वाला पिन कोड महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का कोड होता है। इसी तरह 5 से शुरू होने वाला कोड आंद्र प्रदेश और कर्नाटक का होता है। अगर आपका पिन कोड 6 से शुरू हो रहा है तो आप केरला या तमिलनाडू के रहने वाले हैं।अब अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 7 है तो आप ईस्टर्न जोन में हैं। यहां आप बंगाल, ओरिसा, और नॉर्थ ईस्टर्न इलाकों में हैं। अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 8 है तो यह इस बात का संकेत है कि आप बिहार या झरखंड में रहते हैं। अब अगर आप 9 नंबर से शुरू होने वाले पिन कोड का प्रयोग करते हैं तो यह इस बात का सबूत है कि आप फंक्शनल जोन में रहते हैं। यह होता है आर्मी पोस्टल सर्विसेज के लिए। अब ये तो हुई पहले नंबर की बात अब हम बात करते हैं पिन कोड के शुरू के दो नंबरों के बारे में। 11 नंबर दिल्ली का होता है, 12 - 13 हरियाणा, 14 - 16 पंजाब, 17 हिमाचल प्रदेश, 18 और 19 जम्मू और काश्मीर, 20 - 28 उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के लिए, 30-34 राजस्थान, 36-39 गुजरात, 40-44 महाराष्ट्रा, 45-49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, 50-53 आन्द्र प्रदेश, 56-59 कर्नाटक, 60-64 तमिल नाडू, 67-69 केरला, 70-74 बंगाल, 75-77 ओरिसा, 78 आसाम, 79 नॉर्थ ईस्टर्न इलाके, 80-85 बिहार और झारखंड, 90-99 आर्मी पोस्टल सर्विसेज। पिन कोड के अगले 3 डिजिट उस इलाके की जानकारी देते हैं जहां आपका पैकेट पहुंचना है। इसका मतलब है उस ऑफिस में जहां आपका पैकेट जाएगा। एक बार आपका पैकट सही ऑफिस तक पहुंच गया तो वहां से यह आपके घर तक पहुंचाया जाता है। अब आप समझे पिन कोड कितना महत्वपूर्ण है। |
14-05-2014, 05:05 PM | #4 |
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Re: क्या आप जानते है?
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15-05-2014, 06:58 AM | #5 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं, भारत के रोचक तथ्य
भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। जनसंख्या के मामले में यह विश्व में दूसरे नंबर पर है। भारत में एक करोड़ से ज्यादा लोग करोड़पति हैं। विश्व विख्यात खेल शतरंज का जन्म भारत में ही हुआ था। भारत की फिल्म इंडस्ट्री विश्व की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है। इसके बॉलीवुड नाम का इजाद बाम्बे के 'बी' से हुआ। मुबंई भारत का सबसे बड़ा शहर है। इसके साथ ही भारत विश्व का सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
15-05-2014, 07:00 AM | #6 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कार के बराबर होता है ब्लू व्हेल का दिल
पृथ्वी पर पाए जाने वाले प्राणियों में ब्लू व्हेल सबसे बड़ी है। इसका *दिल एक कार के जितना ही बड़ा होता है। और इसकी जीभ एक हाथी की लंबाई जितनी लंबी होती है। इसके द्वारा निकाली जाने वाल*ी ध्वनि सबसे तेज ध्वनि है। यह अपने फेफड़ों में एक बार में 5000 लीटर हवा को एकत्रित कर सकती है। इतना ही नहीं बड़े शरीर के बावजूद यह 30 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती है।
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15-05-2014, 09:46 AM | #7 |
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Re: क्या आप जानते है?
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15-05-2014, 10:28 AM | #8 |
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Re: क्या आप जानते है?
कुछ रोचक तथ्य
--------------- *-----------> ✿ कोई भी व्यक्ति स्वयं की कुहनी को चाट नहीं सकता --------------- *-----------> ✿ छींकते वक्त आँखे खुली रखना असम्भव है। --------------- *-----------> ✿ छींकते समय हृदय की गति एक मिली सेकंड के लिए रुक जाती है। --------------- *-----------> ✿ मात्र एक घण्टा तक हेडफोन पहने रहने से कान में बैक्टीरिया की संख्या 700 गुना बढ़ जाती है। --------------- *-----------> ✿ लाइटर का आविष्कार माचिस से पहले हुआ। --------------- *-----------> ✿ उँगलियों के निशान जैसे ही सभी के जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं। --------------- *-----------> ✿ बिना खाना खाए एक माह तक जिंदा रहा जा सकता है जबकि बिना पानी पिए केवल एक सप्ताह। शरीर में सिर्फ 1% पानी की कमी होने पर प्यास महसूस होने लगती है और 10% कमी होने पर प्राण निकल जाते हैं। --------------- *-----------> ✿ ध्वनि की गति हवा की अपेक्षा स्टील में 15 गुनी अधिक होती है। --------------- *-----------> ✿ लिओनार्डो डा विंसी एक ही समय में एक हाथ सेलिख सकते थे साथ ही दूसरे हाथ से चित्रकारी भी कर सकते थे। --------------- *-----------> ✿ च्युइंगगम चबाते-चबाते प्याज काटने से आँख से आँसू नहीं आते। (यद्यपि प्याज काटने से आँखों में आँसू बनने की प्रक्रिया अवश्य होती है किन्तु जबड़ों के लगातार चलते रहने केकारण वे आँख तक नहीं आ पाते।) --------------- *-----------> ✿ “Rhythm” अंग्रेजी का वह सबसे बड़ा शब्द है जिसमें अंग्रेजी का कोई भी स्वर (vowel) का प्रयोग नहीं हुआ है। --------------- *-----------> ✿ शहद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हजारों साल तक खराब नहीं होता। (मिश्र के फैरो के कब्रों में पाए गए शहद को पुरातत्वविदों द्वारा चख कर देखने पर पाया गया है कि वह आज भी खाने योग्य है।) --------------- *-----------> ✿ नींद में होने पर भी डॉल्फिन की एक आँख खुलीरहती है ..!!! |
15-05-2014, 11:27 AM | #9 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं..जिस घर में लोग मच्छरदानी में सोते हैं, वहां मच्छरों से जुड़ी बीमारियां होने के खतरे 90 प्रतिशत तक कम होते हैं! एक और बात..मच्छरों से बचने के लिए हम सब रात में कोशिशें करते हैं, जबकि डेंगू का मच्छर सुबह के समय काटता है। ऐसी और भी कई बातें हैं, जिनसे हम अनजान हैं और इसी वजह से मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों का शिकार बनते हैं।क्या आप जानते हैं कि ऐसे भागते हैं मच्छर! वैज्ञानिक मानते हैं कि हम मच्छर से बचने के लिए शरीर पर क्रीम मलते हैं या अगरबत्ती सुलगाते हैं, जबकि सच यह है कि इन सारी चीजों से मच्छर थोड़े समय के लिए नियंत्रित होते हैं और इनके साइड इफेक्ट भी होते हैं। मच्छररोधी क्रीम जहां हमारी त्वचा के लिए अच्छी नहीं होती, वहीं अगरबत्तियों का धुआं हमारे दिल के लिए नुकसानदेह होता है। इसलिए बेहतर होगा कि हम इनसे बचने के लिए दूसरे विकल्प अपनाएं। ऐसे विकल्प, जो मच्छरों से शत-प्रतिशत मुक्ति तो दिलाएं ही, साथ ही हमारे आस-पास के पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रखें। बायोसाइड ऐसा ही एक विकल्प है। बायोसाइड गंधरहित पदार्थ होता है, जिसे पानी में मिला कर घर के लॉन या बाहरी हिस्से पर छिड़कने से मच्छर घर में प्रवेश नहीं करते। ये इतना असरदार होता है कि गर्मी के मौसम में बस दो या तीन बार इसे इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है। ये मच्छरों के अलावा दूसरे कीटनाशकों को भी मारने के काम आता है। इसके अलावा आप घर में मेडिकल सर्टिफाइड मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक आकलन के अनुसार जिस घर में लोग मच्छरदानी में सोते हैं, वहां मच्छरों से जुड़ी बीमारियों के होने के अवसर 90 प्रतिशत तक घट जाते हैं। हम सब घर में पानी जमा नहीं रखते, क्योंकि ये मच्छरों के पनपने का कारण बनता है, जबकि डेंगू का मच्छर ताजे पानी में पनपता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि चिड़ियों के पिंजरे या पालतू जानवरों के पीने के बर्तन में भी पानी बचा न रहे। ये आजमाएं, मच्छर भगाएं -अगर आप वॉटर टैंक का पानी बार-बार बदल नहीं सकते तो उसमें एक या दो मछलियां छोड़ दें। मछलियां मच्छरों को पनपने से रोकती हैं। -अगर घर में खुली नालियां या गमले हैं या आस-पास कोई ऐसी जगह है, जहां पानी खुला रहता हो तो उसमें दो या तीन चम्मच पेट्रोल डाल दें, इससे मच्छर नहीं पनपेंगे। -तुलसी के पौधे खिड़की या दरवाजों के पास लगाने से भी मच्छर घर में नहीं आते। -लहसुन पानी में उबाल लीजिए। इस पानी को दरवाजे और खिड़कियों पर छिड़कने से भी मच्छरों का आना रुकता है। -लॉन में अगर मेरीगोल्ड और रोजमेरी के पौधे लगे हों तो भी मच्छर कम आते हैं। |
15-05-2014, 11:31 AM | #10 |
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Re: क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं?
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