My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 30-03-2012, 11:24 PM   #1
Kunal Thakur
Member
 
Join Date: Oct 2011
Location: New Delhi
Posts: 17
Rep Power: 0
Kunal Thakur will become famous soon enoughKunal Thakur will become famous soon enough
Default अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

दोपहर अपनी ढलान पर था| लगभग ४ बजे होंगे | गोपाल प्रसाद अपने नगरपालिका के दफ्तर से लौट रहा था | अपने गृहस्त जीवन के ख्यालों में खोया हुआ था की आज घर पर जा कर क्या क्या करना है |बाज़ार के हलचल से अनभिग अपनी रफ़्तार में चला जा रहा था |तभी कुछ लोगो के शोर ने उसका ध्यान खिंचा | उसने देखा की शहर के मुख्य चौराहे पे स्तिथ गाँधी जी की प्रतिमा के तरफ २०-२५ लोग नारा लगाते हुए बढे चले जा रहे थे |उसे डर लगा की कहीं लोग पहले से जर्जर , धुल से ओत प्रोत गाँधी जी की प्रतिमा को हटाने तो नहीं जा रहें | उसने अपनी २२ इंच वाली हीरो साइकिल को उस ओर मोड़ दिया | लेकिन वहां कुछ और ही नज़ारा था | सबके हाथ में जलती हुई मोमबती थी और लोग 'युवा दिवस' के अवसर पर स्वामी विवेकानंद के लिए नारे लगा रहे थे | शहर में स्वामी विवेकानंद की कोई प्रतिमा न होने के कारण ये लोग गाँधी जी की प्रतिमा पर ही पहुँच गए थे | गोपाल टकटकी लगाये उन्हें देखता रहा | उसे ताजुब हो रहा था की इस दोपहरी में ये लोग मोमबती क्यूँ जलाएं हुए हैं | कुछ देर बाद उसने अपनी साइकिल घुमाई और मस्ती में अपने घर की ओर चल दिया |

हरी, ताज़ी और सस्ती सब्जियों से भरा थेला अपनी धर्म पत्नी, राधा को थमाया और चौकी पर जा बैठे | राधा ने गरमागरम चाय और भुना हुआ चुउरा हरी मिर्च के साथ गोपाल के सामने रखा और अपने कभी नही खत्म होने वाले घरेलु काम में लग गयी | गोपाल की इच्छा हुई की क्यूँ न दिन भर की ख़बरों की खबर ली जाये |संज्योग से बिजली भी थी | उसने प्रादेशिक न्यूज़ चैनल लगाया | कुछ समाचारों के बाद चौराहे वाले लड़के टी वि पर नज़र आ गएँ | उत्सुकता से गोपाल के चेहरे पे हलकी मुस्कान भी आ गयी |कोने में उसने अपने आपको देखा | बिना समय गवाएं राधा को जोर की आवाज़ लगायी | राधा भागती हुई आई , उसे लगा की क्या अनर्थ हो गया | पर उसके आते आते , दूसरा समाचार भी आ गया | पति ने सारा किस्सा सुनाया , राधा हर्षित हुई| पर पति देव को टी वि पर देखने की इच्छा रह ही गयी | गोपाल प्रादेशिक से राष्ट्रीय समाचारों के तरफ बढे | वहां के समाचार में भी उन्होंने कुछ लोगो को मोमबती जलाये इंडिया गेट की तरफ जाते देखा | ये लोग भ्रस्टाचार का विरोध कर रहे थे | उसका सर चकराया | उसे ताजुब हो रहा था की लोग मोमबती ही क्यूँ जला रहे हैं | चाहे तो टार्च जला ले या मशाल ही जला ले और नहीं तो टायर जला लें जैसा की गाँव में होता है , मोमबती ही क्यूँ | चाहे ख़ुशी हो या गम , दिन हो या रात , सब के सब मोमबती ही जला रहे हैं | इसी तरह की कुछ खबरें उसने मुंबई , शिमला और पंजाब में भी देखि |कोई पानी की किल्लत से परेशान, कोई किसी नेता के गिरफ़्तारी के लिए तो कोई पर्यावरण की रक्षा की लिए मोमबती जलाये हुए है | गोपाल के हिम के सामान शांत मानस पटल पर हलचल मच गयी | उसे याद आ रहा था की बचपन में बिजली चले जाने पर और किरासन तेल नहीं होने पर उसके घर में मोमबती जलती थी | दीपावली में जब दीप कम पड़ जाते थे , तब मोमबती जलाई जाती थी | इसे जलाना आसान होता था और समय से बुझ भी जाता था | पर इस तरह मोमबती का प्रयोग उसने अपने जीवन काल में पहले न देखा था | रात को भी इसी पर विचार करते करते सो गया | प्रात: दफ्तर पहुँच कर अपने सहयोगियों के सामने अपने हृदय की व्यथा रखी| कोई कुछ जवाब देता तो कोई कुछ | किसी ने कहा की मोमबती लेकर चलने से ध्यान केन्द्रित रहता है | किसी ने कहा की सफ़ेद मोमबती की रौशनी से चेहरे का कालापन चला जाता है | किसी ने कहा ये सस्ता है और कम प्रदुषण करता है | किसी भी जवाब में गोपाल के मन को शांत करने का सामर्थ्य नहीं था | उसने सोचा की मोमबती जलाने की जरुरत ही क्या है | बिना उसके भी तो बात कही जा सकती है , विरोध किया जा सकता है , युवा दिवस भी मन सकता है |
बहुत सोच विचार कर वह शाम को अपने बचपन के दोस्त , मंगेश से मिलने गया | मंगेश नए जमाने का सजीला नवयुवक था | फिल्मी दुनिया में काफी रूचि रखता था | लम्बे बाल , रंग बिरंगी जींस पैंट , गोल गले का टी शर्ट और जींस की पिछली जेब में कंघी रखना मंगेश का शौख था | मंगेश से मिलने पर गोपाल ने इसी विषय को छेड़ दिया | मंगेश सोच में पड़ गया| फिर उसे किसी फिल्म का कोई दृश्य ध्यान में आया | उसने कहा की ये लोग फिल्म से प्रेरित हैं |एक फिल्म में अभिनेता , अभिनेत्री अपने दोस्तों के साथ सफ़ेद मोमबती जलाये इंडिया गेट जाते हैं | आज लोग इन्ही की नक़ल कर रहे हैं | जो मोमबती नहीं जलाता उसको न सरकार पूछती है न समाचार पत्र वालें | मंगेश की बात तार्किक तो थी और गोपाल अपने समाज में नक़ल करने की प्रविति को भी भली भाति जानता था | फिर भी गोपाल के मन में टीस बनी हुई थी | आम लोग तो नक़ल कर लें, ये बात तो समझ में आती है , पर उसने कई विद्वानों को भी जलती हुई मोमबती लेकर जाते देखा था |
उसे समझ में आ गया था की इस गूढ़ रहस्य का भेद श्री श्री १०८ बाबा गोरखनाथ ही खोल सकते हैं | बाबा गोरखनाथ अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र के पुराने ज्ञाता रहें हैं | किस अनुपात में 'पेट्रोल' में रासन की दूकान से निकला हुआ किरासन तेल मिलकर बेचा जाये , इस शहर में बाबा से अच्छा कोई नहीं जनता था |३ कोठी और ४ कारों का स्वामित्य मिलने के बाद वो बाबा बन गएँ | जाएदा ठण्ड होने के कारण बाबा आज फुर्सत में थे | फिर भी ५-६ महिला प्रार्थी और २-३ चेले उनके दर्शन का सानिध्य उठा रहे थे |गोपाल उनके पुराने जान पहचान का था | दोनों एक ही गाँव से थे | गोपाल को पास बुला कर पूछा,'' गोपाल , परेशान क्यूँ लग रहे हो ?" थोड़ी हिचकिचाहट के बाद उसने अपने दिल की बात बाबा के आगे रख दी और हाथ जोड़ विनती किया की इसका रहस्य बताएं | बाबा पहले तो बहुत हँसे फिर उसके सर पर हाथ रख कर बोले, " तू बहुत अज्ञानी है रे" |मोमबती का प्रचलन इतना अधिक बढ़ने के पीछे सरकार का हाथ है | इस सरकार के मुखिया बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं | उन्होंने गोपाल से पूछा , " पिछली दीपावली में तुमने दीप जलाया था , मोमबती या कुछ और ?" गर्व से गोपाल ने बोला की इस बार उसने चाइनीज़ बिजली की लड़िया जलाई थी, जो बड़े और धनवान लोग जलाते हैं | बाबा ने बीच में ही उसे रोककर बोला," इस बार पुरे देश में सैकरो करोरो की चाइनीज़ बिजली की लड़ियाँ जली हैं , मोमबती और दीप बहुत कम | बड़े शहरों में बिजली की उपलब्धता और चाइनीज़ लड़िया के कारण मोमबती उधोग घाटे में चला गया था |पर सरकार के मुखिया ने इस बात को समझ लिया था |इसलिए तो सरकार ने देश हित में इतने सारे घोटाले करवाए और विरोध करने वालों को भरपूर मोमबती उपलब्ध कराया | आज मोमबती उधोग देश का एक कारगर उधोग बन चूका है |"
बाबा के इस अदभूत ज्ञान ने गोपाल की अज्ञान रूपी पट्टी को खोल दिया था | फिर भी एक प्रश्न ने जन्म ले ही लिया | उसने पूछा , " बाबा, इतने सारे मोमबती अगर उन बच्चो को दे दी जाती जो रात के अँधेरे के कारण पढ़ नहीं पाते तो देश से अशिक्षा दूर हो जाती |" बाबा फिर मुस्कुराएँ और बोले ," बेटा गोपाल , अगर सभी शिक्षित ही हो जायेंगे तो सरकार और मैं दोनों बेरोजगार न हो जायेंगे "| ये कह कर बाबा ने अपनी आँखें बंद कर ली थी| बाबा के इस अमृतवाणी ने गोपाल के अँधेरे मनस में मोमबती की अलख ज्योति जला दी थी |

कृत - कुणाल
व्यंग्य
Kunal Thakur is offline   Reply With Quote
Old 31-03-2012, 12:16 AM   #2
Sikandar_Khan
VIP Member
 
Sikandar_Khan's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: kanpur-(up)
Posts: 14,034
Rep Power: 69
Sikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to Sikandar_Khan
Default Re: अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

कुणाल जी , बहुत ही उम्दा व्यंग रचा है ! मेरी ओर से आपको सेल्यूट |
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."

click me
Sikandar_Khan is offline   Reply With Quote
Old 31-03-2012, 09:23 AM   #3
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

good one..
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 31-03-2012, 11:53 AM   #4
ndhebar
Special Member
 
ndhebar's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Kerrville, Texas
Posts: 4,605
Rep Power: 50
ndhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to ndhebar
Default Re: अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

कुनाल जी
काफी दिन बाद आपको सक्रीय देखकर बहुत ख़ुशी हुई
आपकी व्यंग रचनाये हमेशा ही प्रभावित करती है
धन्यवाद
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
ndhebar is offline   Reply With Quote
Old 31-03-2012, 02:00 PM   #5
arvind
Banned
 
Join Date: Nov 2010
Location: राँची, झारखण्ड
Posts: 3,682
Rep Power: 0
arvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant futurearvind has a brilliant future
Default Re: अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

सुंदर कटाक्ष है बंधु।
arvind is offline   Reply With Quote
Old 02-04-2012, 02:17 AM   #6
Kunal Thakur
Member
 
Join Date: Oct 2011
Location: New Delhi
Posts: 17
Rep Power: 0
Kunal Thakur will become famous soon enoughKunal Thakur will become famous soon enough
Default Re: अलख ज्योति, मोमबती की - एक व्यंग्य

आभार है सब का
Kunal Thakur is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
baba, candle, corruption, kunal, sarkar


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 03:38 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.