17-10-2011, 06:46 PM | #1 |
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आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
आदमी तो खुश हुआ । पर गधा कुत्ता उल्लू इस बात पर अफ़सोस करने लगे । तब भगवान ने पूछा - क्या बात है । तुम लोग उदास क्यों हो गये ? तब गधा बोला - प्रभु ! आपने मुझे बहुत आयु दे दी । कहाँ इतनी उमर 40 साल तक बोझा ढोता फ़िरूँगा । हमेशा का लालची आदमी उस समय भी लालची था । वह बोला - भगवान जी ! कोई बात नहीं । यह नहीं जीना चाहता । तो न सही । आप इसकी आयु में से मुझे दे दीजिये । भगवान ने तथास्तु कहते हुये गधे की आयु 40 से घटाकर 20 कर दी । और आदमी की 40 से बढाकर 60 कर दी । तभी कुत्ता बोला - सर जी ! मेरे कू भी कहाँ भ ऊँ भौं भ ऊँ भौं करते हुये रोटी के टुकङे के लिये दर दर भटकना होगा । मेरी एज भी माइनस करिये ना । लालची आदमी बोला - गाड जी ! गिव मी प्लीज डागी एज । गाड जी ने उसके भी 20 घटाकर आदमी की आयु में जोङते हुये 40 + 20 + 20 = 80 कर दिया । तब उल्लू राम जी बोले - अईयो बगबान जी ! मेरे को काये को 40 साल आँख मटकाने कू लम्बाsss सा लाइफ़ देता
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
17-10-2011, 06:47 PM | #2 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
जी । कुछ कम देने का ना ।
महा लालची आदमी फ़िर से उल्लू की तरह गोल गोल आँखें घुमाता हुआ बोला - बगबान जी ! जब बेचारा नहीं लेता । तो आप काये कू देता । अम को दे दो ना । रहस्यमय ढंग से मुस्कराते हुये भगवान ने आफ़कोर्स कहते हुये फ़िर से 40 + 20 + 20 + 20 = 100 करते हुये इंसान को शतायु बना दिया । इसके बाद जीवन का खेल शुरू हुआ । तब आदमी अपनी 40 साल की आयु तो आदमी की तरह सम्मान से जीता रहा । उसके बीबी बच्चे समाज सभी उसे इज्जत देते थे । उसका शरीर भी मजबूत और सुन्दर था । परन्तु 40 साल पूरे होते ही सबसे पहले मिली गधे की आयु शुरू हो गयी । तो इंसान का जीवन भी गधे जैसा हो गया । वो बस परिवार के लिये परिवार का बोझ ढोने वाला मात्र रह गया ।
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17-10-2011, 06:48 PM | #3 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
बङे होते बच्चों की परवरिश और तमाम जिम्मेदारी उठाते हुये भी वो सबके ताने उलाहनों रूपी कोङों की मार झेलने लगा ।
खैर..साहब इस तरह बोझा ढोते ढोते उसने 60 को पार कर लिया । तब कुत्ते की आयु शुरू हो गयी । अब उसमें जिम्मेदारियों का बोझा उठाने की शक्ति नहीं रही थी । वह अपने बच्चों को कुछ जिम्मेदारी संभालने को कहता । बीबी से उन्हें सही सीख देने को कहता । तो उसके बीबी बच्चे उसकी बात को कुत्ते की भ ऊँ भौं भ ऊँ भौं से अधिक महत्व नहीं देते । किसी तरह आदमी ने रो धोकर 80 तक कुत्ते की आयु पूरी की । लेकिन 80 पार होते ही उल्लू की आयु शुरू हो गयी । और आदमी की टोटल इज्जत वैल्यू उल्लू जी की रह गयी । बच्चे कहते - खुद तो जीवन में कुछ कर नहीं पाया बुढ्ढा । और हमें अक्ल बताता रहता है etc . बीबी के भी ऐसे ही ख्यालात थे - समझते तो बहुत अक्लमन्द थे अपने आपको । पर दो पैसे की अक्ल नहीं । उल्लू कहीं के । अब बेचारा पङा पङा सुनता रहता । इसके अलावा और चारा भी क्या था ?
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17-10-2011, 07:11 PM | #4 |
Administrator
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
bahut hi badhiya.. ravi ji..
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18-10-2011, 07:09 AM | #5 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
बहुत गहरी बात की अपने रवि जी जीवन का एक कड़वा सच हे ये
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18-10-2011, 09:12 AM | #6 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
बहुत अच्छी जानकारी हैँ और चिंतनीय भी रवि भाई
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
18-10-2011, 11:42 PM | #7 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
इन्टरेस्टिंग...पर इसमें काफ़ी हद तक सच्चाई है...
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काम्या
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24-10-2011, 12:17 PM | #8 |
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Re: आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू
बहुत बढ़िया रवि जी
लेकिन अब धीरे धीरे मनुष्य की आयु घट रही है तो अब उल्लू , कुत्ते वाली आयु कम होती जा रही है हाँ लेकिन गधा अब भी है |
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