28-08-2013, 07:39 PM | #31 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
28-08-2013, 07:40 PM | #32 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसीवाली रानी थी
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28-08-2013, 08:59 PM | #33 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
वाराणसी के इतने जीवंत चित्रों ने सूत्र को बहुत आकर्षक बना दिया है. प्रस्तुति के लिये आपका आभार, जय जी.
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29-08-2013, 06:19 PM | #34 | |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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बन्धु, प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। कृपया वाराणसी यात्रा में साथ बने रहे।
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29-08-2013, 06:21 PM | #35 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
पञ्चगंगा
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29-08-2013, 06:22 PM | #36 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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29-08-2013, 06:22 PM | #37 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
माधवराव का किला
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29-08-2013, 06:23 PM | #38 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
चेत सिंह घाट
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29-08-2013, 06:23 PM | #39 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
अहिल्या घाट
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29-08-2013, 06:25 PM | #40 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
सारनाथ के खंडहरों में एक मोर अपने झुण्ड में रह कर मस्त रहता था। एक दिन उसने पाया कि वह नितांत अकेला रह गया है
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