30-09-2016, 01:50 AM | #1 |
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नव्ररात्रि
आज एक बार फिर से जगत जननी माँ दुर्गा के लिए कुछ लिखूं एइसा मन कर रहा है क्यूंकि जब जब नवरात्रियां आतीं हैं मनन चिंतन ध्यान पूजा पाठ ही नज़र के सामने आजाते हैं (जी हाँ नव्रत्रियाँ... क्यूंकि एक चैत्र की नवरात्री हुआ करती है और दूजी शारदीय नवरात्री जिसमे बड़ी भक्ति भाव के साथ भक्त कहूँ या माँ के बच्चे जो दिल से माँ को पुकारते हैं उनकी पूजा अर्चना करते हैं और गुजरात में शाम को जब गरबा डांडिया होता है, पंजाब में माँ का जगराता होता है तब,और बंगाल में धुप आरती होती है तब और उत्तर प्रदेश में गेहूं के जवारे के बिच कुम्भ स्थापन के बाद स्नेह सहित माँ की आरती होती है तब एइसा लगता है की सच में माँ हमारे सामने आ खड़ीं हुईं हैं और माँनो अपने बच्चों की पुकार सुनकर सबके दुःख को दूर कर रही है जिससे सब ध्यान मग्न हो अपने जीवन के दुखों को भुलाकर मस्ती में मस्त हो माँ का गुणगान करते हैं ,.भारत के सभी राज्यों में माँ की पूजा बड़े ही सम्मान से भक्तिभाव से सराबोर होकर की जाती है .आप ध्यान से जब माँ की आँखों को देखोगे तब एइसा लगता है मानो माँ से हम बात कर सकते हैं हम अपने दुःख अपने सुख उसे सुना सकते हैं इतना जिवंत होता है माता का सुन्दर स्वरुप इस ९ दिनों में .. वेइसे तो हमेशा ही माँ का स्वरुप बेहद दयावान और स्नेहमय हुआ करता है पर इन दिनों की तो बात ही कुछ और है . आप सब माँ दुर्गा के बारे में उनके इतिहास के बारे में तो सब जानते ही हो किन्तु आज मुझे आप सबसे इस विषय पर कुछ हटकर बात कहनी है आज सामाज में कलियुग का प्रभाव इन पवित्र दिनों में में भी दीखता है ... आप कहेंगे ओ कैसे ? वो एइसे की बेटियां जो हमारे घर की आन बान शान है उसकी मजाक करने के लिए नुक्कड़ पर कई लड़के झुण्ड में खड़े होकर उसका मजाक बनाते हैं तो कई शराब के नशे में डांडिया खेलने आते हैं और महिलाओं से और बुजुर्गो से बदतमीजी करते हैं जिससे एक तो पवित्र वातावरण दूषित होता है दूजे रंग में भंग पड़ता है जहाँ ख़ुशी से लोग नाचते गाते हैं माँ को रिझाते हैं ,वो ही स्थान लड़ाई का मैदान बन जाता है .और बेवजह दुश्मनी का कारन बन जाती है एईसी वारदातें . इसलिए यदि सभी लोग सोचसमझ कर माँ के सम्मान में( कम से कम )कन्या स्वरूप देवी शक्ति का अपमान न करें क्यूंकि आप एक मर्द होकर किसी की बेटी बहन की मजाक बनाते हो और आपके ही घरवाले नवरात्री के नवमे दिन कन्या के रूप में माँ को आमंत्रित करते हैं कन्या पूजन के लिए तो सोचिये क्या एइसे में माता दुर्गा आपके घर में आएँगी???एक महिला का अनादर माता का अनादर है इसलिए नारी का सम्मान करना सीखें ये ही अनुरोध है मेरा एइसे लोगों से जो महिलाओं को मानसिक प्रताड़ना के साथ अपमानित किया करते हैं .. दूसरों की बहन बेटी का अपमान करने का जब मन बने तब एक पल को सिर्फ अपनी माँ बहन और बेटी को याद कर लें एइसे लोग . अंत में इतना कहूँगी की हर्षोल्लास के साथ पूरी पवित्रता से पूजा पाता तो करें ही साथ ही सुरक्षित खुद रहकर और दूसरों को सुरक्षित रखें और बड़ी धूमधाम से इस त्यौहार का आनंद लें साथ ही माँ का आशीर्वाद लें , इसी में हम सबकी भलाई है . |
30-09-2016, 09:40 PM | #2 |
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Re: नव्ररात्रि
कल शनिवार 1 अक्तूबर 2016 से नवरात्र उत्सव शुरू हो रहा है. सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई. आपने भी बहुत सामयिक आलेख इस अवसर पर पोस्ट किया है. आपको भी अनेकानेक शुभकामनाये एवम् धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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12-10-2016, 10:34 PM | #3 |
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Re: नव्ररात्रि
[QUOTE=rajnish manga;559583][size=3]कल शनिवार 1 अक्तूबर 2016 से नवरात्र उत्सव शुरू हो रहा है. सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई. आपने भी बहुत सामयिक आलेख इस अवसर पर पोस्ट किया है. आपको भी अनेकानेक शुभकामनाये एवम् धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
माफ़ी चाहती हूँ भाई लेट रिप्लाई के लिए ..धन्यवाद भाई आपको भी सभी त्योहारों की अनेकानेक शुभकामनायें भाई . |
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