31-12-2020, 11:44 AM | #1 |
Diligent Member
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शादी कोई खेल नहीं है
■■■■■■■■■■ शादी शादी रटते हो तुम शादी कोई खेल नहीं है उम्र कैद है सुन लो भाई कहने को बस जेल नहीं है शादी तो होनी है इक दिन जितना टल जाये तुम टालो कच्ची उम्र अभी है तेरी मत खुद को संकट में डालो उनसे पूछो जो शादी का लड्डू खाकर हैं पछताते पहले खुश थे आज देखना दर्द भरे नग़्मे हैं गाते बिना नौकरी या धंधे के प्रेम-पाश में खो जायोगे चूसेगी वह खून तुम्हारा सूखी लकड़ी हो जाओगे पहले खुद को सबल बनाओ वरना दुख ही रोज़ सहोगे कलह मचेगा घर में अक्सर मित्रों से बस यही कहोगे- शादी कर ली अब लगता है जैसे भूल हुई है भारी मेरे कारण दुख में बच्चे कष्ट भोगती पल-पल नारी रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- 30/12/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 02-01-2021 at 11:34 AM. |
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