My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > Religious Forum
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 28-12-2010, 02:17 PM   #151
Hamsafar+
VIP Member
 
Hamsafar+'s Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 48
Hamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond repute
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

Quote:
Originally Posted by ABHAY View Post
यौग्दान के लिए शुक्रिया भाई माफ करे मै मोव नहीं कर पाया काम से निकल गया था
पर हो तो गया न. अब ठीक हे
__________________

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें!
Hamsafar+ is offline   Reply With Quote
Old 28-12-2010, 02:24 PM   #152
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

Quote:
Originally Posted by Hamsafar+ View Post
पर हो तो गया न. अब ठीक हे
बधाई हो !
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook .

Last edited by Hamsafar+; 28-12-2010 at 02:27 PM.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 28-12-2010, 02:48 PM   #153
Hamsafar+
VIP Member
 
Hamsafar+'s Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 48
Hamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond reputeHamsafar+ has a reputation beyond repute
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

फिलहाल चलना होगा. ब्रेक के बाद मतलब १ से २ घंटे लग सकते हे. आप कवरिंग करो ! गुड ल़क!
__________________

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें!
Hamsafar+ is offline   Reply With Quote
Old 29-12-2010, 12:38 PM   #154
EGALLOVE
Member
 
EGALLOVE's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 22
Rep Power: 0
EGALLOVE is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

माता वैष्णों के दरबार में दोनों समय होने वाली आरती


हे मात मेरी...........हे मात मेरी
कैसे ये देर लगाई है दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी ।
भवसागर में गिरा पड़ाहूँ, काम आदि गह में घिरा पड़ा हूँ
मोह आदि जाल में जकड़ा हँ
हे मात मेरी, हे मात मेरी................

न मुझमें बल है न मुझमें विघा
न मुझमें भक्ति न मुझमें शक्ति
शरण तुम्हारी गिरा पड़ा हूँ । । हे मात मेरी ।। 2 ।।

न कोई मेरा कुटुम्बी साथी, ना ही मेरा शरीर साथी
चरण कमल की नौका बनाकर,
मैं पार हूँगा खुशी मनाकर
यमदूतों को मार भगाकर ।। 2 ।।

सदा ही तेरे गुणो को गाऊँ, सदा ही तेरे स्वरुप को ध्याऊँ
नित्य प्रति तेरे गुणों को गाऊँ ।। हे मात मेरी ।। 2।।

न मैं किसी का न कोई मेरा, छाया है चारों तरफ अँधेरा
पकड़ के ज्योति दिखा दो रास्ता हे मात मेरी ।।
शरण में पड़े है हम तुम्हारी, करो ये नैया पार हमारी
कैसे से देर लगाई है दुर्गे हे मात मेरी..........
EGALLOVE is offline   Reply With Quote
Old 29-12-2010, 12:39 PM   #155
EGALLOVE
Member
 
EGALLOVE's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 22
Rep Power: 0
EGALLOVE is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

सोमवार की आरती
जय शिव ओंकारा, भज शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अद्र्धागी धारा॥ \हर हर हर महादेव॥

एकानन, चतुरानन, पंचानन राजै।

हंसासन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजै॥ \हर हर ..

दो भुज चारु चतुर्भुज, दशभुज ते सोहे।

तीनों रूप निरखता, त्रिभुवन-जन मोहे॥ \हर हर ..

अक्षमाला, वनमाला, रुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी, कंसारी, करमाला धारी। \हर हर ..

श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे।

सनकादिक, गरुड़ादिक, भूतादिक संगे॥ \हर हर ..

कर मध्ये सुकमण्डलु, चक्र शूलधारी।

सुखकारी, दुखहारी, जग पालनकारी॥ \हर हर ..

ब्रह्माविष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका। \हर हर ..

त्रिगुणस्वामिकी आरती जो कोई नर गावै।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावै॥ \हर हर ..
EGALLOVE is offline   Reply With Quote
Old 29-12-2010, 12:39 PM   #156
EGALLOVE
Member
 
EGALLOVE's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 22
Rep Power: 0
EGALLOVE is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

हर हर हर महादेव।

सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी।

अविकारी, अविनाशी, अज, अन्तर्यामी॥ हर हर .

आदि, अनन्त, अनामय, अकल कलाधारी।

अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर..

ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी।

कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी॥ हरहर ..

रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी।

साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी॥ हरहर ..

मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी।

सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥ हरहर ..

छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली।

चिताभस्मतन, त्रिनयन, अयनमहाकाली॥ हरहर ..

प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी।

विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी॥ हरहर ..

शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।

अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी॥ हरहर ..

निर्गुण, सगुण, निर†जन, जगमय, नित्य प्रभो।

कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥ हरहर ..

सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।

प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता। हरहर ..

हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै।

सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै। हरहर ..
EGALLOVE is offline   Reply With Quote
Old 29-12-2010, 12:40 PM   #157
EGALLOVE
Member
 
EGALLOVE's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 22
Rep Power: 0
EGALLOVE is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

शीश गंग अर्धग पार्वती सदा विराजत कैलासी।

नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुखरासी॥

शीतल मन्द सुगन्ध पवन बह बैठे हैं शिव अविनाशी।

करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर राग रागिनी मधुरासी॥

यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत, बोलत हैं वनके वासी।

कोयल शब्द सुनावत सुन्दर, भ्रमर करत हैं गुंजा-सी॥

कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु लाग रहे हैं लक्षासी।

कामधेनु कोटिन जहँ डोलत करत दुग्ध की वर्षा-सी॥

सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित, चन्द्रकान्त सम हिमराशी।

नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित सेवत सदा प्रकृति दासी॥

ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत, गान करत श्रुति गुणराशी।

ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन कछु शिव हमकू फरमासी॥

ऋद्धि सिद्ध के दाता शंकर नित सत् चित् आनन्दराशी।

जिनके सुमिरत ही कट जाती कठिन काल यमकी फांसी॥

त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर प्रेम सहित जो नरगासी।

दूर होय विपदा उस नर की जन्म-जन्म शिवपद पासी॥

कैलाशी काशी के वासी अविनाशी मेरी सुध लीजो।

सेवक जान सदा चरनन को अपनी जान कृपा कीजो॥

तुम तो प्रभुजी सदा दयामय अवगुण मेरे सब ढकियो।

सब अपराध क्षमाकर शंकर किंकर की विनती सुनियो॥
EGALLOVE is offline   Reply With Quote
Old 29-12-2010, 12:41 PM   #158
EGALLOVE
Member
 
EGALLOVE's Avatar
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 22
Rep Power: 0
EGALLOVE is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

अभयदान दीजै दयालु प्रभु, सकल सृष्टि के हितकारी।

भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन, भवभंजन शुभ सुखकारी॥

दीनदयालु कृपालु कालरिपु, अलखनिरंजन शिव योगी।

मंगल रूप अनूप छबीले, अखिल भुवन के तुम भोगी॥

वाम अंग अति रंगरस-भीने, उमा वदन की छवि न्यारी। भोलेनाथ

असुर निकंदन, सब दु:खभंजन, वेद बखाने जग जाने।

रुण्डमाल, गल व्याल, भाल-शशि, नीलकण्ठ शोभा साने॥

गंगाधर, त्रिसूलधर, विषधर, बाघम्बर, गिरिचारी। भोलेनाथ ..

यह भवसागर अति अगाध है पार उतर कैसे बूझे।

ग्राह मगर बहु कच्छप छाये, मार्ग कहो कैसे सूझे॥

नाम तुम्हारा नौका निर्मल, तुम केवट शिव अधिकारी। भोलेनाथ ..

मैं जानूँ तुम सद्गुणसागर, अवगुण मेरे सब हरियो।

किंकर की विनती सुन स्वामी, सब अपराध क्षमा करियो॥

तुम तो सकल विश्व के स्वामी, मैं हूं प्राणी संसारी। भोलेनाथ ..

काम, क्रोध, लोभ अति दारुण इनसे मेरो वश नाहीं।

द्रोह, मोह, मद संग न छोड़ै आन देत नहिं तुम तांई॥

क्षुधा-तृषा नित लगी रहत है, बढ़ी विषय तृष्णा भारी। भोलेनाथ ..

तुम ही शिवजी कर्ता-हर्ता, तुम ही जग के रखवारे।

तुम ही गगन मगन पुनि पृथ्वी पर्वतपुत्री प्यारे॥

तुम ही पवन हुताशन शिवजी, तुम ही रवि-शशि तमहारी। भोलेनाथ

पशुपति अजर, अमर, अमरेश्वर योगेश्वर शिव गोस्वामी।

वृषभारूढ़, गूढ़ गुरु गिरिपति, गिरिजावल्लभ निष्कामी।

सुषमासागर रूप उजागर, गावत हैं सब नरनारी। भोलेनाथ ..

महादेव देवों के अधिपति, फणिपति-भूषण अति साजै।

दीप्त ललाट लाल दोउ लोचन, आनत ही दु:ख भाजै।

परम प्रसिद्ध, पुनीत, पुरातन, महिमा त्रिभुवन-विस्तारी। भोलेनाथ ..

ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेष मुनि नारद आदि करत सेवा।

सबकी इच्छा पूरन करते, नाथ सनातन हर देवा॥

भक्ति, मुक्ति के दाता शंकर, नित्य-निरंतर सुखकारी। भोलेनाथ ..

महिमा इष्ट महेश्वर को जो सीखे, सुने, नित्य गावै।

अष्टसिद्धि-नवनिधि-सुख-सम्पत्ति स्वामीभक्ति मुक्ति पावै॥

श्रीअहिभूषण प्रसन्न होकर कृपा कीजिये त्रिपुरारी। भोलेनाथ .
EGALLOVE is offline   Reply With Quote
Old 30-12-2010, 11:32 AM   #159
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

Quote:
Originally Posted by EGALLOVE View Post
अभयदान दीजै दयालु प्रभु, सकल सृष्टि के हितकारी।


.
इस यौग्दान के लिए शुक्रिया मित्र
+ कबुल करे
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook .

Last edited by ABHAY; 30-12-2010 at 11:34 AM. Reason: text enter
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 05-01-2011, 06:15 PM   #160
chhotu
Member
 
Join Date: Dec 2010
Posts: 39
Rep Power: 0
chhotu is on a distinguished road
Default Re: विभिन्न ब्रतकथा,आरती,चालीसा

यदि कोई मन्त्र या आरती वगेरा मैं भी लिख दूं तो क्या मैं यहाँ लिख सकता हूँ i
chhotu is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
aarti, chalisa, gayatri chalisa, hindu, hindu religion, hinduism, laxmi chalisa, religion, saraswati chalisa, sunny chalisa, vratha katha


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 09:37 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.