My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Debates
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Closed Thread
 
Thread Tools Display Modes
Old 10-12-2010, 05:51 AM   #1
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
३- इन साइट्स में दिखने वाली वस्तु नहीं जीवित मनुष्य होते हैं | देह व्यापार, खरीद फरोक्त, अपहरण, जबरन फिल्माया जाना, धोके से फिल्माया जाना और ना जाने क्या क्या |||
और ऐसी साइट्स को पालने, चलाने, सहयोग करने वाले हम आपमें ही छुपे बैठे लोग होते हैं जो ज्ञान, मान सम्मान कि दिन रात गंगा बहते हैं किन्तु इनके घ्रणित और सड़े हुए मस्तिष्क इस हद तक गिरे रहते हैं कि मित्र मित्र कहते कहते एक दिन आपके ही घर को निशाना बना दें |
उन जीवित लोगो के प्रति मुझे पूरी हमदर्दी है पता नही किस मजबूरी में ऐसा काम करते है, वैसे अपने भारत मैं तो इस तरह के काम पर प्रतिबंध है जो बहुत ही अच्छी बात है.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 05:57 AM   #2
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
४- यह कोई छिपी बात नहीं है कि इन साइट्स को ऑफिस में भी देखा जाता है, कुछ सर्वे इसे कुल कर्योत्पदक समय का दस प्रतिशत तक बताते हैं, यह सही हो या गलत किन्तु हानि होती ही है |
आपके इस पॉइंट में कोई खास दम नज़र नही आता, उत्पादन तो अन्य काफ़ी चीज़ों से के कारण भी घट जाती है, जैसे जब क्रिकेट मॅच आ रहा होता है, election रिज़ल्ट्स का टाइम होता है.

और मुझे नही लगता कोई भी आदमी अपने ऑफीस में बैठ कर इस तरह के वेबसाइट देखेगा. अगर वो बंदा उस कंपनी का मालिक ही हो तो बात अलग है.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 06:07 AM   #3
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
५- इन साइट्स का ट्रैफिक पाइरेसी और वायरस वाली साइट्स के साथ शेयर होता है | ये तीनों नेटवर्क एक दुसरे के साथ ट्रैफिक शेयर करते हैं जो आपस में मिल कर इन्टरनेट का अपराधीकरण कर रहे है | कोई इंजीनियर प्रोग्रामर दिन रात मेहनत करके एक प्रोग्राम बनाता है और उसे पाइरेसी वाले फ़ोकट में उतार देते हैं , कोई अपनी गाढ़ी कमाई से एक कंप्यूटर लाता है और उसे ये वायरस डाल कर ख़राब कर देते हैं | आखिर में हम करते तो अपना नुक्सान ही हैं |
आपका यह पॉइंट काफ़ी जोरदार है. पॉर्न, पाइरसी और हॅकिंग वाले वेबसाइट्स का काफ़ी पुराना रिश्ता रहा है. और इस तरह के वेबसाइट अपने pc में खोलना मतलब वाइरसस को खुला आमंत्रण देना.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 06:15 AM   #4
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

मेरा conclusion यह है

User should be given a warning message for the first time before they enter inside the these kinds of websites. If a child still wants to enter, its their and their parents problem.

The IT deparment of India should make sure that these websites are following all the IT laws, if they are not following IT laws, they should be banned and case must be filed and necessary actions should be taken. Government should have separate cyber police to monitor these websites.

It’s impossible that these kinds of sites will ever cause some kind of public disorder. It never has, and never will be.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 06:25 AM   #5
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

The Indian Penal Code, 1860 section 293 also specifies, in clear terms, the law against Sale etc. of obscene objects to minors.
Chapter XI

Quote:
"67. Publishing of information which is obscene in electronic form. - Whoever publishes or transmits or causes to be published in the electronic form, any material which is lascivious or appeal to the prurient interest or if its effect is such as to tend to deprave and corrupt persons who are likely, having regard to all relevant circumstances, to read, see or hear the matter contained or embodied in it, shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to five years and with fine which may extend to one lakh rupees and in the event of a second or subsequent conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years and also with fine which may extend to two lakh rupees."
आज से करीब ४-५ साल पहले चेन्नई के एक पोर्न वेबसाइट चलाने वाले को पुलिस ने पकड़ा था उसे तो २ साल की जेल हुई और उस वेबसाइट में जितने लोग काम करते थे या उससे जुड़े थे उन्हें भी ६ ६ महीने की सजा हुई. तो ऐसा है की अपना भारत का कानून भी काफी कड़ा है इस मामले में और बुरी चीज़ का अंत तो होता ही है एक न एक दिन.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 09:38 AM   #6
amit_tiwari
Special Member
 
amit_tiwari's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21
amit_tiwari is a splendid one to beholdamit_tiwari is a splendid one to beholdamit_tiwari is a splendid one to beholdamit_tiwari is a splendid one to beholdamit_tiwari is a splendid one to beholdamit_tiwari is a splendid one to behold
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
Originally Posted by amol View Post
लेकिन पहली बात जो मैं कहना चाहता हूँ, हमें एडल्ट वेबसाइट और पोर्न वेबसाइट के बीच अंतर भी पता होना चाहिए.

अगर कोई वेबसाइट सेक्स education दे रहा है और इस से जुडी ही युवाओं की भ्रांतियों को दूर कर रहा है तो उसे एडल्ट वेबसाइट तो कहेंगे .

क्या मेरे किसी शब्द से आपको लगा कि मैंने वयस्क शिक्षा प्रदान करने वाली साईट कि बुरे की? भाव समझिये, मैं शब्दों को अति संतुलित और सामान्य रखना चाहता हूँ ताकि सभी को पढने में सुगम लगे, इस छिपी हुई बुराई को मैं कमरों से निकाल कर ड्राइंग रूम में लाना चाहता हूँ और उसके लिए आप जैसे जागरूक युवाओं की आवश्यकता है |

Quote:
Originally Posted by amol View Post
. ऐसा भी पोर्न वेबसाइट के साथ होता है उसपर एक वार्निंग आती है और नहीं आती तो आनी चाइये की बेटा यह देखोगे तो इसके लॉन्ग term नुक्सान होंगे.
वार्निंग को किसने आज तक देखा ? रोड पे धीरे चलने का संकेत होता है फिर भी एक्सीडेंट होते हैं, सिगरेट पर ना पीने के संकेत होता है किन्तु फिर भी कैंसर होते हैं पी पी के |
सिगरेट पीकर खुद पीने वाला मरता है, अन्य व्यसनों में भी यही है किन्तु यह एक ऐसा व्यसन है कि हर एक प्रतिभागी अपराधी है उस गिरोह को पालने का जो ये सब कराते हैं |
आखिर ऐसा जघन्य कार्य करने वाले किसी मंदिर के पुजारी तो नहीं होते? ये एक जगह से निकला पैसा, पाइरेसी में लगता है, पाइरेसी के लिए अन्य अपराधियों का सहारा लिया जाता है इस प्रकार से यह एक कुचक्र चलाता है |

Quote:
Originally Posted by amol View Post
मैं तो मानता हूँ पोर्न वेबसाइट से इस तरह के कुंठित मानसिकता वाले लोगो की ***** शांत होती है. और फिर बलात्कार कम होते है.

और आप इस चीज़ के पूरी ज़िम्मेदारी पोर्न वेबसाइट पर कैसे डाल रहे है. क्या इंटरनेट आने से पहले ऐसा नही होता था?
ऐसा क्या ? हत्यारों को ह्त्या करने कि छूट दी जाये कि भाई तमन्ना पूरी करो, चोरों को घरों के ताले तोड़ के दे दिए जाएँ ?
क्या आपने अभी टाइम्स का हुआ सर्वेक्षण पढ़ा जिसमें साफ़ साफ़ दिया है कि रेप के मात्र ३० प्रतिशत मामलों में ही अपराधी का पहला अपराध होता है, यदि आपका तर्क सही है तो साईट क्या वास्तव में करने वालों कि कुंठा पहले अपराध के बाद समाप्त हो जाती फिर क्यूँ सत्तर प्रतिशत मामलों में वाही पुनः अपराध करते हैं |
इन्टरनेट आने से पहले होता था, किन्तु हम जानकारी, उसकी उपलब्धता और साक्षरता बढ़ने पर इन्सबके कम या समाप्त होने की आशा करें तो गलत है ?
क्या सुधार कि आकांक्षा करने कि जगह पर हम आंख मुंड कर बैठ जाएँ कि ये पहले भी होता था !!! मैं पुनः उसी आंकड़े को दोहराना चाहूँगा कि हर रोज़ एक बलात्कार हो रहा है औसतन और यह औसत बढ़ रहा है, ऐसे में कब तक अपना घर सुरक्षित रखेंगे? जिनके साथ यह हादसा हुआ वो भी सामान्य ही थी, किसी कि बहन, किसी कि बेटी उनके मत्थे पर नहीं लिखा था कि उनके साथ ऐसा होगा | कल्पना कीजिए क्या बीतिती होगी ऐसे व्यक्ति क्या पुरे परिवार पर |


Quote:
Originally Posted by amol View Post
उन जीवित लोगो के प्रति मुझे पूरी हमदर्दी है पता नही किस मजबूरी में ऐसा काम करते है, वैसे अपने भारत मैं तो इस तरह के काम पर प्रतिबंध है जो बहुत ही अच्छी बात है.
प्रतिबन्ध ???
बॉस इण्डिया नेपाल पकिस्तान और बंगलादेश से कितना ह्युमन ट्रैफिकिंग गल्फ, यूरोप, थाईलैंड को होती है इसका अनुमान भी है ???
उड़ीसा के गरीब परिवारों से पांच किलो चावल के बदले लडकियाँ खरीद ली जाती हैं ये ख़बरें आपने कभी नहीं देखीं ?
थोडा सामायिक चर्चाओं पर निगाह डालिए, नाल्को के कैम्प में रहे डॉक्टरों के विवरण पढ़िए ! वहाँ पता लगेगी इस सबकी घ्रणित सच्चाई | ये गिरोह चलाने वाले उनका इलाज तक नहीं होने देते, जानते हुए भी कि ये मर जाएँगी, ये जानते हुए भी कि इनसे लोग मारे जायेंगे |


Quote:
Originally Posted by amol View Post
आपके इस पॉइंट में कोई खास दम नज़र नही आता, उत्पादन तो अन्य काफ़ी चीज़ों से के कारण भी घट जाती है, जैसे जब क्रिकेट मॅच आ रहा होता है, election रिज़ल्ट्स का टाइम होता है.

और मुझे नही लगता कोई भी आदमी अपने ऑफीस में बैठ कर इस तरह के वेबसाइट देखेगा. अगर वो बंदा उस कंपनी का मालिक ही हो तो बात अलग है.
नील्सन कंपनी का सर्वे देखिये जो इसकी पोल खोलता है और खैर इसकी भी क्या जरुरत है, कई mnc कर्मचारी यहाँ होंगे वो खुद जानते हैं |
क्रिकेट, रिजल्ट्स से इसकी तुलना करके विषय का मजाक ना बनाइये, ये सार्वजानिक गतिविधियाँ हैं जिनसे मनोरंजन होता है, लोग एक दिन देखते हैं थोड़ी देर बात करते हैं और भूल जाते हैं | कम से कम विषय कि समानता तो देखिये, इतनी अपेक्षा मैं आपसे कर ही सकता हूँ |

Quote:
Originally Posted by amol View Post
आपका यह पॉइंट काफ़ी जोरदार है. पॉर्न, पाइरसी और हॅकिंग वाले वेबसाइट्स का काफ़ी पुराना रिश्ता रहा है. और इस तरह के वेबसाइट अपने pc में खोलना मतलब वाइरसस को खुला आमंत्रण देना.
समस्या के कुछ पहलु अभी देने शेष हैं, थोडा फुर्सत निकाल कर विस्तार से लिखता हूँ |

Quote:
Originally Posted by amol View Post
मेरा conclusion यह है

user should be given a warning message for the first time before they enter inside the these kinds of websites. If a child still wants to enter, its their and their parents problem.
मुझे ये कन्क्ल्युजन कम पलायनवादिता अधिक लगी अमोल भाई |
भला कौन बच्चा अपने माँ बाप को बता कर ऐसी साईट पर आता है! क्या है कोई ऐसा?
उन्होंने तो पढने के लिए लेकर दिया अब कमरे में बैठा लाल क्या कर रहा है उसकी जिम्मेवारी उन पर?
एक बहुत पुरानी पंक्ति है कि आपकी स्वतंत्रता आपकी नाक तक ही होती है, यदि किसी चीज़ से बाकी सबको फर्क पड़ता है तो उसे फैलाना अपराध है |
सामजिक समस्या पर वकील कि तरह देखना उचित नहीं है कि इस इस से यह प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव होता है बस |
इसे कैसे आप सिगरेट आदि बुराइयों के साथ मिला देते हैं क्या कभी नुक्कड़ के पान वाले के पास ऐसी सामग्री लटकी देखि है? क्या लोग पार्क में बैठ कर देखते करते हैं?
सामान्य मनुष्य, एक पिता, एक पुत्र हो कर देखिये | यदि आपको अपने किसी बड़े को दो में से एक चीज़ जाहिर करने को कही जाये तो क्या बताना पसंद करेंगे सिगरेट पीना या ऐसी लत का शिकार होना ?
व्यक्तिगत ना लें मैं सिर्फ आपको उस परिस्थिति से साकार करना चाहता हूँ |

Quote:
Originally Posted by amol View Post
the indian penal code, 1860 section 293 also specifies, in clear terms, the law against sale etc. Of obscene objects to minors.
Chapter xi



आज से करीब ४-५ साल पहले चेन्नई के एक पोर्न वेबसाइट चलाने वाले को पुलिस ने पकड़ा था उसे तो २ साल की जेल हुई और उस वेबसाइट में जितने लोग काम करते थे या उससे जुड़े थे उन्हें भी ६ ६ महीने की सजा हुई. तो ऐसा है की अपना भारत का कानून भी काफी कड़ा है इस मामले में और बुरी चीज़ का अंत तो होता ही है एक न एक दिन.
हर मामले में पुलिस, क़ानून को पड़ना चाहिए किन्तु कभी तो हम भी पहल कर सकते हैं |हर एक कंप्यूटर के बगल में एक सिपाही नहीं खड़ा हो सकता ! यदि हम अपनी आदत सुधारे, यदि हम अपने चरित्र को प्रबल करें, यदि हम अपने को संयमित करें तो ये ट्रैफिक रुकेगा | इस धंधे पर भी मांग और आपूर्ति का नियम लगता है, यदि मांग नहीं होगी तो पूर्ति कहाँ ?

ऐसे लोगों को साल दो साल कि सज़ा से पूर्ति नहीं होगी, इनका सामाजिक तिरस्कार और दंड की तीव्रता इतनी अधिक हो कि रूह काँप जाये |
ऐसे कुछ व्यक्तियों की पहचान उत्तर भारत में भी हुई है और उनके सहयोगियों का पता किया जा रहा है और क्रिया कर्म भी शीघ्र ही होगा किन्तु अभी थोडा छानबीन चल रही है ताकि एकसाथ काफी नुक्सान इन्हें पहुचाया जाए |

अंततः अमोल बंधू मेरे विचार में आप हर विषय को काफी तुलनात्मक दृष्टि से देखते हैं जो विषय को जीवंत बना देता है | मुझे आपके अगले उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी |

Last edited by amit_tiwari; 10-12-2010 at 09:48 AM.
amit_tiwari is offline  
Old 10-12-2010, 10:13 AM   #7
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
Originally Posted by amit_tiwari View Post
क्या मेरे किसी शब्द से आपको लगा कि मैंने वयस्क शिक्षा प्रदान करने वाली साईट कि बुरे की? भाव समझिये, मैं शब्दों को अति संतुलित और सामान्य रखना चाहता हूँ ताकि सभी को पढने में सुगम लगे, इस छिपी हुई बुराई को मैं कमरों से निकाल कर ड्राइंग रूम में लाना चाहता हूँ और उसके लिए आप जैसे जागरूक युवाओं की आवश्यकता है |


मैं आपके इस प्रयास का स्वागत करता हूँ. आईये चर्चा को आगे बढ़ाते है.
amol is offline  
Old 10-12-2010, 10:20 AM   #8
amol
Special Member
 
amol's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17
amol is a jewel in the roughamol is a jewel in the roughamol is a jewel in the rough
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

[QUOTE=amit_tiwari;29298]वार्निंग को किसने आज तक देखा ? रोड पे धीरे चलने का संकेत होता है फिर भी एक्सीडेंट होते हैं, सिगरेट पर ना पीने के संकेत होता है किन्तु फिर भी कैंसर होते हैं पी पी के |[QUOTE]

बहुत सही बात कही है आपने, ना हम रोड पर चलना छोड़ सकते है और ना ही सिगरेट पीना. वैसे ही कुछ लोग है जिनको मज़ा आता है इस तरह के websites पर तो यह उनकी मर्ज़ी है. सबको पता रहता है सिगरेट पीके जल्दी मर जायेंगे लेकिन फिर भी पीते है. जिस तरह संसार से सिगरेट को गायब नहीं कर सकते वैसे ही इन्टरनेट पर इस तरह के वेबसाइट हमेशा ही रहेंगे. और यह हरेक individual पर depend करता है की वो इसे देखे के ना देखे. जैसे की सिगरेट पिए की ना पिए.
amol is offline  
Old 11-12-2010, 10:50 AM   #9
Kalyan Das
Senior Member
 
Kalyan Das's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Posts: 257
Rep Power: 19
Kalyan Das is a glorious beacon of lightKalyan Das is a glorious beacon of lightKalyan Das is a glorious beacon of lightKalyan Das is a glorious beacon of lightKalyan Das is a glorious beacon of lightKalyan Das is a glorious beacon of light
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

Quote:
Originally Posted by amit_tiwari View Post
बॉस इण्डिया नेपाल पकिस्तान और बंगलादेश से कितना ह्युमन ट्रैफिकिंग गल्फ, यूरोप, थाईलैंड को होती है इसका अनुमान भी है ???
उड़ीसा के गरीब परिवारों से पांच किलो चावल के बदले लडकियाँ खरीद ली जाती हैं ये ख़बरें आपने कभी नहीं देखीं ?
मित्र माफ़ी चाहूंगा, आपके सूत्र में कुछ शब्द जोड़ रहा हूँ !!
किसी देस या राज्य का नाम उल्लेख करके, सरे आम बदनाम करना आपको शोभा नहीं देता !!
रही बात article या स्पीच की, तो क्या आप जानते हैं, जो लोग ऐसे अच्छे अच्छे article लिखते है, वो पढने सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है !!
पर विडम्बना ये है की वही लोग दिन में सफ़ेद चेहरे लेके घूमते हैं !! समाज में अच्छे हैसियत, रुतवा, सम्मानित पद रखते हैं और रात के अंधेरों में बिना कॉलगर्ल के उन्हें नींद नहीं आती !!
और "कॉलगर्ल", आपके वर्णित उपरोक्त कन्याओं में नहीं आते !! क्यूंकि ये प्राणी (कॉलगर्ल) भी दिन के उजाले में सफ़ेद चेहरों में से जाने जाते हैं !!
स्पष्टीकरण :
मेरा ये कथन किसी व्यक्ति विशेष पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं है !! एक सार्वजनिक सच्चाई है !!
__________________
"खैरात में मिली हुई ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती,
मैं अपने दुखों में भी रहता हूँ नवाबों की तरह !!"
Kalyan Das is offline  
Old 10-12-2010, 09:48 AM   #10
ndhebar
Special Member
 
ndhebar's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Kerrville, Texas
Posts: 4,605
Rep Power: 49
ndhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to ndhebar
Default Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

क्या बात है भाई इतनी रात को बैठ कर आर्टिकल लिख रहे हो
कहीं वो वाली साईट तो नहीं खोल रखी है
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
ndhebar is offline  
Closed Thread

Bookmarks

Tags
free, hindi forum, india, websites, youth problems


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 08:05 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.