04-02-2013, 12:12 AM | #1 |
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अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर देश में बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है कैंसर। तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है सिर्फ इसीलिए, ताकि लोगों को कैंसर के नुकसान के बारे में बताया जा सके और उन्हें अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:13 AM | #2 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज हैं। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सब चिंतित हैं। बढ़ते हुए कैंसर के खतरों को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन ने कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैलाने के लिए 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया ताकि इस भयानक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके। जिससे बढ़ते कैं सर के स्तर को कम किया जा सकता है।
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04-02-2013, 12:14 AM | #3 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
क्या है कैंसर
शरीर के रोजाना क्षतिग्रस्त होने वाले सेल्स जब अनियंत्रित गति से बढ़ने लगते हैं तो सेल्स का यह समूह टयूमर का रूप ले लेता है, जिसे कैंसर कहा जाता है। दरअसल, स्वस्थ्य सेल्स की कमी के कारण ही खंडित होने वाली सेल्स का पुनर्निर्माण नहीं हो पाता और वह संगठित रूप ले लेती है। यह समूह लिम्फ और गांठ भी हो सकता है। कैंसर उस स्थिति में गम्भीर हो जाता है जबकि प्रभावित जगह से कैंसर युक्त सेल्स शरीर के अन्य भाग, फेफड़े, आमाशय, प्रोस्टेट या फिर मस्तिष्क में पहुंचती है। एक बार संगठित होने के बाद यह सेल्स अपने तरह की हजारों सेल्स का निर्माण कर लेती हैं इस स्थिति को एंजियोजेनिस कहते हैं। ज्यामितीय क्रम में बढ़ने वाली कैंसर की संक्रमित सेल्स को खत्म करने के लिए उनके ओरिजन यानी उत्पन्न होने वाली जगह की पहचान जरूरी कही गई है, जो निरंतर संक्रमित सेल्स बनाती रहती है।
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04-02-2013, 12:15 AM | #4 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
जीन भी हैं कारगर
किसी भी व्यक्ति के जीन को सेल्स के खंडित होने के लिए कारगर माना गया है, जो शरीर की जरूरी प्रक्रिया है। चार प्रमुख तरह के जीन को सेल्स के विभाजन के लिए जिम्मेदार माना गया है। कारसिनो और आनको जीन को सेल्स के विभाजन के लिए प्रमुख बताया गया है। तम्बाकू का सेवन, रेडिएशन का अधिक संपर्क, एचआइवी, हेपेटाइटिस व अन्य बीमारियों का संक्रमण स्वास्थ्य सेल्स के रक्षा कवच को कमजोर करता है और आसानी से कारसिनो और आनको का प्रभाव बढ़ने लगते हैं, इस सबके बीच ब्लड सेल्स को प्रभावित करने वाले मैलिग्नेंसी कैंसर को भी गम्भीर माना गया है।
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04-02-2013, 12:15 AM | #5 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
प्रारंभिक पहचान व जानकारी है जरूरी
शरीर के किसी भी हिस्से या लिम्फ में दर्द युक्त या दर्द रहित गांठ का अनुभव होने पर एमआरआई, सीटी स्कैन, पैट (पोजिशिनिंग इमेजिन टोमोग्राफी) की मदद से बीमारी की पहचान की जाती है, हालांकि इससे पहले गांठ की एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन सायटोलॉजी) के जरिए साधारण सेल्स से कैंसरयुक्त सेल्स को पहचाना जाता है।
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04-02-2013, 12:16 AM | #6 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
आधुनिक इलाज से बंधी उम्मीद
कैंसर के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए इलाज की आधुनिक विधि की भूमिका अहम हो गई है। रेडियोथैरेपी व कीमोथैरेपी के अलावा मॉलिक्यूलर, स्टेम सेल्स, नैनो टैक्नोलॉजी व टारगेटेट दवाओं के जरिए कैंसर सेल्स को बढ़ने से पहले खत्म किया जा सकता है जिसमें स्टेम सेल्स थैरेपी को सबसे अधिक रामबाण माना गया है। सेल्यूलर विधि से मरीज के शरीर के ही रक्त को लेकर उसकी डेंडटराइन सेल्स की मदद से मरीज में स्वास्थ्य सेल्स पहुंचाए जाते हैं।
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04-02-2013, 12:17 AM | #7 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
सावधानी बरतें
कैंसर से बचने के लिए तम्बाकू उत्पादों का सेवन बिलकुल न करें, कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले संक्रमणों से बचकर रहें, चोट आदि होने पर उसका सही उपचार करें और अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाए। कैंसर के ज्यादातर मामलों में फेफड़े और गालों के कैंसर देखने में आते हैं जो तम्बाकू उत्पादों का अधिक सेवन करने का नतीजा होता है। ऐसे मामलों में उपचार बेहद जटिल हो जाता है और मरीज के बचने के चांस भी कम हो जाते हैं। इसके साथ ही आजकल महिलाओं में स्तन कैंसर काफी ज्यादा देखने में आ रहा है जो बेहद खतरनाक होने के साथ काफी पीड़ादायक होता है। यदि सही समय पर अगर इसके लक्षणों को पहचान कर उपचार किया जाए तो इसका इलाज बेहद सरल बन जाता है। कैंसर से सबसे ज्यादा खतरा होता है युवाओं को जो आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं। भारत उन देशों में काफी आगे है जहां तम्बाकू और अन्य नशीले पदार्थों की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है।
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04-02-2013, 12:20 AM | #8 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
कैंसर के लक्षण
* बार-बार मुंह में छाले। * किसी अंग में सफेद पानी आना या खून आना। * खांसी में खुन आना। * ठीक न होने वाली गांठ या दर्द, छाला। * गले में खराश जो इलाज के बावजूद ठीक न हो। * आवाज का कर्क श होना। * खाना निगलने में तकलीफ होना।
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04-02-2013, 12:21 AM | #9 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
कैंसर के कारण
* अधिक शारीरिक सक्रियता न होना। * एल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना। * पौष्टिक आहार ना लेना। * अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना। * कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीड़ित माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। * किसी गम्भीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गम्भीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं। * कई बार उम्र बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।
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04-02-2013, 12:22 AM | #10 |
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Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं
* महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होती हैं। * पुरुषों में सबसे अधिक मौत लंग, स्टमक, लीवर, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती हैं। * कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है। * भारत में 30 लाख से भी अधिक लोग कैंसर से पीड़ित हैं। इतना ही नहीं दुनिया में 15 लाख महिलाओं की मृत्यु नशीले पदार्थों के सेवन से होती है। * कैंसर से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी जीवनशैली नियंत्रित करनी होगी। इतना ही नहीं आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान होगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु Last edited by Dark Saint Alaick; 04-02-2013 at 12:24 AM. |
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