13-01-2013, 09:32 AM | #1 |
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आस्था
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
13-01-2013, 09:33 AM | #2 |
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Re: आस्था
व्रत पालन - अखाड़े में प्रवेश के बाद ब्रह्मचर्य की परीक्षा ली जाती है। इसमें 6 महीने से लेकर 12 साल तक लग जाते हैं। जब तक अखाड़ा इस बात से निश्चिंत न हो जाए कि वह व्यक्ति वासना और इच्छाओं से पूरी तरह मुक्त हो चुका है, तब तक उसे दीक्षा नहीं मिलती। अगर अखाड़ा और उस व्यक्ति का गुरु यह निश्चित कर लें कि वह दीक्षा देने लायक हो चुका है तो फिर उसे अगली प्रक्रिया में ले जाया जाता है।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! Last edited by bindujain; 13-01-2013 at 09:39 AM. |
13-01-2013, 09:34 AM | #3 |
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Re: आस्था
महापुरुष - अगर व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करने की परीक्षा से सफलतापूर्वक गुजर जाता है। तो उसे ब्रह्मचारी से महापुरुष बनाया जाता है। उसके पांच गुरु बनाए जाते हैं। ये पांच गुरु पंच देव या पंच परमेश्वर (शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और गणेश) होते हैं। इन्हें भस्म, भगवा, रूद्राक्ष आदि चीजें दी जाती हैं। यह नागाओं के प्रतीक और आभूषण होते हैं।
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13-01-2013, 09:35 AM | #4 |
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Re: आस्था
अंग भंग - इस प्रक्रिया के लिए उन्हें 24 घंटे नागा रुप में अखाड़े के ध्वज के नीचे बिना कुछ खाए-पीए खड़ा होना पड़ता है। इस दौरान उनके कंधे पर एक दंड और हाथों में मिट्टी का बर्तन होता है। इस दौरान अखाड़े के पहरेदार उन पर नजर रखे होते हैं। इसके बाद अखाड़े के साधु द्वारा उनके लिंग को वैदिक मंत्रों के साथ झटके देकर निष्क्रिय किया जाता है। यह कार्य भी अखाड़े के ध्वज के नीचे किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद वह नागा साधु बन जाता है।
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13-01-2013, 09:36 AM | #5 |
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Re: आस्था
अगर आप ये सोचते हैं कि दुनिया में सबसे आसान जिंदगी साधुओं की है, तो आप गलत हैं। जितने समय में लोग डॉक्टर, इंजीनियर या कोई भी ऊंचा पद पा सकते हैं, उससे कई ज्यादा समय एक आम आदमी को नागा साधु बनने में लगता है। साधु बनने की प्रक्रिया जितनी कठिन है उतनी ही रोचक भी है। साधु बनने के लिए इतनी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है कि शायद कोई आम आदमी इसे पार ही नहीं कर पाए। जूना अखाड़े के महंत विजय गिरि महाराज के मुताबिक नागाओं को सेना की तरह तैयार किया जाता है। उनको आम दुनिया से अलग और विशेष बनना होता है। इस प्रक्रिया में सालों लग जाते हैं।
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13-01-2013, 09:38 AM | #6 |
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Re: आस्था
अवधूत - महापुरुष के बाद नागाओं को अवधूत बनाया जाता है। इसमें सबसे पहले उसे अपने बाल कटवाने होते हैं। इसके लिए अखाड़ा परिषद की रसीद भी कटती है। अवधूत रूप में दीक्षा लेने वाले को खुद का तर्पण और पिंडदान करना होता है। ये पिंडदान अखाड़े के पुरोहित करवाते हैं। ये संसार और परिवार के लिए मृत हो जाते हैं। इनका एक ही उद्देश्य होता है सनातन और वैदिक धर्म की रक्षा।
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13-01-2013, 09:55 AM | #7 |
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Re: आस्था
? i cant understand ...........................
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14-01-2013, 02:48 PM | #8 |
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Re: आस्था
महाकुंभ: संगम तट पर 30 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
इलाहाबाद।। पहले शाही स्नान के साथ ही तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर महाकुंभ शुरू हो गया। परंपरा के मुताबिक शाही स्नान में सबसे पहले सुबह साढ़े पांच बजे महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने डुबकी लगाई। अखाड़ों के स्नान का क्रम आज शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। इस दौरान 13 अखाड़ों के करीब 3 लाख साधु स्नान करेंगे। देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक एक करोड़ लोग संगम तट पर डुबकी लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सुबह 11 बजे तक ही 30 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे।
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