08-11-2015, 07:53 PM | #1 |
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ग़ज़ल/ गीतिका- आज ये क्या किया सनम तुमने
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 2122, 1212, 22. फाइलातुन, मफाइलुन, फेलुन. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आज ये क्या किया सनम तुमने जो न सोचा दिया वो' ग़म तुमने तेरे' प्याले में' था सुधा रस भी विष क्यूँ' होने दिया हजम तुमने दूर जिसने रखा बलाओं से सोचो' उसपे किया सितम तुमने कैसे' लोगों से' मैं मिलाऊँगा आँख तो कर दिया है' नम तुमने बोझ तानों का' कौन ढोयेगा मुझमें' छोड़ा कहाँ है' दम तुमने कबतलक जिन्दगी से' भागोगे जब यहीं पर लिया जनम तुमने चोट "आकाश" रोज खाते हैं और हँसने की' दी कसम तुमने ग़ज़ल/ गीतिका- आकाश महेशपुरी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ पता- वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उप्र. 09919080399 |
09-11-2015, 09:16 PM | #2 | |
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Re: ग़ज़ल/ गीतिका- आज ये क्या किया सनम तुमने
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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10-11-2015, 03:31 AM | #3 |
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Re: ग़ज़ल/ गीतिका- आज ये क्या किया सनम तुमने
बहुत बहुत धन्यवाद! आदरणीय रजनीश मांगा जी!
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23-11-2015, 12:07 AM | #4 |
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Re: ग़ज़ल/ गीतिका- आज ये क्या किया सनम तुमने
कुछ सुधार के बाद उपरोक्त ग़ज़ल-
आज ये क्या किया सनम तुमने जो न सोचा दिया वो' ग़म तुमने तेरे' प्याले में' था सुधा रस भी विष क्यूँ' होने दिया हजम तुमने दूर जिसने रखा बलाओं को सोचो' उसपे किया सितम तुमने कैसे' लोगों से' मैं मिलाऊँगा नैन मेरे किए जो' नम तुमने बोझ तानों का' कौन ढोयेगा मुझमें' छोड़ा कहाँ है' दम तुमने क्यूँ भला जिन्दगी से' डरते हो जब यहीं पर लिया जनम तुमने चोट "आकाश" रोज खाते हैं और हँसने की' दी कसम तुमने ग़ज़ल/ गीतिका- आकाश महेशपुरी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ पता- वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उप्र. 09919080399 |
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