05-04-2014, 11:56 AM | #131 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
05-04-2014, 12:45 PM | #132 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
मैं कुछ बोलूँ क्या? :......... सलमान खान- मैं जब शर्ट उतारता हूँ तो घर के बाहर 100 लोग इक्कठे हो जाते हैं। जॉन अब्राहम- जब मैं शर्ट उतारता हूँ तो 1000 लोग इक्कठे हो जाते हैं। ऋतिक रोशन- यह तो कुछ भी नहीं जब मैं शर्ट उतारता हूँ तो 5000 लोग इकट्ठे हो जाते हैं। . .. ... .... ..... सनी लीओनी- मैं कुछ बोलूँ क्या? " :.........
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22-04-2014, 06:43 PM | #133 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
खूबसूरत विधवा :......... मुन्ना और पप्पू एक बार घने जंगल में शिकार करने के लिए गए. रात में मौसम खराब हो गया तो उन्होंने एक घने जंगल में एक घर का दरवाजा खटखटाया. अंदर से एक खूबसूरत औरत ने दरवाजा खोला. मुन्ना " देखिये हम दोनों शिकार के लिए आये थे और मौसम की वजह से फंस गए हैं. अगर आपकी कृपा हो जाए तो हम दोनों यहाँ रात गुजारना चाहते हैं. " औरत " मुझे पता है कि बाहर मौसम बहुत ही खराब हो चला है पर मैं आपको अपने घर में नहीं रुकने दूँगी " मुन्ना " प्लीज ऐसा मत करिये. अगर आपने ना कर दिया तो हम लोग इस जंगल में ही मर जायेंगे. मौसम बहुत ही खराब है. " औरत " देखिये मैं अभी चार दिन पहले ही विधवा हुयी हूँ और मैं अपने ऊपर कोई लांछन नहीं लेना चाहती हूँ. पर फिर भी आप बाहर बरामदे में ही रात गुजार लीजिए मैं कम्बल और चारपाई का इन्तेजाम कर देती हूँ. " मुन्ना " जी बहुत अच्छा. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. हम मौसम साफ़ होते ही आगे चले जायेंगे. " अगली सुबह करीब ५ बजे मौसम साफ़ हो गया तो मुन्ना और पप्पू अपनी आगे की यात्रा पर निकल गए. करीब नौ महीने बाद मुन्ना के पते पर एक वकील की चिट्ठी आयी तो वो चिट्ठी को पड़ते ही समझ गया कि ये उसी खूबसूरत विधवा के वकील की चिट्ठी है जिसके यहाँ बरामदे में उसने और पप्पू ने रात गुजारी थी. मुन्ना तुरंत ही चिट्ठी को जेब में रखकर पप्पू के पास गया और बोला. मुन्ना " पप्पू तुम्हे याद है एक रात हम दोनों ने जंगल में खराब मौसम की वजह से एक खूबसूरत विधवा के यहाँ पर गुजारी थी. ?? " पप्पू " हाँ बिलकुल याद है. क्यों क्या हुआ ?? " मुन्ना " एक बात बताओ कि तुम उस रात उस औरत के घर के अंदर गए थे ?? " पप्पू " सोरी मुन्ना ! यार मैं गया तो था... मुझे माफ कर दे भाई " मुन्ना " और जब तुम अंदर उस औरत के पास गए थे तो तुमने अपना नाम और पता बताने की जगह तुमने मेरा नाम और पता बता दिया था. ?? " पप्पू " हाँ यार मुन्ना. मुझसे गलती हो गयी मुझे माफ कर दे यार. पर क्या हुआ है ये तो बता ?? " मुन्ना "कुछ खास नहीं वो औरत पिछले हफ्ते मर गयी और अपनी करोड़ों की जायजाद मेरे नाम कर गयी है.... थैंक्स पप्पू :.........
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23-04-2014, 10:28 AM | #134 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
(बहूत खूब) पप्पू और मुन्ना की दोस्ती सलामत रहे
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23-04-2014, 12:28 PM | #135 | |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
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वाह, ऐसी दोस्ती कहाँ मिलेगी? इतनी कुरबानी कौन कर सकता है?
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25-04-2014, 06:18 PM | #136 | |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
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यह शोले की दोस्ती हें...........
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01-05-2014, 11:13 AM | #137 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
bhjgkbguy uiyg h iuly ui yuio
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08-05-2014, 01:13 PM | #138 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
बंता एक दिन अपने आप ही घर की बत्ती ठीक कर रहा था, तो उसने अपनी बीवी को आवाज़ लगाई, "प्रीतो, सुनती हो"।
प्रीतो: क्या है? बंता: अरे जरा इधर तो आ। प्रीतो: लो आ गई, बोलो। बंता: ये दो तारें है, इनमें से जरा कोई एक को पकड़ो। प्रीतो: क्यों? बंता: अरे पकड़ तो सही। प्रीतो: लो, पकड़ ली एक तार। बंता: कुछ नहीं हुआ? प्रीतो: नहीं। बंता: अच्छा! तो इसका मतलब करंट दूसरी तार में है। |
08-05-2014, 01:19 PM | #139 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
एक बार संता और बंता दोनों एक दुकान पर गए। वहाँ सब लोगों को अपने काम में व्यस्त देख कर बंता ने 3 चॉकलेट चुरा लिए।
जब दोनों बाहर आये तो बंता अपनी ढींगे हांकने लगा कि वो बहुत चालाक है। उसने 3 चॉक्लेट चुराए और किसी को पता भी नहीं लगने दिया। तुम ऐसा नहीं कर सकते। यह सुनकर संता को भी गुस्सा आ गया और बोला, "चलो मैं तुम्हें इससे भी बढ़िया चीज़ दिखाता हूँ।" वो दोनों वापिस अंदर चले गए। अंदर जाकर संता ने दुकानदार से कहा, "क्या तुम जादू देखना चाहते हो?" दुकानदार ने कहा, "हाँ, ठीक है।" संता: तो फिर मुझे एक चॉकलेट दो। दुकानदार ने संता को चॉकलेट दी और संता ने वो चॉकलेट खा ली और दूसरी चॉकलेट मांगी। दुकानदार ने दूसरी चॉकलेट भी दे दी तो संता ने उसे भी खा लिया। अब संता ने दुकानदार से तीसरी चॉकलेट मांगी और वो भी खा ली। दुकानदार ने पूछा, "इसमें जादू कहाँ है?" संता: मेरे दोस्त की जेब देखो तो तुम्हें तुम्हारी तीनों चॉकलेट वापिस मिल जाएँगी! |
11-05-2014, 06:45 PM | #140 |
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Re: हंसना ज़रूरी है....................
वकालत :......... प्रोफेसर वकालत की क्लास में- अगर तुम्हें किसी को संतरा देना हो तो क्या बोलोगे ? पप्पू- यह संतरा लो । प्रोफेसर- नहीं, एक वकील की तरह बोलो । पप्पू- मैं एतद् द्वारा अपनी पूरी रुचि और बिना किसी के दबाव में इस फल को, जो संतरा कहलाता है, उसके छिलके, रस, गूदे और बीज समेत धारक को देता हूँ और साथ ही इस बात का सम्पूर्ण अधिकार भी कि इसे लेने वाला इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिए पूरी तरह अधिकार रखेगा और साथ ही यह भी अधिकार रखेगा कि इसे वह दूसरे को छिलके, रस, गूदे और बीज के बिना या उसके साथ दे सकता है और इसके बाद मेरा या मेरे उत्तराधिकारियों का किसी भी प्रकार से इस संतरे से कोई संबंध या अधिकार नहीं रह जाएगा ! :.........
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जल ही जीवन हैं, पीले दांत, बालों का सोंदर्य, रक्तदान, हंसना ज़रूरी है |
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