10-09-2013, 12:37 AM | #1 |
Diligent Member
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मुक्तक- बेसुरा दम्भ से हूँ भरा आदमी
... ढोल तो ताल से हट गया देख लो तार भी साज का कट गया देख लो बेसुरा दम्भ से हूँ भरा आदमी कह रहे हैँ सभी फट गया देख लो मुक्तक- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri ... पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
10-09-2013, 04:10 PM | #2 |
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Re: मुक्तक- बेसुरा दम्भ से हूँ भरा आदमी
नाच ने जाने, आँगन टेढा?
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