07-04-2012, 05:40 PM | #451 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
लंदन। सोया मिल्क का दिन में कम से कम दो बार सेवन करने से महिलाओं में रात को अचानक गर्मी लगने और पसीना आने की समस्या काफी कम हो जाती है। एक नए शोध के मुताबिक इसका सेवन जितने लंबे समय तक किया जाता है उसका लाभ भी उतना ही ज्यादा मिलता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि सोया के पौधे से बने उत्पादों का रोज सेवन करने से महिलाओं में रात को अचानक गर्मी लगने और पसीना आने की समस्या 26 प्रतिशत तक कम हो जाती है। ‘डेली मेल’ की खबर के मुताबिक, सोया में आइसोफ्लेवोनेस (एस्ट्रोजेन की तरह ही पौधों का हार्मोन) होता है, जिसका स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। नतीजा 19 अध्ययनों की समीक्षा से आया है। इनमें 1,200 महिलाओं का अध्ययन किया गया है। रात को अचानक गर्मी लगने और पसीना आने की समस्या अचानक होती है और औसतन चार मिनट तक चलती है। इस दौरान महिलाओं को बहुत बेचैनी होती है तथा बहुत गर्मी महसूस होती है। डेलावर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मेलिसा मेलबी ने बताया कि जब हमने सभी अध्ययनों को एक साथ मिलाकर देखा तो कुछ मिलाकर प्रभाव सकारात्मक ही था। यदि आप 50 वर्ष के हो गए हैं और कभी सोया का उपयोग नहीं किया है तो अभी भी देर नहीं हुई है। हमने पाया कि यह इस उम्र में भी मदद करता है।
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07-04-2012, 05:41 PM | #452 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
कैंसर रोगी की कोशिकाओं से ही उपचार की पद्धति पर काम कर रहे हैं डॉक्टर
नयी दिल्ली ! कैंसर रोगियों के लिए अपने शरीर की ही कोशिकाओं से उपचार का नया तरीका उम्मीद की किरण ला सकता है जिसमें कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी और अन्य परंपरागत सर्जरी की तरह साइड इफेक्ट की संभावना नहीं होगी और डॉक्टर जल्दी ही इस तरीके का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर सकते हैं। नयी तकनीक में रोगियों की अपनी डेंड्रिटिक कोशिकाओं से ट्यूमर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढाने का प्रयास किया जाएगा। विदेशों में प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए सफलतापूर्वक अपनाई जा चुकी डेंड्रिटिक सेल थैरेपी (डीसीटी) को अब भारत में अन्य तरह के कैंसर में भी उपचार के लिए अपनाया जाएगा। अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन ने खासतौर पर प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए इस पद्धति को स्वीकृत किया है। मेदांता अस्पताल के मेडिकल ओंकोलाजी और हेमाटोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक वैद ने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर के उपचार में यह तरीका प्रभावी रहा है। सभी के शरीर में डेंड्रिटिक कोशिकाएं होती हैं लेकिन कैंसर रोगियों में इनका स्तर कम होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और कैंसर से लड़ने की शरीर की क्षमता प्रभावित होती है। डॉक्टर अब मनुष्य की श्वेत रक्त कणिकाओं से इन कोशिकाओं को निकालने का और प्रयोगशाला में इन्हें विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन कोशिकाओं को रोगियों के शरीर में डाला जाएगा ताकि कैंसर की कोशिकाओं से मुकाबला करें। डॉ वैद ने कहा, ‘‘हम सभी तरह के कैंसर के उपचार के लिए इस पद्धति के क्लीनिकल परीक्षण करने की प्रक्रिया में हैं। यदि यह प्रोस्टेट कैंसर के उपचार में प्रभावी है तो अन्य कैंसर के प्रकारों में भी इसके प्रभावों का क्यों न पता लगाया जाए।’’
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07-04-2012, 05:41 PM | #453 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
पृथ्वी की कक्षा थी ग्रह के तापमान वृद्धि के लिए जिम्मेदार
वाशिंगटन ! ऐसा माना जाता था कि समुद्र की तलहटी में फंसे कार्बन के यौगिक मिथेन की वजह से ही पृथ्वी गर्म हुई होगी। अब एक नए शोध के परिणाम में यह बात सामने आयी है कि पुरातन काल में चलने वाली गर्म हवाओं के लिए पृथ्वी की कक्षा के चक्रों को जिम्मेदार माना है। इन्हीं गर्म हवाओं के कारण पृथ्वी के तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस तक की बढोतरी हुई थी। चट्टानों में संरक्षित रासायनिक संकेतों के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया है कि करीब 5.5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर बहुत तेज गर्म हवाएं टकरायी थीं जिससे ग्रह के तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो गई थी। उसके बाद आयी दो छोटी और कम गर्म हवाओं के आने से तापमान में बाद में कमी भी आयी। ‘लाइवसाईंस’ की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की कक्षा के चक्रों द्वारा ध्रुवों के निकट के क्षेत्र के गर्म होने के कारण ‘पेरमाफ्रॉस्ट’ के पिघलने से बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस जमा हुई । पेरमाफ्रॉस्ट ऐसी जमी हुई मिट्टी है जिसमें बड़ी मात्रा में जैविक पदार्थ शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि इसके पिघलने से वातावरण में बड़ी मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन हुआ, जिसने परावर्तित होने वाली सूर्य की रोशनी को रोका और गर्म हवाएं पैदा कीं ।
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07-04-2012, 05:42 PM | #454 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
चीन में संरक्षण के लिए सूचिबद्ध हुआ बड़ी चिड़िया जैसे डायनोसोर का जीवाश्म
बीजिंग ! चीन ने मंगोलिया के क्षेत्र में मिले विशालकाय चिड़िया के आकार के डायनोसोर के जीवाश्म को संरक्षण के लिए सूचिबद्ध कर लिया है। यह जीवाश्म अप्रैल 2005 में आंतरिक मंगोलिया के अर्लियन बेसिन में मिला था। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने एरेनहॉट शहर के भूमि एवं संसाधन ब्यूरो के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है, ‘‘जीवन की उत्पत्ति, जैविक क्रमिक विकास और पर्यावरण में बदलावों के अध्ययन के लिए जीवाश्म का संरक्षण करना बहुत आवश्कत है।’’ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह डायनोसोर करीब 8.5 करोड़ वर्ष पहले रहा होगा और उसकी मृत्यु 11 वर्ष की छोटी आयु में ही हो गई थी । माना जाता है कि इसने अगर अपना पूरा जीवन जिया होता तो उसका आकार विशालकाय होता।
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07-04-2012, 05:42 PM | #455 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
कम सोना भारी पड़ सकता है कर्मचारियों के प्रदर्शन पर
नयी दिल्ली ! उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वेक्षण के अनुसार लंबे समय तक काम तथा अधिक तनाव से कर्मचारियों की नींद गायब हो सकती है और इसका असर अंतत: दफ्तर में उनके काम पर ही पडेगा। ऐसोचैम ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व चेन्नई जैसे महानगरों में आईटी, आईटीईएस, दूरसंचार, उर्जा तथा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों पर सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। विश्व स्वास्थ्य दिवस (सात अप्रैल) के मद्देनजर किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार 78 प्रतिशत कारपोरेट कर्मचारी मानते हैं कि वे हर दिन छह घंटे से कम सोते हैं और इसका परिणाम थकावट व विषाद के रूप में सामने आता है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत का कहना है, कम सोने के व्यापक असर होते हैं, जिनमें दिन में विषाद, शारीरिक परेशानी, तनाव, प्रदर्शन में कमी तथा मानसिक रूप से कार्यस्थल पर नहीं होना शामिल है। मंडल ने हालांकि यह नहीं बताया है कि यह सर्र्वेक्षण कितने लोगों पर किया गया। अनिद्रा के सबसे अधिक मामलों के लिहाज से दिल्ली पहले नंबर पर है। इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चंडीगढ, पुणे व चेन्नइ का नंबर आता है। इसके अलावा सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगभग आधे लोग मोटापे से परेशान हैं।
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08-04-2012, 04:04 AM | #456 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
भारतीय ने ढूंढ़ा फेफड़े की बीमारी का इलाज
वाशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों का कहना है कि फेफड़े की बीमारी सिस्टिक फाइबरोसिस की इलाज ढूंढ़ लिया गया है। फेफड़े को हानि पहुंचाने वाली इस बीमारी के उपचार का तरीका भारतीय शोधकर्ता ने ही इजाद किया है। मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में जयराज राजगोपाल और उनके सहयोगियों ने इसकी दवा बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। त्वचा की कोशिकाओं से उन्होंने नई तरह की कोशिकाएं बनाई। इन कोशिकाओं को प्रयोगशालाओं में पैदा किया जा सकता है। दल के एक सदस्य डूग मल्टन ने बताया, दवाई को बनाने के लिए ऐसी कई कोशिकाओं को बनाया जा सकता है। तकनीक को इजाद करने वाले राजगोपाल ने बताया कि वह इस दवाई पर और भी प्रयोग कर रहे हैं।
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08-04-2012, 04:04 AM | #457 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
शौचालय के पानी को ‘पीने योग्य’ बनाने वाली मशीन का नमूना वर्ष 2013 तक
लंदन। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स की ओर से वित्त पोषित नए अविष्कार का उद्देश्य शौचालय के पानी को पीने योग्य बनाना है। नैनो प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ मेनचेस्टर विश्वविद्यालय के साराह हेग का कहना है कि यह अविष्कार शौचालय के बेकार पानी को पीने योग्य बना सकता है। गेट्स की ओर से वित्त पोषित यह अविष्कार विकासशील देशों में लाखों लोगों का जीवन बदल सकता है। अनुसंधानकर्ताओं की योजना इस मशीन के नमूने को वर्ष 2013 तक प्रदर्शन करने की है। डेली मेल के अनुसार हेग का मानना है कि नए तरह की सामग्री मानव अपशिष्ट से ऊर्जा निकाल सकती है। हालांकि मशीन से साफ होने वाला पानी मिनरल वाटर जैसा नहीं हो सकता है लेकिन अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि परिणाम उन क्षेत्रों के लिए काफी मायने रखेंगे जहां स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है।
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09-04-2012, 12:47 AM | #458 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
धरती पर उषाकाल की वजह बनने वाली चुंबकीय घटना की खोज
बीजिंग। वैज्ञानिकों ने धरती पर उषाकाल की वजह बनने वाली चुंबकीय घटना का पता शुक्र ग्रह के पास लगा लिया है। गौरतलब है कि शुक्र चुंबकीय क्षेत्र रहित ग्रह है। चीन, अमेरिका और आस्ट्रिया के वैज्ञानिकों ने मिलकर ‘मैग्नेटिक रीकनेक्शन’ नाम की इस घटना का पता लगाया है। वैज्ञानिकों की इस नई खोज को इस हफ्ते जारी ‘साइंस’ मैगजीन में प्रकाशित किया गया है। नई खोज करने वाली टीम के अगुवा प्रोफेसर झांग ताइलोंग ने कहा कि इसके नतीजे से शुक्र ग्रह पर जलवायु परिवर्तन की बाबत शोध को बढ़ावा मिल सकेगा। ‘यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी आफ चाइना’ के प्रोफेसर झांग ने कहा कि ‘मैग्नेटिक रीकनेक्शन’ शुक्र के आसपास उषाकाल के बारे में जानकारी मुहैया करा सकेगा।
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09-04-2012, 12:48 AM | #459 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
स्पेन में बुढ़ापे में भी यौन रूप से सक्रिय लोगों की अच्छी-खासी तादाद
लंदन। वरिष्ठ नागरिकों पर किए गए एक अध्ययन के नतीजों की मानें तो स्पेन के करीब 62 फीसदी पुरुष और 37 फीसदी महिलाएं 65 साल से ज्यादा की उम्र हो जाने के बावजूद यौन रूप से सक्रिय हैं। अध्ययन में यह भी बताया गया कि स्पेन के वरिष्ठ नागरिक किस तरह से प्यार जताना पसंद करते हैं। अध्ययन के मुताबिक, 65 से ज्यादा की उम्र के लोग अमूमन चुंबन, आलिंगन और संभोग से अपने प्यार का इजहार करते हैं। ‘जर्नल आफ सेक्सुअल मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक स्पेन के वरिष्ठ नागरिकों में जो यौन असक्रिय हैं उसका कारण शारीरिक कमजोरी और पत्नी का गुजर जाना है। यह अध्ययन 65 साल की उम्र से ज्यादा के करीब 2,000 लोगों पर किया गया।
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09-04-2012, 12:49 AM | #460 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
कैंसर वैक्सीन विकसित की गई
लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी ‘वैश्विक’ कैंसर वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है जो मरीजों के शरीर को ट्यूमर कोशिकाओं के खात्मे के लिए तैयार कर सकती है। तेल अवीव विश्वविद्यालय और दवाओं की कंपनी वैक्सील बायोथेरापाटिक्स के एक दल ने कहा कि इस थेरेपी का लक्ष्य कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में पाए जाने वाले अणु को लक्ष्य बनाया है। थेरेपी से जल्द ही एक ऐसा इंजेक्शन बनाने का रास्ता साफ हो सकता है जिससे मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता स्तन और प्रोस्टैट कैंसर जैसे अक्सर पाए जाने वाले कैंसरों से लड़ने में सक्षम होगी। ‘द संडे टेलीग्राफ’ की खबर के अनुसार, क्लिनिकल परीक्षणों के शुरुआती नतीजों में पाया गया कि यह वैक्सीन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती है और बीमारी का स्तर घटा सकती है। अब वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि मरीजों पर बड़े परीक्षण किए जाएं ताकि यह साबित हो सके कि यह वैक्सीन कई कैंसर के खिलाफ असरदार हो सकती है।
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