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Old 18-08-2013, 11:52 PM   #41
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

इंस्पेक्टर जिस समय वहां पहुंचे, वह फार्मेसी छोड़ कर जाने वाला था. उसका पूरा नाम था मू मू तूआ. शरीर से भारी भरकम मू मू पहले समुद्री जहाज़ों पर सामान लादने और उतारने का काम करता था और गुआम से ले कर ताहिती तक के प्रशांत महासागरीय बंदरगाहों में जा चुका था. गुप्तचरों को सामने पाकर वह कुछ घबरा गया. कोरेरिस ने अनुमान लगाया कि वह चोरी-चकारी करता होगा और इस नाते उसे मालूम होना चाहिये कि अपने पास आग्नेयास्त्र रखना गैर-कानूनी है. यह सही निकला. एफ.बी.आई. द्वारा तूआ के पिछले जीवन की परतें खोलने पर ज्ञात हुआ कि उसे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमला करने व मारपीट के मामलों में होनोलूलू की पुलिस द्वारा कई बार गिरफ्तार किया गया और कई बार वह भाग निकलने में सफल हुआ. पुलिस के इस आश्वासन के बाद कि उस पर मुक़दमा नहीं चलाया जाएगा, तूआ ने अपनी आप-बीती यूं सुनाई:

उसने केमिस्ट से बैरेटा खरीदने की बात स्वीकार की. परन्तु, मई 1973 में उसने इस पिस्तौल को 25 डॉलर में गिरवी रख दिया. चार माह बाद, अगस्त के अंतिम दिनों में उसने पिस्तौल को छुड़ा लिया. किन्तु तब, उसने बताया कि वह सड़क चलते पिस्तौल को ले कर चलने से घबराने लगा और पॅान शॉप (चीजे गिरवी रख कर पैसे उधार देने वाली दुकान) से कोई तीन ब्लॉक दूर उसने पिस्तौल को कूड़ेदान में फेंक दिया.

“ठीक है, ठीक है, मू मू,” फोटिनौस ने कहा, “तुम हमें यह बताना चाहते हो कि तुमने पॅान शॉप से पिस्तौल इसलिए छुड़ाई ताकि उसे कूड़ेदान में फेंक सको? यह समझ में नहीं आता. अब सोचो कि अगर मेरी जगह तुम होते तो क्या इस पर यकीन करते?”
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Old 18-08-2013, 11:53 PM   #42
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

समोआनी अपनी कहानी पर कायम रहा. उसने बैरेटा को कूड़ेदान में फेंक दिया था. गुप्तचरों के पास उसे ग़लत साबित करने और उसे छोड़ देने के अतिरिक्त कोई और चारा नहीं था.

अगस्त महीने के अन्दर ज़ेब्रा टीम ने उन तमाम लोगों से बातचीत की जो शहर में कूड़ा उठाने का काम करते थे या जिनकी उस रास्ते पर, जहां मू मू ने पिस्तौल फेंकने की बात कही थी, कूड़ा उठाने की ड्यूटी लगाई जा चुकी थी. अंत में, उन्होंने उन दो व्यक्तियों को भी ढूंढ निकाला जिन्होंने उस दिन उस कूड़ेदान को खाली किया था जिस दिन पिस्तौल को पॅान शॉप से छुड़ाया गया था. उनमे से किसी ने भी बैरेटा के मिलने की बात नहीं की.

फोटिनौस और ब्रोश ने तूआ से दुबारा पूछताछ करने का निश्चय किया. गुप्तचरों को कोई शक न था कि उसने बैरेटा को बेच दिया था. वास्तव में, इसी कारण से उसने पिस्तौल को पॅान शॉप से छुड़वाया भी था. उन्हें तलाश थी उस नये मालिक की, अथवा उनके द्वारा बनायी गयी श्रंखला टूट जाती. एक बार टूट जाने के बाद, श्रंखला जुड़ने का आसार हजार में से बमुश्किल एक होता. ब्रोश ने समोआनी की पत्नि से बात की. उसने उसे दो सप्ताह से नहीं देखा था; न ही वह पुलिस को उसका पता बता सकी.
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Old 18-08-2013, 11:54 PM   #43
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

एक बार फिर ज़ेब्रा टीम सड़कों पर निकल आयी. उन्होंने हरेक होटल और सान फ्रांसिस्को के प्रत्येक लॉज को छान मारा, बोर्डिंग होउसों के दर्जनों रजिस्टरों की प्रविष्टियों को पढ़ डाला. वे उन छोटी छोटी और घटिया बारों (शराब घरों) में भी गये जिनमे तूआ अक्सर जाया करता था. वे प्रतिदिन शहर की सड़कों पर गश्त लगाते, संकरी गलियों में ढूंढते, छोटे मोटे अपराधियों से मिल कर उसका पता लगाने की कोशिश करते. किन्तु, मू मू तूआ का कुछ पता न चला.

तब, 14 सितम्बर की सुबह, जब फोटिनौस और ब्रोश समाओनी को पकड़ने के लिए अगले कदम की योजना बना रहे थे, टीम का एक सदस्य, नर-हत्या जांच कार्यालय में धड़धड़ाता हुआ दाखिल हुआ.

“आप जानते हैं, हम मू मू को ढूंढ क्यों नहीं पा रहे?” उसने पूछा, “क्योंकि वह मर चुका है! ह्रदय गति रुकने से. वह इस वक़्त मुर्दाघर में रखा है.”

उसके मृतक शरीर को सितम्बर की 12 तारीख को एक सिनेमा हॉल के बाहर गली में मुड़ी तुड़ी हालत में बरामद किया गया था. यह खबर सुन कर पुलिस जांच दल को बड़ा आघात पहुंचा. गुप्तचर अपनी जांच के अंतिम दौर में पहुँच चुके थे. उन्हें यह जानने का मौका शायद कभी ना मिले कि समाओनी से पिस्तौल किसने खरीदी थी. धीरे-धीरे कोरेरिस चल कर टेलीफोन तक आया और जिला अधिवक्ता (डिस्ट्रिक्ट एटोर्नी) को इसकी सूचना दी. सब ख़त्म हो गया था.
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Old 21-08-2013, 11:03 PM   #44
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

इस बीच, बड़े रोमांचक तथ्य किसी दूसरे स्थान पर उजागर हुये. केलिफोर्निया के न्याय विभाग के प्रतिनिधि गुप्त रूप से क़ानून को लागू करने वाली संस्थाओं के अधिकारियों से ज़ेब्रा ह्त्याकाण्ड के बाद पैदा हुई सूरते-हाल का जायज़ा लेने, उसकी समीक्षा करने व उसके परिणामों के विषय में मीटिंग कर रहे थे. अगस्त में उनकी गोपनीय रिपोर्ट में बताया गया कि अकेले केलिफोर्निया में ही कम से कम 81 घटनाओं में, जिनमे गोरे लोगों पर गोली चला कर या धारदार हथियार द्वारा घटक हमले किये गये थे, बड़ी कांटे की समानतायें दिखाई पड़ती हैं. और इसी प्रकार की रिपोर्टें दूर-दराज के अन्य शहरों जैसे – लुई विला, केनटकी और न्यू ऑर्लियान्स, लुसियाना से भी प्राप्त हुयीं.हर घटना में एक ही प्रकार से छोटे मुस्लिम ग्रुपों द्वारा हमले किये गये थे जो ‘नेशन ऑफ़ इस्लाम’ से जुड़े हुये थे, जिसका मुख्यालय शिकागो में था.

क्या हमलों के पीछे कोई राष्ट्रीय षड्यंत्र काम कर रहा था? पुलिस के कुछ अधिकारी और गुप्तचर विभाग के विशेषज्ञ ऐसा ही मानते थे. हमलों का शिकार आमतौर पर सुनसान जगहों पर घुमते व्यक्ति अथवा लिफ्ट मांग कर यात्रा करने वाले होते थे. बहुधा, हत्याकांड में मारे गये व्यक्तोयों के शव कटे-फटे हाल में मिलते थे, जिनमे उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंग ही उड़ा लिये जाते थे. जीवित बच रहे लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताया गया कि हमलावर एक प्रकार से “अनुष्ठान” करते हुये नज़र आते थे. जो भी सम्बन्ध हो, केलिफोर्निया में हमले अचानक रुक गये. हो सकता है इसका एक कारण सान फ्रांसिस्को स्थित ‘मौत के फ़रिश्ते’ नामक संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी से जुड़ा हो.
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Old 21-08-2013, 11:04 PM   #45
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

आख़िरी कीमत

इस बीच ‘मौत के फ़रिश्ते’ संस्था के चार सदस्यों पर चलाया जाने वाला मुक़दमा 3 मार्च 1975 तक स्थगित कर दिया गया. बैरेटा को सबूत के रूप में पेश करने की बात को भुला कर कोरेरिस और फोटिनौस ने अब तक इकठ्ठा की गयी स्थूल चीजों पर ही ध्यान केन्द्रित करना शुरू किया. इनमे, क्वाइटा हेगकी शादी की अंगूठी भी थी जिसे अभियुक्त लैरी ग्रीन द्वारा उंगली से उतार लिया गया था. और मुखबिर एंटोनी हैरिस को सौंप दिया गया था; और सलीम इराकात की सोने की घड़ी थी जिसे गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक के पास पाया गया था. दोनों ही महत्वपूर्ण सबूत थे. परन्तु बरैटा का सम्बन्ध इनमे से किसी से भी न जोड़ा जा सका था.

15 जनवरी 1975 को दोपहर बाद, गस कोरेरिस जब गवाहों से पूछताछ करने के उपरान्त अपने दफ्तर पहुंचा तो एक अन्य इंस्पेक्टर द्वारा छोड़ा गया एक नोट उसे मिला. इसमें एक मामूली अपराधी का ज़िक्र था, जो चोरी का माल खरीदता और बेचता था, जिसे हाल ही में जेल की सजा हुई थी और जो रहम की गुजारिश कर रहा था. बदले में वह कुछ सूचनायें देने के लिये तैयार था. क्या कोरेरिस उससे एक पुराने केस के बारे में बात करने को तैयार होगा?
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Old 21-08-2013, 11:05 PM   #46
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

दो दिनों बाद कोरेरिस अनिच्छापूर्वक उस व्यक्ति से जेल में मिलने जा पहुंचा. उससे वह पहले भी मिल चुका था और उसके बारे में जानता था कि वह चोरी की गयी वस्तुओं का व्यापार करता था अथवा गैर-कानूनी रूप से ऐसी वस्तुएं लिया करता था एवं किसी से भी इस बारे में व्यवहार कर सकता था. उसके व्यापार की वस्तुएं थीं – बिजली से चलने वाले उपादान तथा आग्नेयास्त्र जिनमे रिवाल्वर, पिस्तौल व बंदूकें शामिल थीं.

“मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता,” कोरेरिस ने समझाया, “मैं तुम्हारे केस पर काम नहीं कर रहा हूँ बल्कि ज़ेब्रा हत्याओं पर ध्यान दी रहा हूँ.”

“ऐसी बात है? आप लोगों ने अबी तक ब्लैक सेल्फ हेल्प में काम करने वाले टॉम मैनी को तो पकड़ रखा होगा?” मैनी उन सात व्यक्तियों में से एक था जिसे शुरू में गिरफ्तार किया गया था.

कोरेरिस, जो जाने के लिए उठ खड़ा हुआ था, रुक गया.

“तुम मैनी को कैसे जानते हो?” उसने पूछा.

“ मैं उसे लम्बे समय से जानता हूँ,“ चोरी के वस्तुओं के व्यापारी ने कहा, ”उसे चोरी की बहुत सी वस्तुएं जो बेच चुका हूँ.”

“कैसी वस्तुयें?” कोरेरिस ने पूछा. ऐसा लगा जैसे वह सौदागर कोई बाजी लगा रहा था. अपनी आज़ादी के लिए कोई सौदा करना चाहता था.

“यही जैसे रेफ़्रिजरेटर ... और बंदूकें .”
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Old 21-08-2013, 11:05 PM   #47
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

कोरेरिस गंभीर हो गया. “किस प्रकार की बंदूकें?” उसने पूछा.

“.38 उसे एक बार बेच चुका हूँ. तब मैंने उसे कई बैरेटा पिस्तौलें भी दिलवाई.”

कोरेरिस ने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया. “और तुम्हें बैरेटा कहाँ से मिलीं?”

“ओह, यहीं से. एक तो मैंने मू मू नाम के समाओनी से खरीदी थी.”

कोरेरिस का हाथ उसके बाजू पर उछल गया. कोई भी मू मू तूआ के बारे में नहीं जानता था – उस समय तक जब तक कि उसने उससे बैरेटा खरीद नहीं ली थी. अचानक अप्रत्याशित रूप से, कोरेरिस ने एक खोयी हुई कड़ी को खोज लिया था.

“मेरे साथ आओ,” उसने कहा, “ तुम्हारे साथ तो मुझे बहुत सी बातें करनी हैं.”

कुछ प्राप्त होने का आश्वासन मिलने पर – वह जेल में था और चोरी का मुक़दमा चलने की प्रतीक्षा कर रहा था – वह पिस्तौल के बारे में जो कुछ जानता था, बताने के लिए राजी हो गया. वह और समाओनी एक कॉफ़ी शॉप पर मिले थे और फिर कई बार मिलते रहे. अक्टूबर 1973 की एक सुबह, जब वे कॉफ़ी पी रहे थे तो मू मू ने पूछा कि क्या वह एक पिस्तौल खरीदना चाहेगा? तीस डॉलर पर सौदा तय हुआ. यह उस राशि से पांच डॉलर अधिक थे जो समाओनी द्वारा पॅान शॉप को चुकाने थे.

Last edited by rajnish manga; 21-08-2013 at 11:07 PM.
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Old 21-08-2013, 11:09 PM   #48
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

उस चोर-बाजारिये ने उस बैरेटा को अपने पास रखा, इस बीच वह खरीदार की तलाश करता रहा. फिर उसकी थॉमस मैनी से मुलाक़ात हुई. मूविंग कम्पनी में काम कर रहे मैनी को वह पहले भी लगभग एक दर्जन बंदूकें बेच चुका था.

ब्लैक सेल्फ हेल्प में अभियुक्तों के साथ बरैटा का होना अंतिम सूत्र के रूप में कारगर हुआ. कोरेरिस इस प्रकार के सबूत को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता था. पिस्तौल को हत्यारे के हाथों में रख दिया गया था.

“मौत के फ़रिश्ते” नामक संस्था के चार सदस्यों के विरुद्ध मुकदमा 3 मार्च 1975 को ज्यूरी की उपस्थिति में शुरू हुआ, जिसमे 8 महिलायें और चार पुरुष थे. 12 मार्च 1976 को जब इस मुकदमे का फैसला सुनाया गया, यह केलिफोर्निया का सब से लम्बा आपराधिक मुकदमा बन चुका था जिसमे लगभग 210 कोर्ट-दिवसों तक कार्यवाही चली, 181 गवाहों द्वारा गवाही पेश की गयी, 2600 पृष्ठों के बयान दर्ज किये गये. मिच लकसिश, हथियार विशेषज्ञ, साढ़े छः दिन तक गवाहों के कटघरे में रहा. अन्य लोगों, जिनमे चोर-बाजारिया भी था, जिसने बैरेटा को उसके अंतिम मालिक को बेचा था, और मुखबिर एंटनी हैरिस, की गवाहियां तो और भी लम्बी चलीं. परन्तु, मुकदमे की लम्बाई के बावजूद और मुद्दों के विस्फोटक होने के बावजूद, ज्यूरी क फैसला देने में कुल 18 घंटे लगे: प्रत्येक आरोप में अपराध सिद्ध.

बैरेटा पिस्तौल को सरकारी सबूत नंबर 27 के तौर पर मुक़दमे में पेश किया. बचाव पक्ष के वकीलों की राय में इसके न होने पर फैसला कुछ और ही होता. 29 मार्च 1976 के दिन सुपीरियर कोर्ट जज जोज़ेफ़ कारेश ने अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई.

हथियार के लिए जो अंतिम कीमत मांगी गयी, वह थी 55 डॉलर. परन्तु इसकी असली कीमत का अंदाज़ा लगाना ही मुश्किल है – एक पूरे जनपद और समुदाय को आतंक में जकड़ लेना, चार चार व्यक्तियों की नृशंस देह-दुर्गत और अन्य छः व्यक्तियों की मौत.

(समाप्त)

Last edited by rajnish manga; 22-08-2013 at 10:24 AM.
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Old 25-08-2013, 06:19 PM   #49
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

आह ........... एक साँस में पूरी कथा पढ़ गया मैं। कथानक में अधिक जासूसी की गुञ्जाइस नहीं बन पडी है। भाग-दौड़ बहुत अधिक है। कथा सीधी रेखा में चलती हुयी अंत में एक दो हिचकोले लेकर ठहर जाती है। 'मिस्ट्री' जैसे तत्व की कमी दिखी क्योंकि कहीं भी पाठक को रुक कर सोचने का अवसर नहीं दिया गया।

भाषा परिवर्तन बहुत अच्छी तरह से किया गया है इसके लिए लेखक साधुवाद का पात्र है। हाँ हिंदी वर्तनी में कहीं कहीं त्रुटियाँ नज़र आयीं हैं किन्तु कथानक के प्रवाह में ये अदृश्य हो के रह जाती हैं।

कुल मिलाकर कथानक रोचक एवं पठनीय है। यदि स्थान और पात्रों के नाम भारतीय परिवेश से जुड़े होते तो रोचकता में बढ़ोत्तरी हो जाती।

रजनीश जी आपने श्रमसाध्य कार्य किया है। कथा को मंच में साझा करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद बन्धु। आभार।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
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Old 25-08-2013, 07:35 PM   #50
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Default Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश

Rajnishji,

I just finished reading the entire story in one long session.

It is a gripping narrative and I am full of praise for the Police of San Francisco for their meticulous and patient research and investigation into the whole matter.

Your translation is excellent and I enjoyed reading this in Hindi and at no stage did I miss the original English version.

Please accept my thanks for the tremendous effort you have put into this posting.

While not actually looking for them, while reading, I happened to notice a few errors in spelling and some missing words in the translation. I am attaching a pdf file containing those postings in which I noticed possible errors highlighted in Red. You may like to correct them at your convenience later.

Thanks once again and best wishes.
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