12-04-2011, 03:10 PM | #121 |
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Re: रोचक जानकारियां
एक खाता अनेक प्रयोग अक्सर हम अलग अलग जगह पर प्रयोग करने के लिए अलग अलग इमेल का प्रयोग करते है। हम एक ही खाते मे आफिस,चिट्ठे, दोस्तों और परिवार की की इमेल का हिसाब किताब रखना चाहते है। जीमेल पर फिल्टर लगाने की सुविधा है(इस बारे मे अगले प्वाइंट पर बात करते है।) लेकिन क्यों ना ऐसा हो कि हम हर जगह अलग अलग इमेल का पता दें, लेकिन इमेल एक ही जगह आए। तो जनाब परेशान ना होइए, आप ऐसा कर सकते है। जीमेल की इमेल मे एक खास बात है कि आपके इमेल के प्रथम भाग मे जितने भी डाट्स हों जीमेल उन्हे इग्नोर करता है। उदाहरण के लिए। आपका पता अगर RahulDravid@gmail.com है, निम्नलिखित पतों पर की गयी सभी इमेल आपके पास आएंगी। RahulDravid@gmail.com Rahul.Dravid@gmail.com Ra.hul.Dravid@gmail.com R.ahulDravid@gmail.com R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@gmail.com अथवा RahulDravid@googlemail.com Rahul.Dravid@googlemail.com Ra.hul.Dravid@googlemail.com R.ahulDravid@googlemail.com R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@googlemail.com अब आप बिन्दास अलग अलग टाइप के इमेल के लिए अलग अलग इमेल आईडी दे दीजिए। आनी सब एक जगह है। इसके अतिरिक्त आप + का भी प्रयोग कर सकते है। उदाहरण के लिए, किसी फालतू साईट पर आप RahulDravid+faltu@gmail.com दे सकते है, आपकी सारी इमेल आपके पते पर आएंगी और आप उन्हे फिल्टर करके, कूड़े दान मे डाल सकते। इस बारे मे अगले पैराग्राम मे देखिए। फिल्टर (छंटाई) अब आपके पास इमेल तो अलग अलग जगह से आ गयी, लेकिन आप चाहते है कि जीतू के यहाँ से आई इमेल एक जगह संचित हो जाए, इमेल बॉक्स को ना घेरे। तो उसका भी इलाज है। आप किसी भी आने वाले पते, विषय, पाने वाले पते अथवा सामग्री के आधार पर फिल्टर बनाकर, उस इमेल को वांछित जगह पर पहुँचा सकते है। पूरी जानकारी यहाँ दी गयी है। इमेल की खोज ( Search ) अब जीमेल आपको इतना बड़ा स्टोरेज देता है कि आप इमेल को रखते जाते है। अक्सर जरुरी इमेल गुम हो जाती है। हालांकि आपको उनको * लगाकर संचित कर सकते है। लेकिन उसके बाद भी कई कई बार इमेल नही मिलती। उसके लिए आप ढूंढ सकते है। इसमे सामान्य के अतिरिक्त एडवान्स सर्च भी है। उदाहरण के लिए: शोएब के यहाँ से आई सारी इमेल देखने के लिए : from:shuaib अमित के यहाँ से आई अटैचमेन्ट वाली इमेल्स : from:amit has:attachment कविराज के यहाँ से आई, गलती से डिलीट हुई इमेल को देखने के लिए : in:trash from:kaviraj अगस्त के महीने मे आई सारी इमेल : after:2007/08/01 before:2007/09/01 इस बारे मे विस्तृत जानकारी यहाँ पर उपलब्ध है। फीड एग्रीगेटर मे मेल को पढना इसके अतिरिक्त अपनी इमेल को लेबल करना, फारवर्ड करना तो आपको आता ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि आप अपनी इमेल को अपने एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। हालांकि इसका कोई खास प्रयोग नही है, लेकिन यदि आप चाहे तो अपनी इमेल को एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। अपनी इमेल के फीड का पता जानने के लिए ब्राउजर मे ये पता डाले: https://mail.google.com/mail/feed/atom
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12-04-2011, 04:02 PM | #122 | |
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Re: रोचक जानकारियां
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मैँ इसे रोचक जानकारी के रूप मेँ न लेकर बहस के लिये आप द्वारा उठायी गयी एक ज्वलन्त समस्या के रूप मेँ देख रहा हूँ । तम्बाकू के रूप मेँ हम बीड़ी , सिगरेट और गुटखा का व्यसन कर रहे हैँ । मूलतः जिसमेँ निकोटिन की मात्रा न्यूनाधिक रूप मेँ हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डाल रही है । धूम्रपान व्यसनी के अतिरिक्त निकटस्थ लोगोँ को भी अपनी चपेट मेँ ले लेता है । विदेशोँ मेँ तो न्यायालय मेँ क्षतिपूर्ति के लिये वाद दायर किया जा सकता है । बुन्देलखण्ड और मध्य प्रदेश मेँ तेँदू पत्ते की बहुतायत होने की वज़ह से नशे का यह उद्योग लम्बे अरसे से फल फूल रहा है और साथ ही बाल श्रम , बंधुआ मजदूरी के कानूनोँ का खुला उल्लंघन हो रहा है । गरीबी रेखा से नीचे रहने वालोँ को जब दो जून की रोटी नसीब नहीँ होती तो वो बेचारे विवश होकर तम्बाकू की धाँस मेँ अपनी रोटी तलाशते हैँ । एक एक निवाले के लिये क्या बच्चा , क्या औरत , क्या बुड्ढा सब मिलकर तेँदू पत्ते को लपेटने के लिये लाचार हैँ । अब ऐसी स्थिति मेँ आर्थिक स्थिति मेँ सुधार की बात तक सोचना बेमानी है । सरकार को तो अपने राजस्व की चिँता ही खाये रहती है । भले ही उसे नशे को बेचना पड़े और कल्याणकारी राज्य की मुहर लगाने के लिये मद्य निषेध विभाग जैसे महक़मे तो चल ही रहे हैँ । पैँकिँग पर साँप बिच्छू जैसे चित्र उसकी इस तथाकथित सदाशयता के द्योतक हैँ ही ।
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12-04-2011, 05:06 PM | #123 | |
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Re: रोचक जानकारियां
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लेकिन यहाँ पर एक समस्या लगाती है/ यदि Rahul.Dravid@gmail.com Ra.hul.Dravid@gmail.com ये दोनों अलग व्यक्ति हो और कोई दोनों में से किसी एक के पास मेल करेगा तो दोनों के पास चले जायेगा/ क्या इससे कोई समस्या नहीं होगी/ या फिर जीमेल में इस तरह से दो अलग व्यक्तियों के मेल आईडी बन ही नहीं सकती/ जरा इसके बारे में भी बताइए/
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12-04-2011, 07:13 PM | #124 |
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Re: रोचक खबरे
बहुत अच्छा सिकन्दर भाइ
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
14-04-2011, 11:30 AM | #125 | |
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Re: रोचक जानकारियां
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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16-04-2011, 03:30 AM | #126 |
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Re: रोचक खबरे
फॉदर ऑफ मोबाइल का नाम बताते हुए संक्षिप्त परिचय तो दीजिए ।
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19-04-2011, 08:22 PM | #127 |
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Re: रोचक जानकारियां
दोस्त सच्चा है कि बनावटी, ऐसे पहचाने
हमारे मन का स्वभाव ऐसा है कि वह मीठा बोलने वालों को ही ज्यादा पंसंद करता है। अच्छे-बुरे से मन को कुछ लेना-देना नहीं। असली दोस्त की पहचान में भी इसी कारण से इंसान से भूल हो जाती है। व्यक्ति मीठा बोलने वाले मनोरंजक व्यक्ति को ही अपना पक्का दोस्त समझ बैठते हैं, जबकि असलियत में ऐसा कुछ होता नहीं। इस विषय में कबीरदास जी ने बहुत सही बात कही है- निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटि छवाय। बिन साबुन बिना निर्मल करे सुभाय।। इसीलिये कहते हैं सच्चा दोस्त उस निदंक की तरह होता है जो अच्छाईयों पर आपकी तारीफ के साथ साथ आपकी बुराईयों को सामने लाकर उनको दूर करने में आपकी मदद करता है। ऐसा ही एक किस्सा है कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती का द्वारिका में एक ब्राह्मण के घर जब भी कोई बालक जन्म लेता तो वह तुरंत मर जाता एक बार वह ब्राह्मण अपनी ये व्यथा लेकर कृष्ण के पास पहुंचा परन्तु कृष्ण ने उसे नियती का लिखा कहकर टाल दिया। उस समय वहां अर्जुन भी मौजूद थे।अर्जुन को अपनी शक्तियों पर बड़ा गर्व था। अपने मित्र की मदद करने के लिए अर्जुन ने ब्राह्मण को कहा कि मैं तुम्हारे पुत्रों की रक्षा करूंगा। तुम इस बार अपनी पत्नी के प्रसव के समय मुझे बुला लेना ब्राह्मण ने ऐसा ही किया लेकिन यमदूत आए और ब्राह्मण के बच्चे को लेकर चले गए। अर्जुन ने प्रण किया था कि अगर वह उसके बालकों को नहीं बचा पाएगा तो आत्मदाह कर लेगा। जब अर्जुन आत्म दाह करने के लिए तैयार हुए तभी श्री कृष्ण ने अर्जुन को रोकते हुए कहा कि यह सब तो उनकी माया थी उन्हें ये बताने के लिए कि कभी भी आदमी को अपनी ताकत पर गर्व नहीं करना चाहिए क्यों कि नियती से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।
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20-04-2011, 02:12 PM | #128 |
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Re: रोचक जानकारियां
वाह वाह क्या जनकारी है
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24-04-2011, 01:18 AM | #130 |
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Re: रोचक जानकारियां
इंसान को आश्चर्य में डाल देने वाली प्रकृति की पांच रचनाएं
प्रकृति के श्रृंगार ने मानव शुरु से ही हतप्रभ किया है। इस कड़ी में हम आपको ऐसे पांच तालाबों से परिचित कराने जा रहे हैं जो प्रकृति के सौंदर्य में चार चांद लगाने वाले हैं। इन आकृतियों को देख आप चौंक सकते हैं क्योंकि यह संरचनाएं हैं ही ऐसी। इनमें से ज्यादातर का निर्माण प्रकृति ने खुद ही किया है जबकि कुछ मानव से अनजाने में बन गईं।
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