05-04-2011, 09:46 AM | #14 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
कोयल का रूप उसका स्वर है। पतिव्रता होना ही स्त्रियों की सुन्दरता है।
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05-04-2011, 09:46 AM | #15 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
धर्म का उपदेश देनेवाले, कार्य-अकार्य, शुभ-अशुभ को बतानेवाले इस नीतिशास्त्र को पढ़कर जो सही रूप में इसे जानता है, वही श्रेष्ठ मनुष्य है।
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05-04-2011, 09:47 AM | #16 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
मूर्ख शिष्य को पढ़ाने से, उपदेश देने से, दुष्ट स्त्री का भरण-पोषण करने से तथा दु:खी लोगों का साथ करने से विद्वान् व्यक्ति भी दु:खी होता है!
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05-04-2011, 09:47 AM | #17 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
जिसके घर में माता न हो और स्त्री व्यभिचारिणी हो, उसे वन में चले जाना चाहिए, क्योंकि उसके लिए घर और वन दोनों समान ही हैं।
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05-04-2011, 09:48 AM | #18 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
दु:खी का पालन भी सन्तापकारक ही होता है। वैद्य ‘परदु:खेन तप्यते’ दूसरे के दु:ख से दु:खी होता है। अत: दु:खियों के साथ व्यवहार करने से पण्डित भी दु:खी होगा।
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05-04-2011, 09:48 AM | #19 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
दुष्ट पत्नी, शठ मित्र, उत्तर देनेवाला सेवक तथा सांपवाले घर में रहना, ये मृत्यु के कारण हैं। इसमें सन्देह नहीं करना चाहिए।
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05-04-2011, 09:49 AM | #20 |
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Re: चाणक्य नीति (Chanakya Niti)
विपत्ति के समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। धन से अधिक रक्षा पत्नी की करनी चाहिए। किन्तु अपनी रक्षा का प्रश्न सम्मुख आने पर धन और पत्नी का बलिदान भी करना पड़े तो भी नहीं चूकना चाहिए।
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