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#1 |
Special Member
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![]() "दशरथ मांझी" the real hero
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#2 |
Special Member
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आज my hindi forum पर मै आपको मिलवाउंगी एक ऐसे महान व्यक्ति से जिसके बारे मे सुन कर यकीं नहीं होता कि इस धरती पर ऐसे इंसान भी जन्म लेते हैं.ऐसा साहस, ऐसी दृढ इच्छा शक्ति, ऐसा संयम जो आपने शायद ही पहले किसी और व्यक्ति में देखा होगा. तो आइये मिलते हैं my hindi forum पर इस महान THE REAL HERO से
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#3 |
Special Member
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आपने कई बार लोगों को यह कहते सुना होगा कि “अगर इंसान चाहे तो वह पहाड़ को भी हिला कर दिखा सकता है” . और आज मै आपको ऐसे ही व्यक्ति से रूबरू करा रही हूँ /
जिन्होंने अकेले दम पर सच-मुच पहाड़ को हिला कर दिखा दिया है/
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#4 |
Exclusive Member
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और जानकारी भी पोस्ट करेँ धन्यवाद
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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#5 |
Administrator
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bahut badhiya jaankari hai bhavna ji.....is naye sub forum ka bahut hi accha sriganesh kiya hai aapne...
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#6 |
Special Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
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मंच के पहले ही सूत्र में आपने अपने थ्रेड में एक ऐसे व्यक्ति का परिचय कराया जिसे शायद बहुत ही कम लोग जानते है ,
सरकार को चाहिए की ऐसे व्यक्ति को इतिहास की किताब में स्थान दिया जाए... ![]() |
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#7 | |
Exclusive Member
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![]() Quote:
ताकि हमारी भावी पीढ़ी इन्से कुछ सीख हासिल कर सके
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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#8 | |||
Special Member
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मै जल्द ही इस महान व्यक्ति के बारे में आपको बताउंगी /
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#9 |
Special Member
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मैं बात कर रही हूँ "गया" (Gaya) जिले के एक अति पिछड़े गांव गहलौर(Gahlaur) में रहने वाले Dashrath Manjhi ( दशरथ मांझी) की। गहलौर एक ऐसी जगह है जहाँ पानी के लिए भी लोगों को तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था. वहीँ अपने परिवार के साथ एक छोटे से झोपड़े में रहने वाले
पेशे से मजदूर श्री Dasrath Manjhi ने गहलौर पहाड़ को अकेले दम पर चीर कर 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा रास्ता बना दिया. इसकी वजह से गया जिले के अत्री और वजीरगंज ब्लाक के बीच कि दूरी 80 किलोमीटर से घट कर मात्र 3 किलोमीटर रह गयी. ज़ाहिर है इससे उनके गांव वालों को काफी सहूलियत हो गयी.
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ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! ![]() ![]() love is life Last edited by bhavna singh; 15-09-2011 at 05:00 PM. |
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#10 |
Special Member
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और इस पहाड़ जैसे काम को करने के लिए उन्होंने किसी dynamite या मशीन का इस्तेमाल नहीं किया, उन्होंने तो सिर्फ अपनी छेनी-हथौड़ी से ही ये कारनामा कर दिखाया. इस काम को करने के लिए उन्होंने ना जाने कितनी ही दिक्कतों का सामना किया, कभी लोग उन्हें पागल कहते तो कभी सनकी, यहाँ तक कि घर वालों ने भी शुरू में उनका काफी विरोध किया पर अपनी धुन के पक्के Dasrath Manjhi ने किसी की न सुनी और एक बार जो छेनी-हथौड़ी उठाई तो बाईस साल बाद ही उसे छोड़ा.जी हाँ सन 1960 जब वो 25 साल के भी नहीं थे, तबसे हाथ में छेनी-हथौड़ी लिये वे बाइस साल पहाड़ काटते रहे। रात-दिन,आंधी-पानी की चिंता किये बिना Dashrath Manjhi नामुमकिन को मुमकिन करने में जुटे रहे. अंतत: पहाड़ को झुकना ही पड़ा. 22 साल (1960-1982) के अथक परिश्रम के बाद ही उनका यह कार्य पूर्ण हुआ. पर उन्हें हमेशा यह अफ़सोस रहा कि जिस पत्नी कि परेशानियों को देखकर उनके मन में यह काम करने का जज्बा आया अब वही उनके बनाये इस रस्ते पर चलने के लिए जीवित नहीं थी.
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