08-06-2011, 11:50 PM | #11 |
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Re: ताऊ के किस्से
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08-06-2011, 11:53 PM | #12 |
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Re: ताऊ के किस्से
राजा ने अपने आदमियों को ताऊ के पास भेजा | अब ताऊ फंस गया एक तरफ भूत की चेतावनी कि गर्दन तौड़ दूंगा और दूसरी तरफ राजा का खौफ | ताऊ ने राजा के लोगों को समझाया कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानता, वो बणिया का बेटा तो ऐसे ही तुक्के में ठीक हो गया |
राजा के आदमी बोले - " तो कोई बात नहीं कुंवर के पास भी जाकर तुक्का मार दे |" और राजा के आदमी ताऊ को पकड़ राजमहल ले गए | अब बेचारा ताऊ बुरा फंस गया भूत के पास जाये तो गर्दन तौड़ दे और ना जाये तो राजा गर्दन काट दे |
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08-06-2011, 11:54 PM | #13 |
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Re: ताऊ के किस्से
अब तो फंस गया ताऊ
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
08-06-2011, 11:54 PM | #14 |
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Re: ताऊ के किस्से
ताऊ ने अपना दिमाग लगाया और बोला - " ठीक है पर मेरे कुंवर के पास जाने से पहले महल खाली कर दें कुंवर के अलावा महल में कोई नहीं रहे |"
जब सब लोग महल से निकल गए तो ताऊ ने महल में जाकर अपनी धोती के पायचे टांगे अपनी कमीज व बनियान फाड़कर चीथड़े चीथड़े कर लिए और अपनी जूतियाँ हाथ में ले कुंवर की तरफ बेतहासा भागते हुए कहने लगा - " अरे भूत ! भाग ,ताई आ गयी है |" और कहते कहते ताऊ जोर से बाहर भागने लगा | ताऊ के पीछे भूत भी कुंवर के शरीर को छोड़कर ताई के डर से भागने लगा | भूत के शरीर से निकलते ही कुंवर ठीक हो गया और लोग फिर से ताऊ की जय जयकार करने लगे
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08-06-2011, 11:56 PM | #15 |
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Re: ताऊ के किस्से
वाह, ताऊ तो दिमागदार निकला
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08-06-2011, 11:58 PM | #16 |
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Re: ताऊ के किस्से
अगर आपको सूत्र पसंद आये तो रेपोटेसन पॉइंट देकर मेरा होसला बढ़ाये .....
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09-06-2011, 12:01 AM | #17 |
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Re: ताऊ के किस्से
दिया जा चूका है बंधू
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
09-06-2011, 12:11 AM | #18 |
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Re: ताऊ के किस्से
अब घर में ही घोटो और पीवो
गांव के बाहर एक बाबा जी का आश्रम था बाबा जी भांग का नशा करते थे अतः आश्रम में नित्य भांग घोटने का कार्य होता रहता था | गांव के कुछ निट्ठले युवक भी भांग का स्वाद चखने के चलते रोज बाबा जी के पास चले आया करते थे | इनमे से कुछ युवक भांग का नित्य सेवन करने के कारण भांग के नशे के आदि हो चुके थे अतः वे रोज भांग पीने के चक्कर में बाबा जी के आश्रम पर पहुँच ही जाते फलस्वरूप बाबा जी का भांग का खर्च बढ़ गया जिसे
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09-06-2011, 12:11 AM | #19 |
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Re: ताऊ के किस्से
कम करने के लिए बाबा जी ने निश्चय कर लिया था |
एक दिन उनका एक एसा चेला जीवा राम जो भांग के नशे का आदि हो चूका था हमेशा की तरह आश्रम पहुंचा | आश्रम का दरवाजा बंद देख जीवा ने बाबा जी को आवाज लगाई | जीवा :- बाबा जी ! बाबा जी !! दरवाजा खोलिए | बाबा जी :- अरे कौन ? जीवा :- बाबा जी ! मै जीवो ! बाबाजी :- बेटा ! अब घर में ही घोटो और पीवो |
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09-06-2011, 12:13 AM | #20 |
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Re: ताऊ के किस्से
ताऊ और समधन : नहले पर दहला.......
ताऊ रामजीलाल गन्ने के खेतों में काम करते करते उकता गया अतः ताऊ रामजीलाल ने कहीं घूम कर आने के उद्देश्य से अपने छोरे की ससुराल जाने का प्रोग्राम बना लिया | ताऊ ने सोचा एक घूमना हो जायेगा और दूसरा समधियों से मिलना भी | और आते वक्त कुछ न कुछ उपहार भी मिल जायेगा |अब छोरे की ससुराल जाना है तो साथ मिठाई आदि भी तो ले जानी पड़ती है अतः ताऊ रामजीलाल कौनसी मिठाई ले जानी चाहिए इस पर गहन विचार करने लगा ताऊ को कुछ समझ नहीं आ रहा था और फिर ताऊ सस्ते में भी निपटने के चक्कर में था |
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