18-11-2011, 01:12 AM | #11 |
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Re: उपनिषदों का काव्यानुवाद
केनोपनिषद
ॐ श्री परमात्मने नमः शांति पाठ ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि। सर्वं ब्रह्मौपनिषदं माऽहं ब्रह्म निराकुर्यां मा मा ब्रह्म निराकारोदनिराकरणमस्त्वनिराकरणं मेऽस्तु। तदात्मनि निरते य उपनिषत्सु धर्मास्ते मयि सन्तु ते मयि सन्तु ॥ हे ईश ! मेरे अंग सब परिपूर्ण और बलवान हों, नेत्र, श्रोत्रम, प्राण, वाणी, बल इन्द्रियों में महान हों। उपनिषदों में प्रतिपाद्य ब्रह्म से, गहन मम सम्बन्ध हों, हो त्रिविध तापों की निवृत्ति, परब्रह्म तत्त्व प्रबंध हों॥ |
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