08-12-2010, 09:35 AM | #11 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
अब तेरी याद से आराम नहीं होती मुझ को
ज़ख्म खुलती हैं अज़ीयत नहीं होती मुझ को अब कोई आये – चला जाये मैं खुश रहता हूँ अब किसी शख्स की आदत नहीं होती मुझ को ऐसी बदली हूँ तेरी शेहेर का पानी पी कर झूट बोलों तो शिकायत नहीं होती मुझको हमने तो उम्र गुज़ार – दी तन्हाई में सह लिए सितम तेरी जुदाई में अब – तो यह फ़रियाद है खुदा से कोई और न तड़पे – तेरी बेवफाई में … मत पूछ मेरे सब्र की इन्तहा कहा तक है? तू सितम कर ले, तेरी ताकत जहाँ तक है, वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तोह देखना है, तू ज़ालिम कहा तक है?
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