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22-02-2012, 03:56 PM | #1 |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
उपरोक्त वीडियो में पटना की एक महिला एसपी महोदया, जिनका शुभ नाम "किम" है, घर के अंदर निर्दोष, निहत्थे और शांत महिला और उसके बच्चो पर अन्य पुरुष सिपाहियों के साथ अपनी मर्दानगी दिखा रही है। मीडिया आचरण के अनुरूप सनसनी फैला रहा है। राजनीतिज्ञ पानी पी-पी कर अपने पिपक्षी दलो को कोस रहे है। लोग पान-दुकानों, नुक्कड़, चौक-चौराहो और ड्राईंग रूम मे टीवी देखते हुये, अपने अमूल्य विचार व्यक्त कर रहे है।
वैसे तो हर दिन देश मे इस तरह के पुलिसिया जुल्म के हजारो घटनाए हो रही है - मगर कहते है ना - जो दिखता है वही बिकता है। कोई नई खबर सनसनी बनने तक, ये खबर चलता रहेगा। फिर अगर कही इस तरह की घटना की पुनरावृति होगी तो संदर्भ स्वरूप इसे फिर से याद किया जाएगा, वर्ना....... क्या कहु, किसके कहु - हमारे देश के लोगो की फितरत ही कुछ ऐसी है। एक मशहूर कहावत है - किसने कहा है - कृपया ये मुझसे मत पूछिएगा - पहले वो "यहूदियो" को लेने आये - मै कुछ नहीं बोला - क्योंकि मै "यहूदी" नहीं था। फिर वो "पारसियों" को लेने आये - मै फिर कुछ नहीं बोला - क्योंकि मै "पारसी" भी नहीं था। फिर वो "कम्युनिष्टों" को लेने आये - मै फिर कुछ नहीं बोला - क्योंकि मै "कम्युनिष्ट " भी नहीं था। अंत में वो मुझे लेने आये - कोई कुछ नहीं बोला - क्योंकि वो सभी को पकड़ चुके थे। |
09-12-2012, 12:55 AM | #2 | |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
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10-12-2012, 09:22 PM | #3 | |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
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मेरे घर के बाहर गोलियाँ चल रहीं थीं मैंने सोचा – शायद कुछ लोग शौकिया तौर पर खून खच्चर में व्यस्त हैं और मैंने अपना ध्यान उस ओर से हटा लिया. इस बीच एक गोली मेरे दरवाजे से टकराई मैं बौखला उठा पर यह सोच कर कि यह गोली शायद मेरे पड़ौसी के घर पर चलायी गई पर सम्भवतः इधर छिटक कर आ निकली मैं अपने काम में पुनः व्यस्त हो रहा. सहसा तभी एक गोली मेरे दाहिने कान के करीब से सनसनाती हुई निकल गयी मैं कांप उठा (भय से नहीं क्रोध से) मेरे नथुने फड़कने लगे मैं बन्दूक ले कर बाहर निकल आया मैंने देखा वो लोग जा चुके हैं. |
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21-05-2012, 10:57 PM | #4 |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
cricket jo kabhi bhadrajano ka khel kaha jata tha aur bharat men kisi majhab se kam nahi tha.
kya apni pratishtha kho raha hai?
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
23-05-2012, 07:10 AM | #6 |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
सिर्फ ipl ही नहीँ सिकन्दर भाई वैसे भी कोई भी मैच हो सट्टा को आप नजर अंदाज नहीँ कर सकते हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
10-12-2012, 09:39 PM | #7 |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
अति श्रेष्ठ रजनीशजी। एक प्रचलित किस्से का आपने बेहतरीन काव्य रूपांतरण किया है। आभार।
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10-12-2012, 11:08 PM | #8 |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
मित्र, क्षमा करें कि आपके विचारों से मैं सहमत नहीं हूं। या तो आपको अधूरी जानकारी दी गई है अथवा कोई गलतफहमी है। मैं यह विश्वासपूर्वक कह सकता हूं कि श्री अन्ना हजारे ने कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया। हां, बीच में कुछ ग़लतफ़हमियां पैदा हुईं, लेकिन वे श्री हजारे के कारण नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों के कारण थीं। अगर आप उन वक्तव्यों को विवादास्पद मानें कि 'संसद नहीं, देश का नागरिक सर्वोपरि है', तो यह वैचारिक मतभेद है, क्योंकि मैं इस मुद्दे पर पूरी तरह अन्ना का समर्थक हूं। पहले आप विकल्प उपलब्ध कराएं, राजनीतिक दलों को बाहुबलियों और अपराधियों का चयन करने से रोकें, उन्हें अपने खाते सार्वजनिक करने का क़ानून पास कराएं, फिर रीकॉल बटन उपलब्ध कराएं। ऐसे ही बहुत से कदम हैं, जिनका उठाया जाना मुझे, अन्ना के साथ, जरूरी लगता है। अब आप यह भी नहीं करेंगे और फिर कहेंगे कि लोकतंत्र में संसद सर्वोपरि है, तो चारा खा जाने वाले, कोयला हज़म कर जाने वाले, स्पेक्ट्रम की कमाई से अपना घर भरने वाले और प्रति प्रश्न धन वसूलने वाले ही संसद में नज़र आएंगे। अगर यह आरोप सांसदों पर आयद होते हैं, तो इसमें गलत क्या है?
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11-12-2012, 11:27 AM | #9 | |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
शुरू से ही अन्ना को मुखौटा बना कर पेश किया गया है। अन्ना के आन्दोलन की असली किरदार तो पीछे थे, बस अन्ना को सामने खड़ा कर दिया था। खूब सारा मीडिया हाइप किया गया, सोशल नेटवर्क और इन्टरनेट का भी सहारा लिए गया। मैं नहीं मानता इसमें कुछ भी गलत था। आप लोग बताइये अगर अरविन्द केजरीवाल जैसे लोगो लो राष्ट्रीय स्तर पर अगर राजनीति करनी है तो कैसे करते, अगर ग्रास रूट लेवल से शुरू करते तो सालो लग जाते और कुछ नहीं होता। यह तो अरविन्द केजरीवाल का क्रैश कोर्स वाली स्ट्रेटेजी थी जिसने उन्हें राष्ट्रीय पटल पर 2-3 साल में पंहुचा दिया। नहीं तो आप ही सोचिये जहाँ पैसा बोलता है, बाप अगर राजनीति में है तभी कोई चांस है, ऐसे माहौल में अरविन्द केजरीवाल (जो न केवल iit ग्रेजुएट है बल्कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा भी पास कर चुके है ) देश के राजनीति में ऊपर कैसे आये। आज की डेट में बहुत ही कम नेता होंगे जिनकी योग्यता अरविन्द केजरीवाल के बराबर या अधिक होगी।
ओके टॉपिक पर आते है, हाँ तो अन्ना जी साधारण से सोशल वर्कर है जिन्हें अरविन्द केजीरिवाल या किरण बेदी की तरह गोल गोल करने बात करनी नहीं आती वो सीधे सीधे बोलते हैं। जो मैंने उनसे सुना है। 1. कसब को पब्लिक के सामने फांसी देनी चाहिए थी। 2. जो शराब पीता है उसको पीट पीट कर सही रास्ते पर लाना चाहिए। 3. केर्जिवाल को राजनीतक महत्वाकांक्षा है। 4. केवल एक ही तप्पर मारा (जब शरद पवार को किसी ने तप्पर मारा था।) और पाकिस्तान के सिलसिले में क्या बयां आया है, यह मुझे नहीं पता। इसमें कोई दो राय नहीं है की आज की दुनिया को गांधी के मूल्यों की पहले से कही जायदा जरुरत है। लेकिन पाकिस्तान के सिलसिले में हम लोग तो फूँक फूँक कर ही कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान अपने मिसाइल का नाम गौरी रखता है क्योंकि भारत के मिसाइल का नाम पृथ्वी है।। पाकिस्तान में काफी लोग कहते है जिस तरह से आज 1192 में गौरी ने पृथ्वी राज चौहान को हराया था और दिल्ली पर कब्ज़ा किया था ठीक वैसा ही फिर से होगा, उसको वहां के सिलेबस में है पढ़ाया जाता है। उस टर्म को गजवा ऐ हिन्द कहते हैं। और यह उनके किसी पुराने ग्रन्थ में लिखा हुआ है। Quote:
पाकिस्तान में लोग कहते है की 1971 1191 था अब अगली लड़ाई में गौरी पृथ्वी को हरा देगा ऐसा सुनने में काफी बचकाना लगता है लेकिन पाकिस्तान में लोग इन बातो को काफी सीरियसली लेते हैं।
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11-12-2012, 11:43 AM | #10 | |
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Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
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2. अगर पीटने वाला अन्ना हो, तो मैं खुशी से पिटने के लिए तैयार हूं। 3. अब तो यह जगजाहिर है। 4. गांधीजी ने खुद कहा था, अगर कोई तुम्हें थप्पड़ मारे, तो अपना दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो ... अन्ना का इशारा शायद शरद पवार को यह बताने की ओर था।
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