04-11-2014, 09:30 PM | #1 |
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खेजडी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्त्व
^ खेजड़ी को शमी वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह मूलतः रेगिस्तान में पाया जाने वाला वृक्ष है जो थार के मरुस्थल एवं अन्य स्थानों पर भी पाया जाता है। अंग्रेजी में शमी वृक्ष प्रोसोपिस सिनेरेरिया के नाम से जाना जाता है। रामायण में महत्त्व विजयादशमी या दशहरे के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करने की प्रथा है। मान्यता है कि यह भगवान श्री राम का प्रिय वृक्ष था और लंका पर आक्रमण से पहले उन्होंने शमी वृक्ष की पूजा कर के उससे विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त किया था। आज भी कई स्थानों पर 'रावण दहन' के बाद घर लौटते समय शमी के पत्ते स्वर्ण के प्रतीक के रूप में एक दूसरे को बाँटने की प्रथा हैं, इसके साथ ही कार्यों में सफलता मिलने कि कामना की जाती है। >>
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04-11-2014, 09:40 PM | #2 |
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Re: खेजडी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्त्व
खेजड़ी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्व
महाभारत में महत्व शमी वृक्ष का वर्णन महाभारत काल में भी मिलता है। अपने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक साल के अज्ञातवास में पांडवों ने अपने सारे अस्त्र शस्त्र इसी पेड़ पर छुपाये थे जिसमें अर्जुन का गांडीव धनुष भी था। कुरुक्षेत्र में कौरवों के साथ युद्ध के लिये जाने से पहले भी पांडवों ने शमी के वृक्ष की पूजा की थी और उससे शक्ति और विजय प्राप्ति की कामना की थी। तभी से यह माना जाने लगा है कि जो भी इस वृक्ष कि पूजा करता है उसे शक्ति और विजय प्राप्त होती है – शमी शमयते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी । अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी ॥ करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया । तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता ॥ >>>
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04-11-2014, 09:43 PM | #3 |
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Re: खेजडी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्त्व
खेजड़ी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्व
एक अन्य कथा अन्य कथा के अनुसार कवि कालिदास ने शमी के वृक्ष के नीचे बैठ कर तपस्या कर के ही ज्ञान की प्राप्ति की थी। मान्यताएँ शमी वृक्ष की लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है। शनिवार को शमी की समिधा का विशेष महत्त्व है। शनि देव को शान्त रखने के लिये भी शमी की पूजा की जाती है। शमी को गणेश जी का भी प्रिय वृक्ष माना जाता है और इसकी पत्तियाँ गणेश जी की पूजा में भी चढ़ाई जाती हैं। ऋग्वेद के अनुसार शमी के पेड़ में आग पैदा करने कि क्षमता होती है और ऋग्वेद की ही एक कथा के अनुसार आदिम काल में सबसे पहली बार पुरुओं ने शमी और पीपल की टहनियों को रगड़ कर ही आग पैदा की थी। **
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05-11-2014, 03:32 PM | #4 |
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Re: खेजडी या शमी वृक्ष का धार्मिक महत्त्व
अतिसुन्दर ज्ञानवर्धक सूत्र शुरू करने के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद, यह हमारे राजस्थान का अति पुजनीय एवं महत्वपूर्ण वृक्ष हें, इस वृक्ष को कटने से बचाने के लिये बिशनोई समाज के कई व्यक्तियों ने आपने प्राण तक न्योछावर किये हें.........
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