24-10-2015, 01:02 AM | #1 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
शरद पूर्णिमा
इस तरह शरद पूनम को अन्य कारणों के साथ ज्यदा महत्वपूर्ण हो जाती है कहा जाता है की शरद पूर्णिमा की रात को खीर को चांदनी के प्रकाश में रखा जाता है उसके बाद उसका सेवन करने से कई बीमारियाँ ठीक होती हैं और इसी दिन से ( शरद पूनम से) शीत ऋतू का प्रारंभ होता है . उजियारी शरद पूनम की रात में सखी ने कान्हा से मुलाकात कर ली साहिल से टकराते दरिया की लहरों ने बात कर ली मानो जीवन की रवानी ने जिंदगी से मुलाकात कर ली सूरज के उजालों से दिन ने रौशनी से मुलाकात कर ली सावन की झड़ी ने पुरवैया से प्रीत कर ली प्यार की बहती ठंडी फुहार ने मन में खुशियाँ भर दी झूमे सारा जहाँ अब तो खुशियों की कलियाँ खिल गई उजियारी शरद पूनम की रात में सखी ने कान्हा से मुलाकात कर ली मिले सजन अब तो बहारों की बहारें मिल गई नैना बाट जोहे जिनकी हरपल अब तो वो प्यार की बरसात मिल गई हरपल मन करे सखी का , देखूं तस्वीर उनकी देख तस्वीर उसके मन की उमंगें मचल गई उजियारी शरद पूनम की रात में सखी ने कान्हा से मुलाकात कर ली देख उनका सुन्दर मुखड़ा सखी के मन की बगिया ही खिल गई प्यार तो बस प्यार है प्यार के रूप आज कान्हा की संगत मिल गई आया उनका पैगाम भी और गोपी तो मानो पागल सी हो गई हो गई गोपी बावरी सखी री आज तो अपने कान्हा से नजरें मिल गई उजियारी शरद पूनम की रात में सखी ने कान्हा से मुलाकात कर ली |
24-10-2015, 08:26 AM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा के आगमन के साथ ही बदलता मौसम भी दस्तक देने लगता है. इस अवसर पर आपकी कविता का अभिनन्दन है. शरद पूर्णिमा तथा महारास का आनंद अलौकिक दृश्य उपस्थित करता है.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन. हो गई गोपी बावरी सखी री आज तो अपने कान्हा से नजरें मिल गई उजियारी शरद पूनम की रात में सखी ने कान्हा से मुलाकात कर ली
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
24-10-2015, 12:08 PM | #3 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
Re: शरद पूर्णिमा
[QUOTE=rajnish manga;555874][size=3]शरद पूर्णिमा के आगमन के साथ ही बदलता मौसम भी दस्तक देने लगता है. इस अवसर पर आपकी कविता का अभिनन्दन है. शरद पूर्णिमा तथा महारास का आनंद अलौकिक दृश्य उपस्थित करता है.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन. बहुत बहुत धन्यवाद भाई,.. हमारे देश में हरेक त्यौहार का अपना महत्त्व है और इनके पीछे पौराणिक कथाएं भी हैं जो आज भी हमारी सभ्यता और संस्कृति को संजोये हुए है और गोपी तथा कान्हा के अनुपम प्रेम की तो कोई बिसात ही नहीं न ? इसलिए बस कुछ पंक्तियाँ लिखते चली गई Last edited by soni pushpa; 26-10-2015 at 10:25 PM. |
Bookmarks |
|
|