14-10-2013, 06:38 PM | #1 |
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बवासीर रोग की सरल चिकित्सा
बवासीर दो प्रकार की होती है- 1. खूनी बवासीर :- अंदर की बवासीर से खून निकलता है इसलिए इसे खूनी बवासीर कहते हैं। 2. बादी-बवासीर :- बाहर की बवासीर में दर्द तो होता है लेकिन उनसे खून नहीं निकलता है इसलिए इसे बादी-बवासीर कहते हैं। बवासीर रोग होने के कारण :- मलत्याग करते समय में अधिक जोर लगाकर मलत्याग करना। बार-बार जुलाव का सेवन करना। बार-बार दस्त लाने वाली दवाईयों का सेवन करना। उत्तेजक पदार्थों का अधिक सेवन करना। अधिक मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना। अधिक कब्ज की समस्या होना। वंशानुगत रोग या यकृत रोग होना। शारीरिक कार्य बिल्कुल न करना। शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना। पेचिश रोग कई बार होना। निम्नस्तरीय चिकनाई रहित खुराक लेना। घुड़सवारी करना। गर्भावस्था के समय में अधिक कष्ट होना तथा इस समय में कमर पर अधिक कपड़ें का दबाव रखना। रात के समय में अधिक जागना। मूत्र त्याग करने के लिए अधिक जोर लगना। मस्से के लिये कई घरेलू ईलाज हैं,लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और आधार भूत बात यह है कि रोगी को २४ घंटे में ४ से ६ लिटर पानी पीने की आदत डालनी चाहिये। ज्यादा पानी पीने से शरीर से विजातीय पदार्थ बाहर निकलते रहेंगे और रोगी को कब्ज नहीं रहेगी जो इस रोग का मूल कारण है। हरी पत्तेदार सब्जियां,फ़ल और ज्यादा रेशे वाले पदार्थों का सेवन करना जरुरी है। बवासीर रोग में निम्न घरेलू नुस्खे परम हितकारी हैं:- १.) कलमी शोरा और रसोंत बराबर मात्रा में लेकर मूली के रस में पीस लें,यह पेस्ट बवासिर के मस्सो पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है। २) जमींकंद को भोभर मे भून लें और दही के साथ खाएं। ३) बिदारीकंद और पीपल समान भाग लेकर चूर्ण बनालें। ३ ग्राम चूर्ण बकरी के दूध के साथ पियें। ४) .कडवी तोरई की जड को पीसकर यह पेस्ट मस्से पर लगाने से लाभ होता है। ५) करंज,हरसिंगार.बबूल,जामुन,बकायन,ईमली इन छ: की बीजों की गिरी और काली मिर्च इन सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर कूट पीसकर मटर दाने के बराबर गोलियां बनालें। २ गोली दिन में दो बार छाछ के साथ लेने से बवासिर में अचूक लाभ होता है। ६) आक के पत्ते और तम्बाखू के पत्ते गीले कपडे मे लपेटकर गरम राख में रखकर सेक लें। फ़िर इन पत्तों को निचोडने से जो रस निकले उसे मस्सों पर लगाने से मस्से समाप्त होते हैं। ७) कनेर के पत्ते,नीम के पत्ते ,सहजन के पत्ते और आक के पत्ते पीसकर मस्सों पर लगावें जरूर फ़ायदा होगा। ८ ) चिरायता,सोंठ,दारूहल्दी,नागकेशर,लाल चन्दन,खिरेंटी इन सबको समान मात्रा मे लेकर चूर्ण बनालें। ५ ग्राम चूर्ण दही के साथ लेने से पाईल्स ठीक होंगे। ९) एलोवेरा( ग्वार पाठा) का गूदा मस्सों पर लगाने से सूजन दूर होती है। १०) विटामिन सी (एस्कोर्बिक एसीड) खून की नलिकाओं को स्वस्थ बनाती है। ५०० एम जी की २ गोली रोज खाना उपकारी है। 11) पके केले को बीच से चीरकर दो टुकडे कर लें और उसपर कत्था पीसकर छिडक दें,इसके बाद उस केले को खुली जगह पर शाम को रख दें,सुबह शौच से निवृत्त होने के बाद उस केले को खालें, केवल १५ दिन तक यह उपचार करने से भयंकर से भयंकर बवासीर समाप्त हो जाती है। १२) हारसिंगार के फ़ूल तीन ग्राम काली मिर्च एक ग्राम और पीपल एक ग्राम सभी को पीसकर उसका चूर्ण तीस ग्राम शकर की चासनी में मिला लें,रात को सोते समय पांच छ: दिन तक इसे खायें। इस उपचार से खूनी बवासीर में आशातीत लाभ होता है। कब्ज करने वाले भोजन पदार्थ वर्जित हैं। १३) दही और मट्ठे के नियमित उपयोग से बवासीर में हितकारी प्रभाव होता है। 14) प्याज के छोटे छोटे टुकडे करने के बाद सुखालें,सूखे टुकडे दस ग्राम घी में तलें,बाद में एक ग्राम तिल और बीस ग्राम मिश्री मिलाकर रोजाना खाने से बवासीर का नाश होता है| १५) एक नीबू लेकर उसे काट लें,और दोनो फ़ांकों पर पांच ग्राम कत्था पीस कर छिडक दें, खुली जगह पर रात भर रहने दें,सुबह बासी मुंह दोनो फ़ांकों को चूस लें,कैसी भी खूनी बबासीर दो या तीन हफ़्तों में ठीक हो जायेगी। १६) आम की गुठली का चूर्ण शहद या पानी के साथ एक चम्मच की मात्रा में लेते रहने से खूनी बवासिर ठीक होती है। १७) सूखे आंवले का चूर्ण रात को सोते वक्त मामूली गरम जल से लें । आर्श में लाभ होगा। १८) अब मैं यहां खूनी बवासीर का एक उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं जो आश्चर्य जनक रूप से लाभकारी है और एक ही रोज में खून गिरना बंद कर देता है। नारियल की जटा को जलाकर भस्म(राख) करलें और एक शीशी में भरलें। करना ये है कि ३ ग्राम भस्म एक गिलास मट्ठे या दही के साथ उपयोग करें। उपचार खाली पेट लेना है। ऐसी खुराक दिन मे तीन बार लेना है। बस एक दिन में ही खूनी बवासीर ठीक करने का यह अनोखा उपचार है।
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14-10-2013, 06:51 PM | #2 |
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Re: बवासीर रोग की सरल चिकित्सा
आदरणीय मित्र श्री दीपू जी आपने बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय उपनिषद के ईस वाक्य को सार्थक कर दिया............
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14-10-2013, 08:51 PM | #3 |
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Re: बवासीर रोग की सरल चिकित्सा
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