12-02-2011, 04:57 AM | #1 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
हमारे देश भारत वर्ष के पूर्व राष्ट्रपति डा. ए. पी. जी. अब्दुल कलाम का सपना सन २०२० तक भारत को एक महाशक्ति के रूप में देखने का है| राजनैतिक स्तर पर कलाम की चाहत है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका का विस्तार हो और भारत ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत है। वे तकनीक को भारत के जनसाधारण तक पहुँचाने की हमेशा वक़ालत करते रहे हैं। और यही सपना समस्त भारतवासियों का है| कि एक दिन हमारा देश सभी तरह के झगड़े-फसादों, जाती-सम्प्रदाय गत विद्वेषों आदि अनेक बुराइयों को छोड़कर विश्व में अग्रणी राष्ट्र बने| लेकिन हमारे समाज में इतनी सारी बुराइयां हैं नाम लेते ही थूकने का मन करता है| अब इन सब बुराइयों का बोझ पीठ पर लादे-लादे तो देश का विकास होने से रहा| होगा भी तो दस-बारह दशक तो लग ही जायेंगे| तो माननीय सदस्यों! हम इसी विषय पर इस सूत्र में चर्चा करेंगे कि आखिर कैसे भारत एक महाशक्ति बन पायेगा? बन भी पायेगा या नहीं! बनेगा, तो कब तक बन पायेगा?
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Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| Last edited by Bond007; 12-02-2011 at 04:59 AM. |
12-02-2011, 05:13 AM | #2 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
भारत के महाशक्ति बनने की सम्भावना का आकलन अमरीका एवं चीन की तुलना से किया जा सकता है। रोजाना तरह-तरह के सर्वे और रिपोर्ट आते रहते हैं| जिनमे भारत को कभी २०४० तक, कभी २०५० तक तो कभी २०८० तक विश्व की सबसे ताकतवर महाशक्ति बनते दिखाया जाता है| अच्छा है, कम से कम वास्तविकता न सही तो फिल्म देखकर ही काम चला लेते हैं| लेकिन मेरा यह मानना है कि यह सपनीली फिल्म कभी न कभी वास्तविक रूप जरूर लेगी|
यद्यपि अमेरिका अभी भी कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमसे आगे है| लेकिन अंकल सैम के दिन अब फिरने लगे हैं| धीरे-धीरे अमेरिका का प्रभुत्व अब कम होने लगा है| अब दुनिया के देशों में अमेरिका के नाम पर इतना खोफ नहीं रहता| वहां पर नई तकनीकी के विकास की रफ़्तार अब मंद हो गई है| इसकी जगह पर अब तकनीकी क्षेत्र की सेवाएं भारत से आउटसोर्स होने लगी हैं| इस मामले में भारत का पलड़ा भारी मालूम पड़ता है| तकनिकी के मामले में चीन पीछे है| चीन मुख्यतः दूसरों के द्वारा बनाई तकनीक पर आश्रित है|
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12-02-2011, 05:19 AM | #3 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
मेरी राय में महाशक्ति बनने के लिए हमें कुछ अति महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गौर करना होगा|
जिसमें पहला है-तकनिकी| जिसके बारे में मैं ऊपर बता चूका हूं| अब दूसरे बिंदु पर आते हैं-श्रम का मूल्य| महाशक्ति बनने के लिये श्रम का मूल्य कम रहना चाहिये। तब ही देश माल का सस्ता उत्पादन कर पाता है और दूसरे देशोंं में उसका माल प्रवेश पाता है। चीन और भारत इस कसौटी पर अव्वल बैठते हैं जबकि अमरीका पिछड़ रहा है। विनिर्माण उद्योग लगभग पूर्णतया अमरीका से गायब हो चुका है। सेवा उद्योग भी भारत की ओर तेजी से रुख कर रहा है। हालांकि मुझसे ज्यादा इसके बारे में अर्थशास्त्री ज्यादा जानते होंगे|
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12-02-2011, 05:28 AM | #4 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
तीसरा बिदु है शासन में पारदर्शिता|
मैंने कहीं पर पढ़ा था कि "वह देश आगे बढ़ता है जिसके नागरिक खुले वातावरण में उद्यम से जुड़े नये उपाय क्रियान्वित करने के लिए आजाद होते हैं।" इसका मतलब शासन की कटु नज़र में शोध, व्यापार, अध्ययन, तकनीक, विचार, रचनात्मकता आदि सब कुंठित होकर रह जाती हैं| और ठीक से नहीं पनप पाती| अमेरिका में यह खुलापन उपलब्ध है| लेकिन हमारे यहां इसकी अपेक्षाकृत कमी दिखाई पड़ती है| ठीक से साधन और प्रोत्साहन उपलब्ध न होने के कारण भी आशाएं दम तोड़ देती हैं और हम विकास के एक जरूरी अध्याय से वंचित रह जाते हैं| चीन में तो नागरिकों की उर्जा पर कम्युनिष्टों का नियंत्रण है|
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12-02-2011, 05:34 AM | #5 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
चोथा बिंदु है-भ्रष्टाचार|
यदि देश की सरकार भ्रष्ट होगी तो नागरिकों की उर्जा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| देश की पूंजी गलत हाथों में पहुंचकर बर्बाद हो जाती है और देश गरीबी का शिकार हो जाता है| हमारे यहां माननीय नेतागण धन को स्विट्जरलैंड भेज देते हैं| धन के रिसाव के मामले में भारत बहुत तरक्की किये हुए है|
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12-02-2011, 05:37 AM | #6 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
पांचवा बिंदु है-असमानता|
गरीब और अमीर के अन्तर के बढ़ने से समाज में वैमनस्य पैदा होता है। गरीब की ऊर्जा अमीर के साथ मिलकर देश के निर्माण में लगने के स्थान पर अमीर के विरोध में लगती है। और समस्याएं खड़ी होकर सामने आती हैं|
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12-02-2011, 05:39 AM | #7 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
इसके अलावा कई ऐसे नकारात्मक बिंदु हैं जो हमारे विकास के लिए बहुत ही घातक हैं| अब इसी बारे में मैं सुधी सदस्यों की सोच, बिंदु और राय जाना चाहूंगा|
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12-02-2011, 05:49 AM | #8 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
तकनीकी क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं, श्रम का मूल्य न्यून है और समाज में कुछ खुलापन है। हमारी मुख्य समस्यायें भ्रटाचार और असमानता की है। तकनीकी शोध में भी हम आगे बढ़ रहे हैं जैसा कि नैनो कार के बनाने से संकेत मिलते हैं। भ्रटाचार में भी कुछ कमी के संकेत मिल रहे हैं। सूचना के अधिकार ने सरकारी मनमानी पर कुछ न कुछ लगाम अवश्य कसी है। परन्तु अभी बहुत आगे जाना है। अमीरी-गरीबी के मध्य असमानता भी अपने देश में कैन्सर की तरह पनपती जा रही है। गृह मंत्री चिदम्बरम सैन्य बल से इस पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं परन्तु यह निश्चित रूप से असफल होगा क्योंकि मूल रोग की सरकार अनदेखी कर रही है।
मूल रोग है आर्थिक नीतियां। बड़ी कम्पनियों को सरकार खुली छूट दे रही है। इनके लाभ बढ़ते जा रहे हैं जबकि गरीब कराह रहा है। गरीब पर ढाये गये इस अत्याचार पर सरकार मनरेगा द्वारा मरहम पट्टी करने का प्रयास कर रही है। परन्तु इस योजना में भी जम कर भ्रटाचार बढ़ रहा है। इस योजना में समाज की ऊर्जा निकम्मेपन एवं फर्जी कार्यों में खर्च हो रही है। इस तरह भ्रष्टाचार एवं असमानता दोनों समस्यायें आपस में जुड़ी हुयी हैं।
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12-02-2011, 05:58 AM | #9 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
ऐसा लगता है कि सरकार का इरादा इन समस्याओं को हल करने का है ही नहीं। राजनीतिक पार्टियों का मकसद सत्ता पर काबिज रहना हो गया है| कुल मिलकर तरकीब लड़ाई कि गरीब को राहत देने के नाम पर अपने समर्थकों की टोली खड़ी कर लो। जनता जाये भाड़ में!
कल्याणकारी योजनाओं को तामील में लाने के लिए भारी भरकम नौकरशाह लगाए जा रहे है। इन नोकरशाहों के लिए कमाई का एक और जरिया| सरकारी विद्यालयों एवं अस्पतालों का बेहाल सर्वविदित है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लगभग आधा माल ब्लैक हो रहा है| मनरेगा के मार्फत्* निकम्मों की टोली खड़ी की जा रही है। १०० रुपये पाने के लिये उन्हें दूसरे उत्पादक रोजगार छोड़ने पड़ रहे हैं। अत: भ्रटाचार और असमानता की समस्याओं को रोकने में हम असफल हैं। ये हमारी महाशक्ति बनने में बहुत बड़ा रोड़ा है।
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12-02-2011, 06:00 AM | #10 |
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कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
ये सच है कि भारत महाशक्ति बनने के करीब है लेकिन हम भ्रष्टाचार की वजह से इस से दूर होते जा रहे है।हमारे नेताओ को जब अपने फालतू के कामो से फुरसत मिले तब ही तो वो इस सम्बन्ध मे सोच सकते है उन लोगो को तो फ्री का पैसा मिलता रहे देश जाये भाड मे। भारत को महाशक्ति बनने मे जो रोडा है वो है नेता। युवाओ को इस के लिये इनके खिलाफ लडना पडेगा, आज देश को महाशक्ति बनाने के लिये एक महाक्रान्ति की जरुरत है, क्योकि बदलाव के लिये क्रान्ति की ही आवश्यकता होती है लेकिन इस बात का ध्यान रखना पडेगा की भारत के रशिया जैसे महाशक्तिशाली देश की तरह टुकडे न हो जाये, अपने को बचाने के लिये ये नेता कभी भी रुप बदल सकते है।
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corruption, india, politics, super power |
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