My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > India & World

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 14-12-2011, 06:41 PM   #11
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Thumbs up Re: रोचक समाचार

रहस्यमयी 'कब्रिस्तान' यहां मुर्दों को दफनाया नहीं जाता बल्कि उन्हें तो...

दक्षिण इटली के सिसली की यह पुरानी परंपरा वैसे तो रहस्यमयी नहीं है, फिर भी किसी हॉरर फिल्म की तरह लगती है। वहां पालेरमो का यह कापूचिन कैटाकॉम्ब है। इस अनोखे कब्रिस्तान में मुर्दो को दफनाया नहीं जाता था, बल्कि उनकी ममी बनाकर दीवारों पर टांग दिया जाता था। 1599 में ब्रदर सिल्वेस्ट्रो ऑफ गूबियो की ममी बनाने के साथ यह सिलसिला शुरू हुआ था।
अंधेरे रास्ते में बनी सीढ़ियों से गुजरकर आप यहां पहुंचते हैं। इसके द्वार पर लिखा है ‘यहां आने वाले, अपनी सभी उम्मीदें छोड़ दें’। अंदर सैकड़ों शरीर दीवारों पर टंगे हैं। कुछ आंखें फाड़कर ऐसे देख रहे हैं कि लगता है हमें भी अपने दल में शामिल होने की दावत दे रहे हैं। यहां पर शवों को उनके सामाजिक दर्जे और लिंग के अनुसार जगह दी गई है। सबसे पहले इसकी स्थापना करने वाले संतों को जगह दी गई है।
इसके बाद आता है पुरुषों का सेक्शन। सभी ने अपने दौर के हिसाब के कपड़े पहन रखे हैं। इसके बाद है महिलाओं का सेक्शन, जिसमें कुंवारी कन्याओं की पहचान के लिए उनके सिर पर धातु से बना बैंड लगा रहता है। यहां प्रोफेसर, डॉक्टर्स और सैनिकों के सेक्शन भी अलग हैं। 1871 में ब्रदर रिकाडरे ने यह परंपरा बंद करवा दी थी।
फिर भी 1920 में रोसालिआ लॉबाडरे नामक एक बच्ची के शव की भी यहां ममी बनाई गई। इसके लिए कौन-सा केमिकल तरीका इस्तेमाल किया गया ये कोई नहीं जानता। उसे देखकर लगता है कि वह सो रही है। कोई नहीं कह सकता कि उसकी मौत 90 साल पहले हो चुकी है। इसलिए इस ममी का नाम स्लीपिंग ब्यूटी रख दिया गया है।
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 16-12-2011, 06:21 PM   #12
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

घने जंगलों में खो गया है एक शहर, जिसमें छिपे हैं हीरे-जवाहरात

इंका सभ्यता का एक और खोया हुआ शहर है पाइतिति। कहा जाता है कि ये शहर एंडेस के पूर्व में कहीं पर था। ये दक्षिण-पूर्वी पेरू, उत्तरी बोलिविया या फिर दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील के घने जंगलों में कहीं खो गया है। पाइतिति की कहानियों का नायक एनकारी है, जिन्होंने कुएरो और कुज़को सभ्यता की स्थापना की थी। फिर बाकी जिंदगी जंगलों में गुजारने के लिए वे पाइतिति चले गए थे।
इंका सभ्यता के विस्थापित और कुइचुआन लोग बताया करते थे कि कॉनकुइस्टाडोर्स छोड़ते समय उन्होंने इस जंगल में काफी तादात में सोना, चांदी व कीमती पत्थर छिपाए थे। वे लोग इसकी संभावित जगह दक्षिणपूर्वी पेरू में बताते थे। 16वीं शताब्दी में इंका और स्पेनिश लोगों में करीब चालीस साल युद्ध चला था। अंत में स्पेनिश लोग यहां काबिज हो गए थे। 2001 में इटली के पुरातत्व शास्त्री मारियो पालिआ को रोम में कुछ दस्तावेज मिले थे। इनमें पता चलता था कि एंडेस के रेन फॉरेस्ट में सोने-चांदी का एक शहर था पाइतिति।
2001 में यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के दो खोजियों ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया। 2001-2003 के बीच बोलिविया के पुरातत्व शास्त्रियों ने यहां काफी रिसर्च की। 2009 में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पेरू के जंगलो में पुराने अवशेष तलाशे, जिन्हें देखकर लगता है पाइतिति यहां हो सकता है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 16-12-2011, 11:32 PM   #13
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

जिंदा दीवार में चुना गया, फिर भी पत्थरों पर लिखी अनोखी ‘प्रेमकथा’

वडोदरा। अगर आप ताजमहल को देखकर यह कहें कि सिर्फ शाहजहां ने ही अपने प्रेम की निशानी को जीवंत रखने के लिए कुछ किया था तो आप गलत हैं। क्योंकि ऐसी ही एक कहानी गुजरात के डभोई नामक गांव में आज भी जिंदा है।
इतिहासकारों के अनुसार यहां रहने वाले हीरा नामक एक प्रख्यात शिल्पकार ने टैन नामक अपनी प्रेमिका को यह अमूल्य उपहार (इमारत) देने के लिए यहां के राजा तक से दुश्मनी मोल ले ली थी। डभोई वडोदरा से 50 किमी और नर्मदा डेम से 64 किमी की दूरी पर स्थित एक गांव है। अगर आपने भी अपने जीवन में किसी से प्रेम किया है तो आपको इस महल की दीवारों, अदभुत कलाकृतियों को निहारने के बाद आपको सच्चे प्रेम की अनुभूति होगी।


डभोई में रहने वाला हीरा इतना प्रसिद्ध शिल्पकार था कि उसका नाम दूर-दूर तक फैला हुआ था। उसने कई जानी-मानी शिल्पकृतियों की रचना की। एक कार हीरा की प्रेमिका टैन ने उससे कहा.. तुम पूरे राज्य के लिए एक से एक कलाकृतियां बनाते हो लेकिन मेरे लिए तुमने अभी तक कुछ भी नहीं बनाया। टैन की यह बात सुन हीरा ने उसे एक अमूल्य उपहार देने का मन बना लिया। उसने पत्थर एकत्रित कर डभोई में बिना राजा से अनुमति लिए एक इमारत बनाने का काम शुरू कर दिया।
इसके साथ ही उसने यहां एक तालाब का भी निर्माण करवाया और इसका नाम भी टैन रखा। राजा को जब यह बात पता चली कि हीरा ने बिना अनुमति लिए ही राज्य के पत्थरों का उपयोग किया तो पत्थरों की चोरी के आरोप में उसे जिंदा चुनवाने का आदेश दे दिया। राजा के आदेश के बाद इसी इमारत की दीवारों में हीरा को जिंदा चुनवा दिया गया। लेकिन हीरा की प्रेमिका टैन और कुछ मित्रों ने एक तरफ दीवार में छेद करके हीरा को खाने-पीने का सामान देना जारी रखा, जिससे हीरा कई दिनों तक जीवित रहा।
हीरा ने इस इमारत में जो दरवाजा बनाया था वह लगभग पूरा होने की कगार पर ही था। इसलिए राजा अब इस दरवाजे को तैयार करवाना चाहते थे। लेकिन अब मुश्किल यह थी कि दरवाजे पर बनी अदभुत शिल्पकला सिर्फ हीरा ही जानता था। किसी और से बनवाई गई कलाकृतियां दरवाजे की पूरी सुंदरता को बिगाड़ देते। इसलिए राजा ने हीरा को आजाद करने का निर्णय ले लिया और उससे वादा किया कि वह शिल्पकृतियों का सारा काम पूर्ण कर दे, उसकी सजा माफ की जाती है।
राजा के इस निर्णय से खुश होकर हीरा ने सिर्फ दरवाजे का काम ही पूर्ण नहीं किया बल्कि उसने इसके साथ कई और अदभुत कलाकृतियों का निर्माण किया। ऐसी कलाकृतियां, जिसे देखकर ही लोग दांतो तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाते हैं।
12वीं शताब्दी में पत्थरों से बनी, स्वस्तिक आकार के चार प्रवेशद्वार, पूर्व में हीरा द्वार तो पश्चिम में वडोदरी, उत्तर में महूडी द्वार तो दक्षिण में नंदौरी द्वारों के साथ बनी यह भव्य इमारत गुजरात की सांस्कृतिक नगरी वडोदरा जिले के डभोई गांव में एक अनोखी प्रेम कहानी का इतिहास आज भी जीवंत रखे हुए है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 16-12-2011, 11:39 PM   #14
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

रहस्यमयी तालाब की करामात, डुबकी लगाते ही होता है चमत्कार!

मुरादाबाद। सम्भल के असमोली में एक ऐसा तालाब है जिसको रहस्यमयी माना जाता है। यहां के लोगों की मान्यता है कि इस तालाब में जो भी नहा ले उसके बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं। इसलिए इस चमत्कारी तालाब में नहाने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं। यहां साल में दो बार बूढ़े बाबा का मेला लगता है। बूढ़े बाबा के मेले दूर-दूर से श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं।
इसी दौरान रोगी खासकर जिन्हे चर्म रोग हुआ होता है, इस तालाब में स्नान करते हैं। मान्यता है कि यहां के तालाब में स्नान के बाद चर्म रोग दूर हो जाते हैं। मेले आए प्रत्यक्षदर्शी रामप्रताप के मुताबिक, उनके भतीजे को पिछले 5 साल से चर्मरोग था।
उन्होंने इसका इलाज कई जगह कराया, लेकिन रोग ठीक नहीं हो सका। उनको किसी ने इस तालाब के बारे में बताया। उन्होंने भतीजे को इस तालाब में स्नान कराया। इसके कुछ दिन बाद ही चर्मरोग ठीक हो गया।
21वीं सदी में इस तरह के चमत्कारों को अंधविश्वास माना जाता है, लेकिन लोगों की आस्था और फायदे ने विज्ञान के तर्क को झुठला दिया है। एक स्थानीय शिक्षक के मुताबिक, तालाब से कुछ इस तरह के रसायन निकलते हैं, जो इन बिमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए चर्मरोग आदि ठीक हो जाते हैं।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 20-12-2011, 06:51 PM   #15
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

अवैध संबंध-बेरहम कत्ल ने इसे बना दिया दुनिया का सबसे खतरनाक होटल

लुसिआना के सेंट फ्रांसिसविले से तीन मील दूर बना मरटल्स प्लांटेशन अमेरिका का सबसे डरावना घर है। इस पुरानी हवेली को लेकर भूत-प्रेतों के कई किस्से मशहूर हैं। 1794 में जनरल डेविड ब्रेडफोर्ड ने इसका निर्माण करवाया था। इस जमीन पर दस लोगों का बेरहमी से कत्ल भी हो चुका है। 1799 में वे अपनी पत्नी एलिजाबेथ और पांच बच्चों को भी यहां ले आए। 1817 में उनकी बेटी सारा ने उनके स्टूडेंट क्लार्क वुडरफ से शादी की और दोनों यहां रहने लगे।
क्लार्क और सारा खुशहाल जिंदगी जी रहे थे, उनकी तीन बेटियां हुईं। फिर क्लार्क का क्लोए नामक गुलाम महिला से संबंध बन गए। बाद में क्लार्क का उससे दिल भर गया और वह दूसरी नौकरानी तलाशने लगा। क्लोए को लगा अब उसे खेतों में कठिन कार्य करने भेज दिया जाएगा। उसने फिर से क्लार्क का दिल जीतने की कोशिश की, लेकिन एक दिन क्लार्क ने नाराज होकर उसके कान काट दिए। इसके बाद वह हरे रंग का स्कार्फ बांधने लगी थी।
उसने क्लार्क की बेटी के जन्मदिन पर केक में थोड़ा-सा जहर मिलाने की योजना बनाई, जिससे उनकी पत्नी और बच्चे बीमार हो जाएं और उसे घर में काम करने का मौका मिल जाए। फिर भी गलती से जहर ज्यादा मिल गया और क्लार्क की पत्नी सारा और दो बेटियों की कुछ ही देर में मौत हो गई। 1834 में क्लार्क ने यह प्लांटेशन और अपने गुलाम रफिन ग्रे स्टिरलिंग को बेच दिया। इसके बाद ये कई हाथों में बिका और कई हादसे यहां हुए। अंत में 1891 में इसे हैरिसन मिलटन विलियम्स ने खरीदा।
लोगों ने कई बार हरा स्कार्फ बांधे हुए क्लोए के भूत को यहां भटकते देखा। वह यहां महिलाओं के कान की बालियां चुरा लेती है। वर्तमान मालिक जॉन और टीटा मॉस ने इसे होटल बना दिया है। टीटा ने क्लोए की धुंधली तस्वीरें खींची हैं। कुछ लोग क्लार्क की बेटियों के भूत देखने का दावा भी करते हैं। कभी ये वहां खेलती-दौड़ती नजर आती हैं और कभी बच्चों के रोने की आवाजें आती हैं।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 21-12-2011, 05:28 PM   #16
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

एक बिल्डिंग में रहती है 166 सदस्यों की फैमिली
मानो या न मानो, पर यह है सच। एक ही परिवार के 166 सदस्य एक ही इमारत में रहते हैं। इतने सदस्य जहां हों, वह तो एक छोटा-मोटा मोहल्ला ही हो जाता है। इसी खासियत के कारण इस एक परिवार को रिप्ली ने 'बिलीव इट ऑर नॉट' में शामिल कर लिया है।
इसकी 2011 की 11 अजीबोगरीब कहानियों में 39 पत्नियों, 94 बच्चों और 33 पोते-पोतियों वाले इंडियन की कहानी नंबर एक पर है। प्रोग्राम ने इस साल की 11 सबसे अजीबोगरीब कहानियां जारी की हैं। इनमें 'द टेलिग्राफ' के मुताबिक, भारतीय जिओना चाना की कहानी अव्वल है, जो म्यांमार-बांग्लादेश सीमा से लगे मिजोरम के पर्वतीय गांव में चार मंजिल की बिल्डिंग में रहते हैं। उनकी पूरी फैमिली एकसाथ इस बिल्डिंग में रहती है। इस इमारत में 100 कमरे हैं। रिप्ली के 'बिलीव इट आर नॉट' की ओर से दिए गए एक बयान के अनुसार, 66 साल के भारतीय बुजुर्ग की 39 वाइफ, 94 बच्चे और 33 पोते-पोतियां हैं। चाना की 6-7 पत्नियां उनके बेडरूम के पास बनी डोरमेट्री में रहती हैं। चाना का कहना है कि वह अपनी फैमिली को और बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें नई पत्नी की ख्वाहिश है। वह मिजोरम के स्थानीय ईसाई 'चाना' संप्रदाय के प्रमुख हैं। इस संप्रदाय के नियमों के तहत वे जितनी चाहें, उतनी शादियां कर सकते हैं।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 21-12-2011, 05:31 PM   #17
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

<b>
बिल्ली के मल से बनती है सबसे महंगी कॉफी
सुबह उठने के लिए कॉफी के इस कप को पीने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसकी कीमत ही आपकी सुहानी नींद को तोड़ने के लिए काफी है। ब्रिटेन में इस कॉफी के कप की कीमत करीब 5800 रुपए है। लंदन में मिलने वाला यह कॉफी कप दुनिया का सबसे महंगा कॉफी कप है। इस कॉफी की कीमत ही नहीं, बल्कि इसको बनाने का प्रोसेस भी एकदम चौंका देने वाला है। वर्ल्ड की सबसे महंगी इस कॉफी को बिल्ली के मल से बनाया जाता है।
कॉफी बनाने का यह प्रोसेस इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप का है। वहां पर जानवरों के मल से कॉफी बनाई जाती है। वहां बिल्ली की तरह ही एक जानवर है, जो सिर्फ पके हुए कॉफी बीन्स ही खाता है, लेकिन वह उसके हार्ड सेंटर को पचा नहीं पाता है। बिल्ली का मल और गैस्ट्रिक जूस की बदौलत ही इस कॉफी का टेस्ट इतना बढ़िया होता है।

</b>
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 23-12-2011, 07:30 PM   #18
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

'मौत के शहर' में लोग कब्रिस्तान में बैठकर करते थे अपनी मौत का इंतज़ार

इस गांव के बारे में पढ़ते ही कबीर दास का गीत ‘साधौ ये मुर्दो का गांव’ याद आ जाता है। रूस के उत्तरी ओसेटिया में पांच पहाड़ी घाटियों में घिरी ये जगह है ‘डरगव्स’ जिसे ‘सिटी ऑफ डेड’ भी कहा जाता है। इस रहस्यमयी जगह के बारे में स्थानीय लोगों में कई किस्से और धारणाएं मशहूर हैं।
कहते हैं कि यहां से कोई भी जिंदा नहीं लौटता है। इस कारण यहां पर्यटक भी नहीं आते हैं। डरगव्स पहुंचने का रास्ता भी आसान नहीं है। तेज हवाएं, बादल और कोहरे वाला मौसम भी किसी तरह की मदद नहीं करता।
यहां पहुंचने पर पहाड़ों पर बने छोटे-छोटे घर नजर आते हैं। ये घर दरअसल कब्रें हैं। स्थानीय लोग अपने प्रियजन को यहां दफनाते हैं। यहां पर 16वीं सदी तक की पुरानी कब्रें देखी जा सकती हैं। पुरातत्वशास्त्रियों ने यहां रिसर्च की तो पता चला कि पुरानी कब्रों में लोगों को लकड़ी की नाव जैसे स्ट्रक्चर में दफनाया गया है।
सवाल ये उठता है कि यहां नदी का नामोनिशान नहीं है, वहां नाव का क्या काम था? कहा जाता है कि आदमी की आत्मा इस नाव से स्वर्ग तक का सफर तय करती है। इन घरों के सामने एक कुआं भी खोदा जाता है। परिवार वाले कुएं में सिक्का फेंकते हैं, सिक्का अगर तल में जाकर पत्थर से टकराता है तो समझा जाता है व्यक्ति की आत्म स्वर्ग पहुंच गई।
इलाके की सीमा के बाहर जो कब्रें बनी हैं वे अपराधियों की हैं। बताया जाता है कि जब प्लेग फैला था, तब जिनका कोई नहीं होता था वे अपने परिवार के कब्रिस्तान में बैठकर अपनी मौत का इंतजार करते थे।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 23-12-2011, 07:34 PM   #19
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

aspundir is offline   Reply With Quote
Old 23-12-2011, 07:35 PM   #20
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

aspundir is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 03:24 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.