09-01-2013, 06:09 PM | #11 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
नहीं मालूम कैसे बीज पिछले जन्म में बोये अधूरा रह गया अपना हमेशा प्यार का किस्सा तन्हा बैठ कर हमने खुद अपने अश्क हैं धोये .
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
09-01-2013, 06:10 PM | #12 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
छोड़ अब चिन्ता फिकर,और काम धन्धा छोड़ दे
दोस्त बन और रात दिन चैटिंग से नाता जोड़ ले पढ़ भी लोगे तो भला तुम कौन से बिड़ला बनोगे फ्रैण्ड रिक्वेस्ट भेज कर जीवन-डगर को मोड़ ले
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09-01-2013, 06:11 PM | #13 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
आजकल की नारियां, जैसे बड़ी बीमारियां
रूप के जलवे चकाचक, नाभि तलक हैं बालियां फेसबुक, आर्कुट और ट्विटर से चिपकी रहें देश, धर्म, समाज है इनके लिए दुश्वारियां मौज मस्ती रात दिन, मां-बाप की काहे सुनें जो कुंवर समझाइए, मारे पलट फुफकारियां जो बची इन रोग से, उनको नमन स्वीकार हो हे प्रभु इन बेटियों की तुम करो निगरानियां
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09-01-2013, 06:13 PM | #14 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
चाहतों को कोई आशियां न मिला
मदीने में भी गये, खुदा न मिला ढूँढ़ते हम रह गये सारे जहान में एक भी सुकून का दुकाँ न मिला
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09-01-2013, 06:13 PM | #15 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
हैं चकित सारे सितारे, हो गया कवि बावला है
आसमाँ पर इन्कलाबों की फ़सल बोने चला है ऐ खुदा सूरज़ छुपा ले अपने दामन के तले , आँख पर उसकी चमकने आज़ एक दीपक ज़ला है।"
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09-01-2013, 06:14 PM | #16 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
थी बड़ी ही देर चुप्पी, अब ज़रा आवाज़ हो
अँधेरों के इस शहर में सुबह का आगाज़ हो कौन कहता है हवा पर पाँव रख सकते नहीं आसमाँ छूने का ये शायद कोई अंदाज़ हो।
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09-01-2013, 06:15 PM | #17 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
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09-01-2013, 06:19 PM | #18 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
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09-01-2013, 07:36 PM | #19 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
दामन छुडा के आप को जाना ही था अगर
नज़रें उठा के प्यार से देखा था क्यों मुझे !!
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
09-01-2013, 08:05 PM | #20 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
पंख लगाकर मेरे ख़्वाबों को , ले जाओ कहीं दूर
नालायक रात में आते हैं और सोने भी नहीं देते
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