21-09-2014, 01:35 PM | #41 | |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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21-09-2014, 10:38 PM | #42 | |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
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आपका हार्दिक आभार.........
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21-09-2014, 11:17 PM | #43 | |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
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आपका हार्दिक आभार.........
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21-09-2014, 11:25 PM | #44 |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " ऐसे करें नवरात्रि पूजन :---- नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ भगवती के एक स्वरुप श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह क्रम आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को प्रातकाल शुरू होता है। प्रतिदिन जल्दी स्नान करके माँ भगवती का ध्यान तथा पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम कलश स्थापना की जाती है। कलश / घट स्थापना विधि :---- घटस्थापना मुहूर्त = 06:14:32 से 07:54:39 तक (सुबह) अवधि = 1 घंटा 40 मिनट :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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21-09-2014, 11:33 PM | #45 |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " पूजन सामग्री:--- जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र, जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी, पात्र में बोने के लिए जौ, घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश, कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल, मोली, इत्र, साबुत सुपारी, कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के, अशोक या आम के 5 पत्ते, कलश ढकने के लिए ढक्कन, ढक्कन में रखने के लिए अक्षत (अखंड चावल), पानी वाला नारियल, नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा, फूल माला, नैवेध्य, ऋतू फल, :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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21-09-2014, 11:35 PM | #46 |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " पूजन विधि :--- सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मोली बाँध दें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी डालें। कलश में थोडा सा इत्र दाल दें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मोली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। अब कलश को उठाकर जौ के पात्र में बीचो बीच रख दें। अब कलश में सभी देवी देवताओं का आवाहन करें। "हे सभी देवी देवता और माँ दुर्गा आप सभी नौ दिनों के लिए इस में पधारें।" अब दीपक जलाकर कलश का पूजन करें। धूपबत्ती कलश को दिखाएं। कलश को माला अर्पित करें। कलश को फल मिठाई अर्पित करें :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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21-09-2014, 11:39 PM | #47 |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " पूजन विधि :--- कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है : नवरात्री के प्रथम दिन एक लकड़ी की चौकी की स्थापना करनी चाहिए। इसको गंगाजल से पवित्र करके इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए। इसको कलश के दायीं और रखना चाहिए। उसके बाद माँ भगवती की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा का फ्रेम किया हुआ फोटो स्थापित करना चाहिए। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ानी चाहिए। माँ दुर्गा से प्रार्थना करें "हे माँ दुर्गा आप नौ दिन के लिए इस चौकी में विराजिये।" उसके बाद सबसे पहले माँ को दीपक दिखाइए। उसके बाद धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें। नवरात्रि में नौ दिन मां भगवती का व्रत रखने का तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। हर एक मनोकामना पूरी हो जाती है। सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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21-09-2014, 11:42 PM | #48 |
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " पूजन विधि :--- नवरात्री के प्रथम दिन ही अखंड ज्योत जलाई जाती है जो नौ दिन तक जलती रहती है। दीपक के नीचे "चावल" रखने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा "सप्तधान्य" रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है माता की पूजा "लाल रंग के कम्बल" के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना गया है नवरात्रि के प्रतिदिन माता रानी को फूलों का हार चढ़ाना चाहिए। प्रतिदिन घी का दीपक (माता के पूजन हेतु सोने, चाँदी, कांसे के दीपक का उपयोग उत्तम होता है) जलाकर माँ भगवती को मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मा भगवती को इत्र/इत्तर विशेष प्रिय है। नवरात्री के प्रतिदिन कंडे की धूनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कपूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" शारदीय नवरात्रि 25 सितम्बर 2014 से 3 अक्टूबर 2014 तक ? " पूजन विधि :--- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नवरात्र मैं पान मैं गुलाब की 7 पंखुरियां रखें तथा मां भगवती को अर्पित कर दें : मां दुर्गा को प्रतिदिन विशेष भोग लगाया जाता है। किस दिन किस चीज़ का भोग लगाना है ये हम विस्तार में आगे बताएँगे। प्रतिदिन कुछ मन्त्रों का पाठ भी करना चाहिए जैसे--- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते ।। ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी ।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः :......... इस स्रोत का लिंक:.........
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Re: नवरात्रि पर्व.......................
" प्रथम शैलपुत्रीं "
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