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03-10-2011, 08:24 PM | #1 |
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नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
हम सुबह से शाम रात तक, हर पल हर जगह नियम से बंधे रहते है। सड़क पर चलो तो ट्रेफिक रूल, बैंक में प्रवेश करो तो वह भी लाईन में खड़े रहो, आपनि बारी आने पर फिर नियम और कानून का पचड़ा - सिग्नेचर नहीं मिल रहा है, एमाउंट ठीक से नहीं भरा है, फलां काउंटर पर जाईए, वहा भी लंबी लाईन। किसी दफ्तर में जाईए, वहा भी एक पर एक नियम और कानून।
अरे भाई..... कोई बताएगा, ये नियम और कानून होते किस लिए है? |
04-10-2011, 12:19 PM | #2 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
जीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।
ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है। “एजलेस बाडी, टाइमलेस माइंड” और “क्वांटम हीलिंग” जैसी 26 लोकप्रिय पुस्तकों के लेखक डा.चोपड़ा के अनुसार सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति में विशुद्ध सामर्थ्य, दान, कर्म, अल्प प्रयास, उद्देश्य और इच्छा, अनासक्ति और धर्म का होना आवश्यक है। |
04-10-2011, 12:20 PM | #3 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
पहला नियम:
विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए। इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए और हर जैविक वस्तु की बौद्धिक शक्ति का चुपचाप अवलोकन करना चाहिए। शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें । विशुद्ध सामर्थ्य को पाने की एक अन्य विधि अनिर्णय का अभ्यास करना है। सही और गलत, अच्छे और बुरे के अनुसार वस्तुओं का निरंतर मूल्यांकन है –“निर्णय’ । व्यक्ति जब लगातार मूल्यांकन, वर्गीकरण और विश्लेषण में लगा रहता है, तो उसके अन्तर्मन में द्वंद्व उत्पन्न होने लगता है जो विशुद्ध सामर्थ्य और व्यक्ति के बीच ऊर्जा के प्रवाह को रोकने का काम करता है। चूंकि अनिर्णय की स्थिति दिमाग को शांति प्रदान करती है. इसलिए व्यक्ति को अनिर्णय का अभ्यास करना चाहिए। अपने दिन की शुरुआत इस वक्तव्य से करनी चाहिए- “आज जो कुछ भी घटेगा, उसके बारे में मैं कोई निर्णय नहीं लूंगा और पूरे दिन निर्णय न लेने का ध्यान रखूंगा।” |
04-10-2011, 12:22 PM | #4 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
दूसरा नियम:
सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । व्यक्ति जो पाना चाहता है, उसे दूसरों को देने की तत्परता से संपूर्ण विश्व में जीवन का संचार करता रहता है। देने के नियम का अभ्यास बहुत ही आसान है। यदि व्यक्ति खुश रहना चाहता है तो दूसरों को खुश रखे और यदि प्रेम पाना चाहता है तो दूसरों के प्रति प्रेम की भावना रखे। यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए। |
04-10-2011, 12:23 PM | #5 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
तीसरा नियम:
सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं। कर्म, कारण और प्रभाव के नियम पर इन बातों पर ध्यान देकर आसानी से अमल किया जा सकता है... आज से मैं हर चुनाव का साक्षी रहूंगा और इन चुनावों के प्रति पूर्णतः साक्षीत्व को अपनी चेतन जागरूकता तक ले जाऊंगा। जब भी मैं चुनाव करूंगा तो स्वयं से दो प्रश्न पूछूंगा.. जो चुनाव मैं करने जा रहा हूं. उसके नतीजे क्या होंगे और क्या यह चुनाव मेरे और इससे प्रभावित होने वाले लोगों के लिए लाभदायक और इच्छा की पूर्ति करने वाला होगा। यदि चुनाव की अनुभूति सुखद है तो मैं यथाशीघ्र वह काम करूंगा लेकिन यदि अनुभूति दुखद होगी तो मैं रुककर अंतर्मन में अपने कर्म के परिणामों पर एक नजर डालूंगा। इस प्रकार मैं अपने तथा मेरे आसपास के जो लोग हैं. उनके लिए सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकूंगा। |
04-10-2011, 12:24 PM | #6 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
चौथा नियम:
सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। यही अल्प प्रयास यानी विरोध रहित प्रयास का नियम है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं और पक्षी उडने की कोशिश किए बिना स्वयं ही उडते हैं। यह उनकी स्वाभाविक प्रकृति है। इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है। मनुष्य के भीतर कहीं हल्का सा विचार छिपा रहता है जो बिना किसी प्रयास के मूर्त रूप ले लेता है। इसी को सामान्यतः चमत्कार कहते हैं लेकिन वास्तव में यह अल्प प्रयास का नियम है। अल्प प्रयास के नियम का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए इन बातों पर ध्यान देना होगा..- मैं स्वीकृति का अभ्यास करूंगा। आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। मैं यह जान लूंगा कि यह क्षण जैसा है, वैसा ही होना था क्योंकि सम्पूर्ण ब्रह्मांड ऐसा ही है । मैं इस क्षण का विरोध करके पूरे ब्रह्मांड से संघर्ष नहीं करूंगा, मेरी स्वीकृति पूर्ण होगी। मैं उन स्थितियों का, जिन्हें मैं समस्या समझ रहा था, उनका उत्तरदायित्व स्वयं पर लूंगा। किसी दूसरे को अपनी स्थिति के लिए दोषी नहीं ठहराऊंगा। मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..मेरी आज की जागृति आगे चलकर रक्षाहीनता में बदल जाएगी। मुझे अपने विचारों का पक्ष लेने की कोई जरूरत नहीं पडेगी। अपने विचारों को दूसरों पर थोपने की जरूरत भी महसूस नहीं होगी । मैं सभी विचारों के लिए अपने आपको स्वतंत्र रखूंगा ताकि एक विचार से बंधा नहीं रहूं। .. |
04-10-2011, 03:14 PM | #7 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
नियमों का पालन करना जीवन में अति अनिवार्य हे ! बहुत अच्छा वर्णन किया हे अपने अरविन्द जी !
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07-10-2011, 03:14 PM | #8 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
आपलोगो के विचारो का स्वागत है। कृपया अपने बहुमल्य विचार अवश्य दे।
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04-10-2011, 04:21 PM | #9 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
bahut hi accha arvind ji...............
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
07-10-2011, 09:40 PM | #10 |
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Re: नियम कितना महत्वपूर्ण है आपके जीवन में?
जीवन जीने के लिए नियम तो बेहद जरूरी है
पर इन्हें निभाना बेहद मुश्किल होता है जिसने अपने दैनिक जीवन में इन्हें ढाल लिया समझिये उसका जीवन सफल हो गया
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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