17-10-2012, 10:44 PM | #1091 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने अपने नए अध्ययन में पता लगाया है कि भूख कम करने वाला हार्मोन चूहों के जीवन काल को बढा देता है। मॉलेक्युलर बायोलॉजी और फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर स्टिवेन क्लिवर का कहना है, ‘भोजन पर एक सीमा तक प्रतिबंध लगाने से जीवनकाल में वृद्धि होती है इसकी पुष्टि कई प्राणियों पर हो चुकी है । हमारे अध्ययन में, हमने पाया कि जिन ट्रांसजेनिक चूहों में एफजीएफ21 हार्मोन का निर्माण ज्यादा होता है उन्हें भोजन पर नियंत्रण किए बगैर ही डायटिंग के लाभ प्राप्त होते हैं ।’ उन्होंने कहा, ‘चूहों में इस हार्मोन का निर्माण ज्यादा होने पर उनके जीवन काल में 30 प्रतिशत और चूहियों के जीवन काल में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।’ अनुसंधान में औसत जीवन काल उस समय को माना गया है जब समूह के कम से कम आधे सदस्य जीवीत थे । अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, सामान्य चूहों में से कोई भी तीन वर्ष की उम्र तक जीवित नहीं रहा । अध्ययन के दौरान जिन चूहियों में एफजीएफ21 हार्मोन का बहुत ज्यादा निर्माण हुआ वह चार वर्ष की उम्र तक जीवित हैं। इस अध्ययन के परिणाम ‘ई-लाइफ’ में प्रकाशित हुए हैं।
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17-10-2012, 10:45 PM | #1092 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
जीपीएस वाले जूतों की मदद से रखें अल्जाइमर्स के मरीजों पर नजर
लंदन। वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर्स के मरीजों पर नजर रखने के लिए जीपीएस लगे हुए जूते डिजाइन किए हैं। इन जूतों में लगे विशेष उपकरणों की मदद से मरीज के रिश्तेदार और मित्र दूर से भी उनपर नजर रख सकते हैं और इससे मरीजों को भी थोड़ी ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी। ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, ब्रिटेन में ऐसे जूते 250 पाउंड में बिक रहे हैं । इन जूतों में भी कारों में लगने वाले छोटे जीपीएस की तरह के उपकरण लगे हैं। इसकी मदद से इसे पहनने वाले की स्थिति का सही-सही पता लगाया जा सकता है। रिश्तेदार इस जीपीएस प्रणाली के लिए एक खास इलाका भी तय कर सकते हैं । ऐसे में अगर मरीज उस तय क्षेत्र से बाहर जाएगा तो रिश्तेदारों को ईमेल या फिर एसएमएस के माध्यम से तुरंत अलर्ट मिल जाएगा। इस जूते का लोकेशन खोजने के लिए लोगों को अपने स्मार्ट फोन या कंप्यूटर पर एक एप्प डाउनलोड करना होगा । सामान्य जूतों की तरह ही दिखने वाले इस जूते की हील में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाया गया है । इस उपकरण को देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है। हील में लगे इस उपकरण में एक बैटरी, एक सिम कार्ड (जो लोकेशन जानने में मदद करता है) और एक आईसी लगी हुई है जो उपकरण को काम करने में मदद करती है। जूते की हील के पिछले हिस्से में एंटिना और यूएसबी पोर्ट है जिसकी मदद से उसे चार्ज किया जा सकता है। सामान्यतौर पर जूते को प्रत्येक दो दिन में चार्ज करना होता है और बैटरी पूरा चार्ज होने में करीब दो घंटे लगते हैं। इस जूते का विपणन एक अमेरिकी कंपनी कर रही है। जूते का नाम है ‘एट्रेक्स नैवीस्टार जीपीएस शूज’। इस जूते को लॉस एंजिलिस के जीटीएक्स कॉर्प और एंट्रेक्स शूज ने मिलकर बनाया है। जीटीएक्स कॉर्प ने एक जीपीएस का निर्माण किया है। वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज मैसन विश्वविद्यालय के कॉलेज आॅफ हेल्थ एण्ड ह्यूमन सर्विसेज के प्रोफेसर एंड्रयू कार्ल ने कहा कि इस जूते से कई लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा और बुजुर्गों के साथ होने वाली घटनाओं से बचा जा सकेगा।
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17-10-2012, 10:45 PM | #1093 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
भ्रातृत्व और सामाजिक संवाद से कम हो सकता है दर्द
लंदन। एक नए अध्ययन से पता चला है कि भाईचारा और सामाजिक संवाद स्नायुतंत्र से जुड़े दर्द से तेजी से उबरने में मदद मिल सकती है। टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक स्नायु चिकित्सकों द्वारा चूहे पर किये गये अध्ययन से यह बात निकलकर सामने आई । इन चूहों में से कुछ को अकेले रखा गया था जबकि अन्य के साथ उनके साथियों को भी रखा गया था। उन्होंने बताया जिन चूहों को अन्य के पास रखा गया था उन्हें स्नायुतंत्र में कम दर्द हुआ।
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17-10-2012, 10:46 PM | #1094 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
घुटना खराब कर सकता है मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले व्यायाम
लंदन। वैज्ञानिकों के नए अध्ययन के मुताबिक रोज व्यायाम करने वाली महिलाओं को अपना मासिक धर्म शुरू होने से एक सप्ताह पहले व्यायाम कम अथवा बंद कर देना चाहिए क्योंकि इस दौरान घुटने में जख्म होने का खतरा बढ जाता है। आस्टिन के टेक्सस विश्वविद्यालय और नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि महिलाओं के घुटनों का नर्व फाइबर उनके मासिक धर्म से करीब एक सप्ताह पहले अर्थात तीसरे सप्ताह में सबसे ज्यादा कमजोर होता है । ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, उनका कहना है कि नर्व फाइबर में आयी यह कमजोरी जोड़ों की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है और इससे ज्यादा खराब जख्म हो सकते हैं । खेल की दुनिया में पुरूषों से ज्यादा महिलाओं में घुटनों की परेशानी आती है विशेष तौर पर फुटबॉल जैसे खेलों में जिनमें घुटनों को मोड़ने और ज्यादा घुमाने की जरूरत होती है। अनुसंधानकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह परेशानी किसी हार्मोन से संबंधित तो नहीं है न। इसके लिए वे 19 से 35 वर्ष उम्र की महिलाओं के साथ काम कर रहे हैं। महिलाओं में अंडाणु का निर्माण शुरू होने के समय का सही आंकलन करना बहुत आसान है और उसे महज शरीर के तापमान के जरिए पता किया जा सकता है। अंडाणु के निर्माण के दौरान महिला के शरीर का तापमान बढ जाता है और नए चक्र के आरंभ से पहले उसमें अचानक कमी आती है। मासिक चक्र के दौरान हार्मोन के स्तर में भी बदलाव आता है। मासिक धर्म शुरू होने से पहले वाले सप्ताह में प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजेन के स्तरों में काफी गिरावट आती है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि मासिक धर्म शुरू होने से ठीक पहले वाले सप्ताह, सामान्य तौर पर तीसरे सप्ताह में घुटनों के नर्व फाइबर सबसे कमजोर होते हैं और उनके टूटने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इस अनुसंधान के परिणामों को कोलोराडो में आयोजित इंटेग्रेटिव बायोलॉजी आॅफ एक्सरसाइज सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।
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17-10-2012, 10:47 PM | #1095 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
मंगल पर प्लास्टिक कचरा फैला सकता है नासा का रोवर क्युरिओसिटी
लंदन। लगता है कि नासा का रोवर क्युरिओसिटी मंगल ग्रह पर कचरा फैला रहा है। रोवर से पृथ्वी पर भेजी गई तस्वीर में मंगल की धरती पर एक चमकदार वस्तु दिखाई दे रहा है, और निकट से देखने पर वह एक प्लास्टिक का रैपर लग रहा है, जो रोबोट से बाहर गिरा होगा। ‘न्यू साइंटिस्ट’ की खबर के मुताबिक, इस खोज ने रोवर के मंगल अभियान में एक नया मोड़ ला दिया है। रोवर का लक्ष्य मंगल की धरती से मिट्टी लेकर उसका रासायनिक और जैविक परीक्षण करना है। हालांकि मगंल पर कुछ और भी अज्ञात चमकदार चीजें दिख रही हैं... पहली नजर में माना जा रहा है कि वह क्युरिओसिटी से गिरी होंगी ... लेकिन वह मंगल पर मिलने वाली वस्तु भी हो सकती है । अभी तक यह रहस्य है कि वह है क्या? क्युरिओसिटी मंगल की मिट्टी को अपने कैमेस्ट्रीऔर मिनलरोलॉजी उपकरण :चेमिन: में डालने की प्रक्रिया के बीच में है। इस उपकरण में मिट्टी के बीच से एक्स किरणों की बीम भेज कर उसकी बनावट और उसमें मौजूद तत्वों के बारे में जाना जाएगा। इस दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि उसमें पृथ्वी से गई मिट्टी का एक भी कण शामिल ना हो। पहली बार मिट्टी उठाने के बाद मिली इस अज्ञात वस्तु की जांच के लिए रोवर ने तुरंत प्रक्रिया को रोक दिया और जांच में जुट गई। उसके बाद उसने 12 अक्तूबर को दूसरा नमूना लिया । क्युरिओसिटी ने मंगल पर जो गड्ढा खोदा है उसमें भी चमकदार कण मिल रहे हैं। पहले वैज्ञानिकों को लगा कि रोवर अपने ही मलबे में खुदाई करने लगा है । लेकिन बाद के जांच से पता चला कि उसमें से कुछ कण मंगल की धरती के ही हैं। नासा फिलहाल क्युरिओसिटी की मदद से उसी स्थान से मिट्टी का तीसरा नमूना लेने की तैयारी कर रहा है । यह वैज्ञानिकों को जानने में मदद करेगा कि वह चमकदार कण किसी कचरा का हिस्सा हैं या फिर वे वाकई जांच करने के लायक मूल्यवान कण हैं।
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17-10-2012, 10:49 PM | #1096 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
अल्कोहल पुरूषों से ज्यादा नुकसान महिलाओं को पहुंचाता है :अध्ययन
बर्लिन। एक नए अध्ययन से यह तथ्य सामने आया है कि एल्कोहल का सेवन करने वाली महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा मृत्यु का जोखिम अधिक होता है। जर्मनी के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एल्कोहल का सेवन करने वाली महिलाओं में मृत्यु दर उससे परहेज करने वाली महिलाओं की तुलना में 460 प्रतिशत अधिक होता है। दूसरी ओर एल्कोहोल के आदी पुरूषों में उससे परहेज करने वालों की तुलना में यह दर 190 प्रतिशत अधिक है। ग्रेफस्वाल्ड विश्वविद्यालय में एपिडेमिलाजी एण्ड सोशल मेडिसीन के प्रोफेसर उलरिक जान और उनके सहयोगियों ने 18 साल से 64 साल की उम्र के बीच के 4070 लोगों पर अध्ययन कर यह नतीजा निकाला।
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17-10-2012, 10:49 PM | #1097 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
सुबह का नाश्ता नहीं करने से बढ़ती है जंक फूड की ललक
लंदन। सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है, लेकिन यदि आपने सुबह पेटभर कर नाश्ता नहीं किया है तो इससे दिन में जंक फूड जैसी उच्च कैलोरी वाली चीजों के प्रति ललक बढती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वजन घटाने के चक्कर में भोजन छोड़ने वाले लोगों की परिणति दीर्घकाल में अधिक वजन बढने के रूप में होती है लेकिन ऐसा क्यों होता है, अभी तक इसका पता नहीं लग पाया है । इम्पीरियल कालेज लंदन में एमआरसी क्लिनिकल साइंस सेंटर के शोधकर्ता टोनी गोल्डस्टोन ने नाश्ता नहीं करने वाले लोगों के मस्तिष्क को स्कैन किया और पाया कि लंबे समय तक भोजन नहीं करने के बाद भोजन मिलने पर मस्तिष्क का एक हिस्सा अधिक कैलोरीयुक्त भोजन खाने की ललक पैदा करता है। गार्डियन में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। गोल्डस्टोन ने 25 वर्ष आयु वर्ग के आसपास के 21 पुरूषों और महिलाओं के मस्तिष्क की स्कैनिंग की। इसके बाद उन्हें भोजन की तस्वीरें दिखायी गयीं और उनसे पूछा गया कि इसमें चाकलेट, पिज्जा, सब्जियों और मछली में से कौन सी चीज उन्हें अधिक आकर्षित लगती है। इसके बाद इन लोगों को दोपहर का भोजन परोसा गया जहां उनसे कहा गया कि वे जितना चाहें, उतना खाएं । गोल्डस्टोन ने कहा, ‘कोई हैरानी की बात नहीं कि भोजन नहीं करने के चलते ये लोग भूखे थे और उन्होंने उच्च कैलोरी वाले भोजन को अधिक वरीयता दी।’
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17-10-2012, 10:53 PM | #1098 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
तृतीय विश्व युद्ध की घोषणा की तैयारी में थे जेएफके
लंदन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी ने क्यूबा के मिसाइल संकट के गहराने की सूरत में क्यूबा पर बड़ा हमला बोलने के लिए तीसरे विश्व युद्ध की घोषणा करने की तैयारी कर ली थी। शीतयुद्ध से संबंधित दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है । राबर्ट एफ कैनेडी की निजी फाइलों से जारी किए गए दस्तावेजों में बताया गया है कि यदि अक्तूबर 1962 में सामरिक परमाणु मिसाइलों से लदे सोवियत पोत क्यूबा पहुंच जाते तो जेएफके अपना ऐतिहासिक भाषण देने वाले थे। जेएफके के तैयार भाषण की शुरुआत इन शब्दों से होने वाली थी, ‘मेरे अमेरिकी साथियो, भारी दिल से और अपने पद के आवश्यक दायित्वों को पूरा करने के लिए मैंने आदेश दिया है कि अमेरिकी वायुसेना क्यूबा की धरती से प्रमुख परमाणु हथियारों के जखीरे को हटाने के लिए पारंपरिक हथियारों से सैन्य अभियान छेड़ रही है।’ इस सप्ताह क्यूबा मिसाइल संकट के 50 साल पूरे हो रहे हैं। क्रिश्चियन साइंस मॉनीटर में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और क्यूबा मिसाइल संकट के विशेषज्ञ ग्राहम ऐलीसन ने कहा है कि क्यूबा पर हमले से निश्चित रूप से तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाता और इसमें लाखों लोगों की जान जाती। राबर्ट कैनेडी ने रक्षा मंत्री राबर्ट मैकनामारा की योजना पर आगे बढ़ते हुए सोवियत संघ के गतिरोध समाप्त नहीं करने की सूरत में क्यूबा पर 500 बार विमानों से बम गिराने और उसके बाद 90 हजार सैनिकों के साथ हमला बोलने की तैयारी की थी। आरएफके के दस्तावेजों के अनुसार, ऐसा इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि जेएफके और सोवियत प्रधानमंत्री निकिता ख्रुश्चेव, दोनों को अहसास हो गया था कि जो होगा, वह बेहद भीषण होगा। दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि 1964 में माफिया की सहायता से क्यूबाई नेता फिदेल कास्त्रो को रास्ते से हटाने की भी योजना तैयार की गयी थी। माफिया और एक तथाकथित ‘पेट्रियाटिक क्यूबा एग्जाइल्स’ नामक संगठन एक लाख डालर में कास्त्रो की, 20 हजार डालर में उनके भाई राउल कास्त्रो की और 20 हजार डालर में क्रांतिकारी चे ग्वेवारा की हत्या करने पर सहमत हो गया था।
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17-10-2012, 10:54 PM | #1099 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
मोटापा से कैंसर का खतरा
नई दिल्ली। आम तौर पर मोटापा को मधुमेह, हृदय रोग और गठिया के लिए जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन नए अध्ययनों से साबित हुआ है कि यह कैंसर का भी कारण बन सकता है। नए अध्ययनों में मोटापा कैंसर के 25 से 30 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। धूम्रपान से परहेज करने वाले लोगों के लिए वजन पर नियंत्रण रखना तथा समुचित व्यायाम करना कैंसर से बचने का कारगर तरीका है। यहां स्थित धर्मशिला कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के मेडिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. अनीश मारूने कहा कि कैंसर से मुकाबला करने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसके लिए जीन की तुलना में अब मोटापा और विभिन्न रसायनों के संपर्क आदि अधिक दोषी हैं। विकिरण और वायरल संक्रमणों से भी कैंसर हो सकता है। स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सक्रिय संस्था ओरिएंट कैंसर फाउंडेशन की ओर से पिछले दिनों आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. मारूने कंैसर की रोकथाम के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने, वजन नियंत्रित रखने और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों से परहेज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि एंटीआॅक्सीडेंट्स से मुक्त रेडिकल अणुओं से मुकाबला करने में मदद मिलती है और ये कैंसर की रोकथाम में मददगार हैं। फाउंडेशन के अनुराग गुप्ता ने कहा कि कैंसर के लक्षणों की शीघ्र पहचान हो जाने पर न केवल कैंसर के इलाज पर होने वाला खर्च कम हो जाता है, बल्कि मरीज को कम कष्ट झेलना पड़ता है। उनके जीवित रहने की संभावना भी अधिक होती है।
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17-10-2012, 10:54 PM | #1100 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
दो घंटे कम सोने से भी मिट सकती है याददाश्त
लंदन। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपकी याददाश्त जा सकती है और नींद में दो घंटे की कमी से भी मस्तिष्क यादों को स्टोर करना बंद कर सकता है। पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए अपने अध्ययन में यह पाया। चूहे को कभी ज्यादा देर तक और कभी कम समय तक सोने नहीं दिया गया ताकि इसका उस पर प्रभाव पता लगाया जा सके। शोधकर्ता टेड अबेल ने कहा कि हमने पाया कि जब हम चूहे को सोने नहीं देते तो उसकी याददाश्त स्टोर की क्षमता क्षीण हो गई।
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